उजाड़े नहीं, वेंडिंग जोन बनाकर जगह दे प्रशासन
नगर निगम के फुटपाथी दुकानदार 25 वर्षों से वेंडिंग जोन का इंतजार कर रहे हैं। अतिक्रमण के नाम पर उनके ठेले नियमित रूप से क्षतिग्रस्त किए जाते हैं। वे खुले में काम करने को मजबूर हैं, जिससे उनकी आर्थिक...
नगर निगम के फुटपाथी दुकानदारों को 25 वर्षों से वेंडिंग जोन का इंतजार है। कभी गर्मी तो कभी बरसात में सड़क किनारे खुले में व्यवसाय करने के लिए फुटपाथी दुकानदार विवश हैं। अतिक्रमण के नाम पर महीने में तीन से चार बार नगर निगम के बुलडोजर उनके ठेले-खोमचे को क्षतिग्रस्त कर देते हैं। इनलोगों का कहना है कि सड़क पर दुकान लगाते हैं, लेकिन इसके लिए पीछे के दुकानदार और संबंधित जमादारों और पार्षदों को शुल्क देना पड़ता है। शहर में सभी जगहों का रेट तय है। फुटपाथी दुकानदार इमरोज खान, एजाज अहमद, लाल मोहम्मद, दीपक कुमार जायसवाल आदि ने बताया कि 25 वर्षों से हम लोग फुटपाथ पर कारोबार करते आ रहे हैं। लेकिन निगम की ओर से अब तक वेंडिंग जोन बनाकर व्यवस्थित नहीं किया गया।
कड़ाके की ठंड, भीषण गर्मी और बारिश में भी हमलोग खुले आसमान के नीचे दुकान लगाने के लिए मजबूर हैं। नगर निगम द्वारा हम सभी फुटपाथी दुकानदारों को चिह्नित कर पहचान पत्र बना दिया गया। कार्ड के आधार पर अधिकतर दुकानदारों को बैंकों की ओर से कर्ज मुहैया कराया गया। लेकिन कभी अतिक्रमण हटाओ तो कभी नाले की सफाई को लेकर हमारी दुकानों को उजाड़ दिया जाता है। दुकान बंद होने से बैंक का किस्त हम लोग नहीं दे पाते हैं। स्थायी दुकान नहीं होने की वजह से प्रतिदिन सामान समेट कर घर ले जाना पड़ता है। बारिश के दिनों में प्लास्टिक टांगकर किसी तरह दुकानदारी करते हैं लेकिन तेज बारिश में बहुत परेशानी होती है। तब दुकान बंद करना ही एक मात्र रास्ता बचता है। हालत ऐसी है कि सही ढंग से हम परिवार का भरण-पोषण नहीं कर पा रहे हैं। बच्चों की शिक्षा की बात कौन कहे, दो जून की रोटी के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है। सरकारी योजना का लाभ हम लोगों को नहीं मिलता है। पूंजी के अभाव में बेहतर ढंग से कारोबार नहीं कर पाते हैं। स्थायी दुकान नहीं होने से हमारी आने वाली पीढ़ी पलायन कर रही है। 80 फीसदी फुटपाथी दुकानदार कारीगर है।
प्रत्येक क्षेत्र में काम करने का हमलोगों में हुनर है। लेकिन श्रम विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ हमें नहीं मिलता है। पांच साल पहले नगर निगम के चुनाव के दौरान जन प्रतिनिधियों ने वादा किया था कि सत्ता में आने पर नगर क्षेत्र में वेडिंग जोन बनेगा। एक हजार से अधिक फुटपाथी दुकानदारों को इसका इंतजार है। यह क्रम लगभग 25 वर्षों से चल रहा है। लेकिन आज तक हमें स्थायी दुकान या वेंडिंग जोन नहीं मिल सका है। बार-बार बुलडोजर चलने से आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। साल में मात्र 6 महीने ही हम लोग अपना कारोबार कर पाते हैं। अत्यधिक गर्मी, बरसात और ठंड पड़ने पर हम लोगों की दुकानें लगभग छह माह तक बंद रहती है। शहर में मॉल खुल जाने से हमलोगों का कारोबार प्रभावित हो गया है। मशक्कत करने बाद भी हमलोग मुश्किल से प्रतिदिन 300 से 400 रुपए कमा पाते हैं। महंगाई के दौर में इतने कम पैसे में परिवार का खर्च चलाना मुश्किल काम है। पैसे के अभाव में हम लोग अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं। परिवार में शादी-विवाह, बीमारी होने पर साहूकारों से कर्ज लेना पड़ता है। उस महंगे कर्ज की भरपाई करने के लिए हमें जी-तोड़ मेहनत करनी पड़ती है। उसके बावजूद भी हम लोग कर्ज के बोझ तले दबे रहते हैं। फुटपाथी दुकानदारों को स्थायी रूप से दुकान के लिए जमीन उपलब्ध करायी जानी चाहिए। शहर में वेंडिंग जोन का निर्माण हो। स्थायी दुकान हो जाने पर फुटपाथी दुकानदारों को बैंकों से कर्ज आसानी से मिलेगा। बेहतर ढंग से व्यवसाय हो पाएगा। फुटपाथी दुकानदारों को आसान किस्तों पर लोन की व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि पूंजी के अभाव में व्यवसाय प्रभावित नहीं हो। बार-बार नाली सफाई और अतिक्रमण हटाओ अभियान पर रोक लगनी चाहिए। इससे काफी परेशानी होती है। फुटपाथी दुकानदारों को सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। ताकि परिवार का भरण पोषण कर सकें।
स्थायी दुकान हो जाने से हमारी आने वाली पीढ़ी बेहतर ढंग से काम कर पाएगी। हमारे बच्चों को आरटीई का लाभ मिलना चाहिए। निगम की ओर से फुटपाथी दुकानदारों के लिए पहचान पत्र बनाया गया है। पहचान पत्र बन जाने के बाद भी 5 वर्षों में हम सभी को स्थायी रूप से दुकान के लिए जगह आवंटित नहीं किया गया। इससे हमलोग आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। स्थायी रूप से दुकान का संचालन नहीं होने से व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। हमलोग रोज कमाने खाने वाले लोग हैं। दुकान बंद होने से घर का बजट खराब हो जा रहा है। गर्मी, बरसात, आंधी, तूफान के समय भी हमें खुले में रहना पड़ता है। इसमें हम लोगों के सामान को काफी क्षति होती है। 25 वर्षों से हमलोग कारोबार करते आ रहे हैं। लेकिन अभी तक जिला प्रशासन की तरफ से स्थायी दुकान की समस्या का समाधान नहीं किया गया है।
प्रस्तुति- श्रीकांत तिवारी/शत्रुघ्न शर्मा
वेंडिंग जोन को लेकर नगर निगम में मामला प्रस्तावित है। इस मामले में जैसे ही बोर्ड कोई निर्णय लेती है आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। स्थल के चयन को लेकर भी विचार चल रहा है। जल्द निर्णय की उम्मीद है।
विनोद कुमार, नगर आयुक्त
सुझाव
1.फुटपाथी दुकानदारों को स्थायी रूप से दुकान के लिए जमीन उपलब्ध करायी जाए। शहर में वेंडिंग जोन का निर्माण हो।
2.स्थायी दुकान हो जाने पर फुटपाथी दुकानदारों को बैंकों से कर्ज आसानी से मिलेगा। बेहतर ढंग से व्यवसाय हो पाएगा।
3.फुटपाथी दुकानदारों के लिए आसान किस्तों पर लोन की व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि पूंजी के अभाव में व्यवसाय प्रभावित नहीं हो।
4.बार-बार नाली सफाई और अतिक्रमण हटाओ अभियान पर रोक लगनी चाहिए। इससे काफी परेशानी होती है।
5.फुटपाथी दुकानदारों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। स्थायी दुकान हो जाने से बेहतर ढंग से काम कर पाएंगे।
शिकायतें
1.बार-बार अतिक्रमण के नाम पर दुकान उजाड़ दी जाती है। इससे हमें क्षति होती है। इसका स्थायी समाधान निकले।
2.चुनाव के बाद शहर में वेंडिंग जोन बनाने का वादा किया गया, लेकिन आज तक नहीं बना।
3.कार्ड बन जाने के बाद भी 5 वर्षों में हम सभी को स्थायी रूप से दुकान के लिए जगह आवंटित नहीं की गयी।
4. स्थायी रूप से दुकान का संचालन नहीं होने से व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। हम लोग रोज कमाने खाने वाले व्यक्ति हैं। दुकान बंद होने से घर का बजट गड़बड़ हो जा रहा है।
5.गर्मी, बरसात, आंधी, तूफान के समय भी हमें खुले में रहना पड़ता है। इसमें हम लोगों के सामान की काफी क्षति होती है। क्षति की भरपाई करने में काफी परेशानी होती है।
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