बालू खनन को ले ग्रामीणों में आक्रोश
मैनाटाड़ के सेढ़वा गांव के समीप बिरहा नदी से बालू खनन के खिलाफ ग्रामीणों ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में खनन के कारण नदी का प्रवाह गांव के करीब आ गया है, जिससे बाढ़ और उपजाऊ खेतों की...
मैनाटाड़। भंगहा थाना क्षेत्र अंतर्गत सेढ़वा गांव के समीप बिरहा नदी से बालू खनन को लेकर दर्जनाधिक ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करते हुये बालू खनन बंद करा दिया। ग्रामीण धनीलाल कुमार कुशवाहा, रितेश यादव, रंजन साह, धनंजय यादव, रामप्रवेश महतो श्याम बिहारी महतो, अरविंद कुमार,नीतीश कुमार, श्याम बाबू कुमार आदि ने बताया कि दो साल पहले सेढ़वा घाट से उत्तर की तरफ बिरहा नदी में बालू खनन के कारण ही बिरहा नदी हमलोगों के गांव के एकदम करीब पहुंच गया है। जिसके कारण दो सालों में कई बार बाढ़ आने से परेशानी है। बहुत सारे उपजाऊ खेत की मिट्टी को नदी के द्वारा काटकर उसे रेत में तब्दील कर दिया गया है। आज फिर वही खनन करने के काम शुरू किया जा रहा है ।हम लोग खनन नहीं होने देंगे ,क्योंकि खनन से सेढ़वा गांव के अस्तित्व पर संकट खड़ा हो सकता है। अगर खनन होता तो सेढ़वा गांव की तरफ ही बिरहा नदी की धार मुड़ जायेगी। जिससे कि गांव का अस्तित्व ही खत्म हो जायेगा। इधर, जिला खनन पदाधिकारी घनश्याम झा ने बताया कि चि्ह्तित जगह का बालू खनन के जिला से सर्वे हुआ है। उसके बाद अनुमंडलीय कमिटि के द्वारा चिह्नित जगह पर खनन के पटना भेजा गया।जिला के एनआईसी पर भी वर्ष 2021-22 में ही चि्ह्तित जगह पर बालू खनन से संबंधित अपलोड किया गया था। जिस पर किसी ने आपत्ति भी दर्ज नहीं करायी। ऐसे में उस जगह पर सरकार के द्वारा खनन के लिए बंदोबस्त कर दिया गया। ऐसे में वहां से खनन होना वैध है।
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