जलापूर्ति योजना फेल, फॉगिंग भी ऑफिसर्स कॉलोनी तक ही सीमित
बेतिया नगर निगम क्षेत्र में जाम और जलापूर्ति की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। स्कूली बच्चों को जाम के कारण परेशानी होती है और 80% लोग शुद्ध पेयजल के बिना हैं। नगरवासियों ने ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार और...
बेतिया नगर निगम क्षेत्र में एक नहीं कई समस्याएं हैं। जाम से लेकर मच्छर तक से लोग परेशान हो रहे हैं। शहर में रोज-रोज लगने वाले जाम की समस्या से स्कूली बच्चों को परेशानी हो रही है। ट्रैफिक व्यवस्था सुदृढ़ नहीं होने के कारण बच्चों व अभिभावकों के साथ आमलोगों को भी जाम से फजीहत झेलनी पड़ रही है। नगर के आईटीआई चौक, कलेक्ट्रेट चौक, तीन लालटेन चौक, सोवा बाबू चौक, दुर्गा बाग, बंगाली कॉलोनी, हॉस्पिटल रोड समेत नगर के दो दर्जन से ज्यादा चौक चौराहे पर प्रतिदिन सुबह 11 से लेकर दोपहर 3 बजे तक भीषण जाम लगता है। उसी दौरान सभी स्कूलों की छुट्टी होती है। जाम में फंसकर भीषण गर्मी में छोटे-छोटे स्कूली बच्चे पसीने से तर-बतर हो जाते हैं। घंटों जाम में फंसने से बच्चों को ज्यादा परेशानी होती है।
पवन कुमार सिंह, रवींद्र कुमार सिंह, योगेंद्र राम, अधिवक्ता रश्मि राव, राघवेंद्र पाठक, अरुण कुमार सिंह ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से फेल है। चौक चौराहों पर सबसे अधिक जाम गलत ड्राइविंग के कारण लगता है। ई रिक्शा, बाइक व अन्य वाहनों के चालक ट्रैफिक नियम का पालन नहीं करते हैं। इससे संकड़ी सड़कें पूरी तरह से बंद हो जाती है। जाम के कारण ही रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन तक पहुंचने में देरी से ट्रेन और बस छूट जाती है। कोर्ट कचहरी आने वाले लोगों को भी परेशानी होती है। खासकर मरीजों को हॉस्पिटल तक पहुंचने में मशक्कत करनी पड़ती है। जाम में एंबुलेंस तक फंस जाता है। अधिवक्ता राम मनोहर राव, सूबेदार मेजर मुन्ना सिंह, अवधेश पांडे, प्रेम मलिक, राजबली राम ने बताया कि जाम के लिए ट्रैफिक पुलिस के साथ व्यवसायी भी दोषी हैं। दुकान के सामने सड़क के फुटपाथ पर सामान रखने से पैदल यात्रियों को चलने में परेशानी होती है। स्कूली बस, ट्रैक्टर, पिकअप, बोलेरो आदि गाड़ियों पर भी नो एंट्री होनी चाहिए। आठ बजे सुबह के बाद और शाम 6 बजे के पहले ट्रक-बस के साथ-साथ इन गाड़ियों के प्रवेश पर रोक लगनी चाहिए। शहर में मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है। फागिंग नहीं होने से नगरवासी परेशान हैं। सुकई राम, मुन्ना सिंह आदि ने बताया कि सिवरेज सिस्टम दुरुस्त नहीं है। बरसात के दिनों में जलजमाव से लोगों को परेशानी होती है। चंद्रावत और कोहड़ा नदी के अतिक्रमण से शहर के पानी की निकासी अवरुद्ध है। हॉस्पिटल रोड, संत घाट रोड, मीना बाजार रोड समेत आधे दर्जन से ज्यादा नगर की सड़कें खस्ताहाल है। पवन कुमार सिंह, संजय सिंह ने कहा कि नवअधिग्रहित क्षेत्र में अभी तक हर घर जल नल योजना चालू नहीं की गई है। इसके कारण लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो रहा है। शहरी जलापूर्ति योजना कागजों में सिमट कर रह गई है। अधिकांश क्षेत्र में पानी की आपूर्ति बाधित है। जबकि प्रचंड गर्मी से आमलोग बेहाल हैं। बुडको की सारी योजनाएं कागजों में चल रही है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। निगम क्षेत्र में सड़क जर्जर होने से लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
प्रस्तुति- श्रीकांत तिवारी
80 फीसदी लोगों को नहीं मिल रहा जलापूर्ति का लाभ
नगर निगम के 80 फीसदी लोगों को शहरी जलापूर्ति योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। नव अधिग्रहित वार्डों में 3 वर्षों में इस योजना का विस्तार नहीं किया गया है। दीनानाथ प्रसाद, सुकई राम, मुन्ना सिंह, संजय सिंह आदि ने बताया कि 2001 से 80 फीसदी लोगों को शहरी जलापूर्ति का लाभ नहीं मिल रहा है। अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है। 3 साल पहले नगर परिषद को विस्तारित करते हुए बेतिया प्रखंड की सात पंचायतों को नगर निगम में शामिल किया गया। इसमें पेयजल की जिम्मेवारी पीएचईडी से हटाकर बुडको को सौंपी गई। लेकिन 3 सालों तक यहां नल से पानी नहीं टपका है। जबकि यहां की अधिकतर आबादी मजदूरी और खेती पर निर्भर है। उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वे अपने घरों में बोरिंग करा सकें। बोरिंग नहीं होने के कारण आज भी ये लोग चापाकल का आयरन युक्त पानी पीने के लिए मजबूर है।
शकुंतला देवी, राकेश पासवान ने बताया कि जब हम लोग पंचायत में थे। तो हर घर नल का लाभ मिलता था। लेकिन आज नगर निगम में हम लोग शामिल हो गए। तो 3 वर्षों से नल से पानी नहीं टपक रहा है। इसके कारण गर्मी में परेशानी बढ़ गई है। संतोष कुमार सिंह, अमरनाथ गुप्ता उर्फ भोला ने बताया कि पुराने मोहल्ले में भी जलापूर्ति बाधित है। अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती है। शहरी जलापूर्ति योजना की जांच होनी चाहिए।
नगर के सभी प्रमुख चौक-चौराहों पर यातायात पुलिस की तैनाती की गयी है। इसके चलते नगर में लगने वाले जाम में काफी सुधार हुआ है। अगर किसी प्रमुख चौक-चौराहों पर जाम की समस्या कभी उत्पन्न होती है तो स्थानीय लोग संबंधित पदाधिकारियों को सूचना दें। अविलंब कार्रवाई की जाएगी। सड़क पर दुकान लगाने वाले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
रंजन कुमार सिंह, यातायात डीएसपी
नगर निगम के नव अधिग्रहित क्षेत्र में शहरी जलापूर्ति योजना के तहत 68 करोड़ की लागत से 7 वार्डों में हर घर नल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रस्ताव की प्रशासनिक स्वीकृति के लिए शहरी विकास विभाग को भेजा गया है। प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद टेंडर की प्रक्रिया जारी होगी। टेंडर की प्रक्रिया फाइनल होते ही निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। लोगों की परेशानी को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
विश्वजीत कुमार, सहायक अभियंता, बुडको
सुझाव
1. नगर में प्रतिदिन फागिंग होनी चाहिए। मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। फागिंग के फर्जीवाड़े की जांच होनी चाहिए।
2 आठ बजे के बाद और शाम के 6 बजे के पहले ट्रक, बस, ट्रैक्टर ट्रॉली, पिकअप, बोलेरो के प्रवेश रोक लगनी चाहिए।
3. सीवरेज सिस्टम को दुरुस्त करना होगा। चंद्रावत नदी और कोहडा नदी को अतिक्रमण मुक्त किया जाना चाहिए।
4. नगर की सड़कों के मेंटेनेंस की पॉलिसी बननी चाहिए। 5 सालों तक मेंटेनेंस पॉलिसी बनाकर निर्माण कार्य होना चाहिए।
5. सड़क अतिक्रमण हटाओ अभियान प्रतिदिन चलना चाहिए। तीन बार से अधिक दोषी पाए जाने वाले पर सख्त कार्रवाई हो।
शिकायतें
1. प्रतिदिन तीन लालटेन चौक, कलेक्ट्रेट चौक, बंगाली कॉलोनी, सोआ बाबू चौक, समेत दर्जनों चौक चौराहो पर जाम लगता है।
2. 11 बजे से लेकर 3 बजे तक शहर में जाम लगने से स्कूली बच्चों को परेशानी होती है। परेशानी में मरीज भी शामिल हैं।
3. फागिंग के नाम पर लूट खसोट हो रही है। केवल कोरम पूरा किया जा रहा है। मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है।
4. नगर की अधिकांश सड़कें जर्जर है। सड़क जर्जर होने के कारण ह आए दिन कोई न कोई घटनाएं घटती रहती है।
5. शहरी जलापूर्ति योजना फेल है। 80 फीसदी शहरवासियों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है। इससे परेशानी होती है।
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