नालंदा ज्ञान कुंभ कलश यात्रा का भव्य स्वागत
बेतिया में नालंदा ज्ञान कुंभ सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें प्राचार्य प्रो.(डॉ) राजेश कुमार सिंहा ने कहा कि विकसित भारत के लिए युवाओं का साथ जरूरी है। बिहार के विभिन्न महाविद्यालयों से प्रतिभागियों ने...
बेतिया। भारत की ज्ञान परंपरा शुरू से ही पुरातन और सनातन रही है। तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालय इसके जीवंत प्रमाण है विकसित भारत व भारत को विश्वगुरु के महान लक्ष्य प्राप्ति के लिए देश के युवाओं का साथ जरूरी है। उक्त बातें नालंदा ज्ञान कुंभ सम्मेलन के संयोजक बीआरए बिहार विश्व विद्यालय के प्रतिनिधि सह एलएनडी कॉलेज मोतिहारी के प्राचार्य प्रो.(डॉ) राजेश कुमार सिंहा ने कहीँ। शुक्रवार को नगर के राम लखन सिंह यादव महाविद्यालय परिसर में राज्य के विभिन्न जिलों के विश्वविद्यालय और महाविद्यालय से घूमता हुआ ज्ञान कुंभ बेतिया के राम लखन सिंह यादव कॉलेज पहुंचा। उन्होंने कहा कि देश व्यापी अभियान का केंद्र अपना बिहार का बन जाना हम एक एक बिहारी का परम सौभाग्य है। कॉलेज के प्राचार्य प्रो अभय कुमार की अध्यक्षता में आयोजित जिलास्तरीय प्रेरक संकल्प सभा का आयोजन सम्पन्न हुआ। जहां सैकड़ों प्रतिभागियों के द्वारा नालंदा ज्ञान कुंभ आयोजन समिति स्तर से जारी संकल्प पत्र को भरने के साथ इस अभियान के प्रति अपना समर्थन और प्रतीकात्मक सहभागिता का हस्ताक्षर पत्र सौंपा। प्राचार्य ने कहा कि कभी अपने देश का रहे नालंदा व तक्षशिला विश्वविद्यालय कालीन ज्ञान परम्परा का समृद्ध इतिहास रहा था। नालंदा में नौ मंजिल का सिर्फ पुस्तकालय था। लेकिन हमने धीरे-धीरे अपने सारे धरोहरों को खो दिया। रथ यात्रा के स्वागताध्यक्ष और नौतन के झखरा में संचालित ईश्वर शांति महाविद्यालय के अध्यक्ष ज्ञानेंद्र शरण ने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए प्रस्तुत संकल्प पत्र के अनुरूप हमें अपनी मां के साथ मातृभूमि, मातृभाषा, मातृ संस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता और सम्मान देना वास्तव में सर्वोपरि होना चाहिए।
सीहोर और सीतामढ़ी के लिए रवाना हुआ ज्ञान कुंभ रथ:
राम लखन सिंह यादव कॉलेज के बाद कलश यात्रा रथ शिवहर और सीतामढ़ी जिले में अभियान की जागरूकता बढ़ाने के लिए रवाना हुआ। जहां के महाविद्यालय में जाकर हुए लोगों को जागरूक करेगा। मौके पर आरएलएसवाई कॉलेज बर्सर डॉ. विनोद कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ. दिग्विजय प्र.यादव, डॉ.आरके राय, डॉ.धनंजय पांडेय, डॉ.प्रदीप कुमार, डॉ.नागेश प्रसाद, डॉ.नेहा कुमारी, विजय कुमार यादव, बबलू कुमार, आदित्य कुमार, अभिजीत कश्यप की प्रमुख भागीदारी रही। वही ईश्वर शांति महाविद्यालय के सचिव सत्येंद्र शरण, प्राचार्या सबा खानम, डॉ. नूतन श्रीवास्तव, डॉ. विंदू विमल, डॉ.राहुल चतुर्वेदी, राम इकबाल, रजनीश मिश्रा आदि की भी कार्यक्रम की सफलता में रचनात्मक भागीदारी रही।
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