तीन दिनों में दो भैसों को बाघ ने बनाया शिकार
मंगुराहा वन क्षेत्र के आस पास के गांवों में बाघों की चहलकदमी फिर से तेज हो गयी है। जंगल से निकलर यूं रिहायशी इलाकों में बाघों के पहंुच जाने से गौनाहा, मंगुराहा, रूपवलिया, नौका टोला, तुरहा पट्टी, मनी...
मंगुराहा वन क्षेत्र के आस पास के गांवों में बाघों की चहलकदमी फिर से तेज हो गयी है। जंगल से निकलर यूं रिहायशी इलाकों में बाघों के पहंुच जाने से गौनाहा, मंगुराहा, रूपवलिया, नौका टोला, तुरहा पट्टी, मनी टोला, परसा, सिसही, रमपुरवा आदि गांवों में दहशत का माहौल है। पिछले तीन दिनों में बाघ ने दो भैंसों को मार दिया है। दो मवेशियों के मार दिये जाने से मवेशी पालकों की चिंता बढ़ गई है।
गौरतलब हो कि शुक्रवार को बाघ ने परसा गांव के जंगी यादव की भैंस को मार दिया था। उसके बाद से वनकर्मी उक्त बाघ के पैरों के निशान का अभी आकलन करने में जुटे ही थे कि इधर, गौनाहा में भी एक अन्य भैंस को बाघ ने मार दिया। रेंजर सुनील कुमार पाठक ने बताया कि बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए वनकर्मियों की टीम गौनाहा व सिसही गांव के बीच लगातार गश्त लगा रही है। बाघ का रूख जंगल की तरफ मोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।परसा, सिसही व मनीटोला तथा गौनाहा के ग्रामीण कहते हैं कि बाघ के डर से मवेशियों को सरेह में ले जाने में पहले ही डर लगता था लेकिन अब तो घर में भी बाघ घुसकर मवेशियों को मार रहे हैं। ऐसे में वन विभाग को इस दिशा में कोई ठोस पहल करनी चाहिए ताकि जानवर रिहायशी क्षेत्रों में न आ सके।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।