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चाहत सेना में भर्ती होने की, बन गये सिक्यूरिटी गार्ड

बगहा के कैलाशनगर के 27 वर्षीय रमन कुमार का सपना सेना में शामिल होने का था, लेकिन स्थायी निवास प्रमाण-पत्र न मिलने के कारण वह सरकारी नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर सके। उन्होंने सिक्यूरिटी गार्ड की नौकरी...

Newswrap हिन्दुस्तान, बगहाFri, 3 Jan 2025 10:35 PM
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बगहा। बगहा पुलिस जिले के नगर परिषद क्षेत्र के कैलाशननगर का 27 वर्षीय रमन कुमार पंजाब के लुधियाना स्थित स्टील इंडस्ट्रीज में सिक्यूरिटी गार्ड है। नौवीं कक्षा से ही उसका सपना था कि सेना में जाये। वह सुबह में कैलाशनगर से दौड़ते हुए विमल बाबू खेल मैदान में चक्कर लगाते थे। लांग जंप व हाई जंप मारने समेत कई तरह के कसरत करते थे। ऐसा करते-करते उसने मैट्रिक व इंटर पास कर ली। 18 वर्ष आयु हुई तो सेना की वैकेंसी निकली। आवेदन करने के लिए स्थायी निवास प्रमाण-पत्र की जरूरत थी। वह अंचल कार्यालय के चक्कर लगाते रह गये, लेकिन प्रमाण-पत्र नहीं बना। अंचल कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते उनकी उम्र निकल गई। तब परिवार चलाने के लिए उसने सिक्यूरिटी गार्ड की नौकरी कर ली। अपने ही देश में रमन खुद को स्थायी निवासी साबित करने में नाकाम रहा। कैलाशनगर में 70 फीसदी युवा पढ़ने-लिखने के बाद भी निजी कंपनियों में ही काम कर पाते हैं, सरकारी नैकरी उनके लिए सपना बना हुआ है। 30 फीसदी लोगों ने जमीन खरीद लिया, इससे उन परिवारों का स्थायी प्रमाण-पत्र बन गया। वैसे ही परिवारों के युवा सरकारी नौकरी में हैं। युवा मोहन कुमार, राजेन्द्र प्रसाद बुधन यादव, गोवर्धन कुमार, विनायक, मंजीत प्रसाद आदि ने बताया कि हमलोग ने पढ़ाई के दौरान सोचा था कि मेहनत करेंगे और सरकारी नौकरी को पा कर ही रहेंगे। यहां के युवाओं के सरकारी नौकरी की राह में स्थायी प्रमाण-पत्र बाधा बना हुआ है।

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