रमना में बेहतर पिच, प्रशिक्षण व समतल मैदान हो तो खिलाड़ियों का बजेगा डंका
बेतिया में आईपीएल का उत्साह है, लेकिन यहां के क्रिकेटरों को सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। बड़ा रमना मैदान में केवल कुछ पिचें बचे हैं और अन्य मैदानों की स्थिति खराब है। खिलाड़ियों को...
आज कल टीवी पर आईपीएल की धूम है। पिछले दो माह से दिन रात लोग क्रिकेट देख रहे हैं। युवा क्रिकेट प्रेमियों में इस खेल को लेकर गजब का उत्साह है। लेकिन सुविधाओं केअभाव में जिले के क्रिकेटरों को आगे बढ़ने का मौका नहीं मिल रहा। बेतिया शहर के बड़ा रमना मैदान में ही अब केवल क्रिकेट का पिच बचा हुआ है। अधिकांश मैदानों में अब क्रिकेट पिच तक नहीं बचे हैं। पूर्व में राज देवड़ी और पुलिस लाइन समेत कई छोटे बड़े मैदान में बच्चों को क्रिकेट खेलने के लिए पिच उपलब्ध थे। लेकिन आज सभी मैदान से क्रिकेट के पिच गायब हो चुके हैं। हालात ऐसे हैं कि रमना मैदान भी सिकुड़ गया है। यहां पर क्लबों के लिए पिच की कमी हो गई है। रमना में 15- 16 क्रिकेट के क्लब चलते हैं। लेकिन पिच की संख्या एक दर्जन भी नहीं है। 5- 6 पिच पर सुबह शाम बच्चे क्रिकेट खेलते हैं। जबकि ड्यूज बॉल से खेलने के लिए एक दो सिमेंटेड को छोड़कर कोई भी पिच ठीक नहीं है। यहां तक कि मैदान भी उबड़-खाबड़ है। इससे फील्डरों को चोटिल होने का डर सताता रहता है। रमना के आयुष जायसवाल ने कहा कि वह क्रिकेटर बनना चाहता है। लेकिन यहां पर प्रैक्टिस के लिए संसाधन की कमी है। घर दूर होने के बावजूद अगल-बगल मैदान नहीं होने पर वह यहां पर खेलने आता है। लेकिन मैदान में चारों तरफ मवेशी घूमते रहते हैं। इससे क्रिकेट खेलने वालों को परेशानी होती है। बड़ा रमना मैदान के चारों तरफ से खुला होने के कारण लोगों की आवाजाही होती रहती है। किसी को गेंद से चोट नहीं लग जाए इसका भय हमेशा बना रहता है। इस कारण तेजी से शॉट नहीं खेल पाते हैं। रमना में क्रिकेटरों को खेलने की ट्रेनिंग देने वाले क्रिकेटर फजल शाह बताते हैं कि खेल विभाग द्वारा यहां पर कोई भी ध्यान नहीं दिया जाता है। जितनी भी सुविधा दिखाई दे रही है सब क्रिकेटरों के खुद की बदौलत है। यहां तक की पिच का रोलर भी हम लोग खुद से मंगवाते हैं। विभिन्न क्लबों द्वारा अपने से व्यवस्था कर कर मिट्टी डालकर पिच बनाया जाता है। बारिश के दिनों में लोग पिच से होकर पैदल या वाहनों को ले जाते हैं। इससे पिच पूरी तरह से खराब हो जाती है। फिर उसे बनवाने में मेहनत के साथ रुपये भी खर्च होते हैं। रमना मैदान की चहारदीवारी बनाना बहुत जरूरी है। जब तक इसमें गेट नहीं लगेगा तब तक लोगों की आवाजाही कम नहीं होगी। खिलाड़ी सूरज शर्मा ने बताया कि आज के दौर में खिलाड़ी रात के समय में प्रैक्टिस करते हैं लेकिन रात के समय में यहां पर बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है। खिलाड़ी रवि किशन बताते हैं कि मैदान में लोग अब शौच करने लगे हैं। इससे खिलाड़ियों को समस्या होती है। इसके अलावा यहां पीने की पानी की सुविधा नहीं है। इस कारण लोगों को बाहर जाना पड़ता है। विगत कई वर्षों में बेतिया में कई बेहतर खिलाड़ी तैयार हुए हैं, लेकिन वह राज्य स्तर से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। अधिकांश खिलाड़ियों ने सुविधा के अभाव में खेलना भी छोड़ दिया है। खेल विभाग से खिलाड़ियों को सुविधा देने की व्यवस्था होनी चाहिए।
प्रस्तुति- गौरव कुमार
महाराजा स्टेडियम में बनेगा नया स्टेडियम : डीएसओ
विजय कुमार पंडित जिला खेल पदाधिकारी ने कहा कि नगर के बड़ा रमना मैदान में नए महाराजा स्टेडियम का निर्माण होने वाला है। इसमें खिलाड़ियों के लिए हर तरह की सुविधा मौजूद रहेगी। इसके निर्माण के लिए मुख्यमंत्री द्वारा हरी झंडी मिलने के बाद से आगे की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मिट्टी जांच होने के साथ ही आगे की प्रक्रिया में तेजी आएगी। नए स्टेडियम का निर्माण हो जाने के बाद खिलाड़ियों को हर तरह की सुविधा मिलने लगेगी। क्रिकेटरों के लिए हर तरह की सुविधा उपलब्ध हो इसके लिए खेल विभाग हमेशा से तत्पर है। सभी संगठनों को खिलाड़ियों को बेहतर कोचिंग देने का निर्देश दिया गया है। हर प्रतियोगिता में मदद के लिए खेल विभाग तैयार रहता है। आधुनिक सुविधाओं से युक्त बहुउद्देशीय स्टेडियम बनाने की तैयारी शुरू हो गयी है।
सुझाव
1. बड़ा रमना मैदान के साथ क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण कराया जाय, जहां सभी तरह की सुविधा उपलब्ध हो।
2. खिलाड़ियों को आधुनिक और आधारभूत सुविधा की जरूरत है ताकि खिलाड़ी मेहनत कर आगे बढ़ सकें।
3. बड़ा रमना मैदान में चहारदीवारी का निर्माण कराया जाए ताकि यहां के पिच खराब नहीं हो।
4. बड़ा रमना मैदान में रात में खेलने की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। बिजली की व्यवस्था दुरुस्त करायी जाए।
5. मैदान में मवेशियों की वजह से खिलाड़ियों को समस्या होती है। इस पर निगम की ओर से रोक लगनी चाहिए।
शिकायतें
1. पूर्व में कई मैदान और पिच उपलब्ध थे लेकिन अब सिर्फ रमना में ही पिच बचा है। उसकी भी हालत ठीक नहीं है।
2. बड़ा रमना मैदान दिन प्रतिदिन सिकुड़ता जा रहा है। 15-16 क्लब यहां चलते हैं, लेकिन पिच कम ही बचे हैं।
3. बड़ा रमना मैदान में पीने के पानी की सुविधा नहीं है। पानी पीने के लिए बाहर जाना पड़ता है।
4. बड़ा रमना मैदान में रात के समय में खेलने की सुविधा नहीं है। यहां लाइट नहीं है। जिले में एक भी स्टेडियम नहीं है।
5. मैदान में चारों तरफ मवेशी मंडराते हैं। गंदगी होने के कारण खिलाड़ियों को खेलने में परेशानी होती है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।