कौआहा सरेह में डेरा जमाये है बाघ
नरकटियागंज/गौनाहा | हसं/एसं वीटीआर के मंगुरहा वन क्षेत्र से बाहर निकलकर एक बाघ रिहायशी...
नरकटियागंज/गौनाहा | हसं/एसं
वीटीआर के मंगुरहा वन क्षेत्र से बाहर निकलकर एक बाघ रिहायशी क्षेत्र में पहंुच गया है।वह कौआहा व आस पास के सरेह में डेरा जमा लिया है। बाघ की इस चहलकदमी से आस पास के गांव के लोगों में भय व दहशत व्याप्त है। रविवार की सुबह यह बाघ कौआहा के बगल के गांव बैरटवा के पास सरेह में देखा गया है।
ग्रामीण सुबह सरेह में गये थे तो उन्होंने बाघ को गन्ने के खेत में घुसते देखा। उन्होंने ग्रामीणों को इसकी सूचना दी। देखते ही देखते यह खबर आस पास के गांव श्रीरामपुर, भितिहरवा, पिपरिया, सिसही, परसा , शेरवा तक फैल गयी। बैरटवा के ग्रामीण काशी यादव, अर्जुन माझी, कन्हैया माझी एवं नारायण यादव आदि ने बताया कि बाघ गांव से पूरब सरेह में लक्ष्मी साह के गन्ने के खेत में है। उन्होंने बताया कि आस पास के खेत में लगी गन्ने की फसल कट गयी है ऐसे में बाघ ने गन्ना लगे इस खेत को अपना आशियाना बना लिया है। ग्रामीण कहते हैं कि पिछले तीन दिनों से बाघ बैरटवा, श्रीरामपुर व कौआहा के बीच सरेह में चहलकदमी कर रहा है। तीनों गांव के सरेह में आपस में सटे हुए हैं। मंगुराहा के रेंजर सुनिल कुमार पाठक ने बताया कि यह वही बाघ है जो सिसई से लेकर हरपुर तक चहलकदमी कर रहा था। अब यह पंडई नदी पार कर कौआहा से बैरटवा तक चहलकदमी कर रहा है। उन्होंने बताया कि बाघ के ट्रैकिंग में वनकर्मी जुटे हुए हैं और वे बाघ का रूख जंगल की तरफ मोड़ने का पूरा प्रयास कर रहे हैं।
गन्ना की फसल कटने पर ही बाघ से मिल सकती है निजात: जंगल से लेकर रिहायशी क्षेत्र तक फैले गन्ने के खेतों के रास्ते बाघ रिहायशी क्षेत्र तक पहंुचते हैं। हालांकि गन्ने की अधिकतर फसल कट चुकी है। अब कुछ ही खेतों में गन्नी की फसल बची हुयी है।
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