एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न
बेतिया में एक कार्यशाला के दौरान, पूर्व न्यायाधीश सगीर आलम ने कहा कि न्याय की अवधारणा व्यक्ति के जन्म से शुरू होती है, विशेषकर महिलाओं के लिए। उन्होंने मानवता और सहृदयता पर जोर दिया। अधिवक्ता परिषद...

बेतिया। न्याय की प्रथम अवधारणा व्यक्ति के जन्म से ही हो जाती है। खासकर महिला तो न्याय की एक विशेष पहलू है। बशर्ते मन सहृदय हो। उक्त बातें अवकाश प्राप्त न्यायाधीश सगीर आलम ने रविवार को नील गंगा होटल में आयोजित अधिवक्ता परिषद बिहार की कार्यशाला सह कार्यसमिति के आयोजन के अवसर पर कही। प्रदेश संयोजक प्रमुख सह उपाध्यक्ष आमोद कुमार सिंह ने कहा कि परिषद की स्थापना वर्ष 1992 में हुई थी। मौके पर प्रदेश महामंत्री धरणीधर सिंह,जिला अध्यक्ष अधिवक्ता रविंद्र कुमार सिंह कोषाध्यक्ष सह महिला प्रमुख डॉक्टर शोभा चौबे, परिषद के प्रदेश अध्यक्ष महेश प्रसाद सिंह आदि थे।
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