Hindi Newsबिहार न्यूज़बगहाThere are many hot spots in the natural beauty of both the litigants

दोन की वादियों में कई प्राकृतिक सौन्दर्य से लवरेज हैं कई हॉट- स्पॉट

नये साल का स्वागत प्रकृति की गोद में मनाने का इरादा रखने वालों के लिए दोन बेहतर विकल्प बन सकता है। वीटीआर के बीचों- बीच बसे दोन क्षेत्र के गांवों में रूरल टूरिज्म की सभी खूबियां मौजूद है। यहां...

Newswrap हिन्दुस्तान, बगहाSun, 29 Dec 2019 11:55 PM
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नये साल का स्वागत प्रकृति की गोद में मनाने का इरादा रखने वालों के लिए दोन बेहतर विकल्प बन सकता है। वीटीआर के बीचों- बीच बसे दोन क्षेत्र के गांवों में रूरल टूरिज्म की सभी खूबियां मौजूद है। यहां प्राकृतिक सौन्दर्य से लवरेज कई हॉट-स्पॉट भी स्थित है। यहां पर्यटकों को प्रकृति से आत्मसाक्षात्कार करने का मौका मिलता है। इसी हॉट स्पॉट में से है नौरंगिया दोन में वन विभाग के विश्रामागार व इसके समीप स्थित ईको हट। तीन तरफ वन से घिरे इस परिसर में बैठकर प्रकृति से साक्षात्कार करने का अवसर प्राप्त होता है। यहां पर्यटकों को सुविधा के लिए सभी तरह की सुविधाएं मौजूद है। जेनसेट के साथ- साथ जाडे़ के दिनों में गरम पानी समेत अन्य सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए सोलर गीजर एवं अन्य प्रबंध भी वन विभाग के स्तर पर है। यहां प्रकृति के बीच रात गुजारने का मजा ही कुछ और है। नये वर्ष पर ईको हट पहले से ही बुक है। इको हट के नो रूम होने के कारण विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन बुकिंग की तलाश करने वालों को निराशा हाथ लग रही है। वही कमरछीनवा दोन के समीप स्थित भीम ताल व बेला टॉडी से निकलने वाली प्राकृतिक जल धारा आदि स्थल भी प्राकृतिक सौन्दर्य से लवरेज है। पिपरा दोन के जगंलों के बीच स्थित हटी माई के स्थान पर पूजा-अर्चना करने का मौका भी इस यात्रा के दौरान मिल सकता है।

नौरंगिया दोन में अभी वन विभाग की तरफ से जगंल सफारी की सुविधा उपलब्ध नही है। इससे यहॉ जगंल सफारी को लेकर आने वालो को थोडी निराशा हाथ लग सकती है।

दोन के गांवो ंमें ले सकते है रूरल टूरिज्म का मजा: दोन क्षेत्र में बसे 22 छोटे बड़े गांव व टोले में रूरल टूरिज्म का आनंद भी लिया जा सकता है। इन गांवों में आज भी लकड़ी के मकान दिखाई पड़ते है। यहां के लोग लकड़ी के बने एक मंजिल व दो मंजिल के मकान में रहना पसंद करते हैं। थारू बाहुल्य इस क्षेत्र के नागरिकों की सहदयता तो सोेने में सुहागा का काम करती है। इनका प्रेम तो पूरे क्षेत्र में प्रसिद्ध है। यहां के कचनार के फूलों की पकौडियों का स्वाद बिना यहां की यात्रा व्यर्थ है। यहां का आनंदी का भूजा व दही का स्वाद तो पूरे क्षेत्र में प्रसिद्ध है। इनके स्वाद लिये बिना यहॉ की यात्रा अधूरी है। यहां पहुंचने के लिए प्राइवेट टैक्सी या फिर निजी वाहन ही माध्यम है।

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