कमाई का 30% नजराना व टैक्स में, किस्त पर संकट
ई-रिक्शा और ऑटो चालकों की कमाई का 30 प्रतिशत भाग टैक्स और अवैध वसूली के रूप में लिया जा रहा है। नगर निगम और रेलवे स्टेशन पर इनका शोषण हो रहा है। रेलवे स्टेशन पर सुविधा शुल्क के नाम पर जबरन वसूली की जा...
ई-रिक्शा व ऑटो चालकों की कमाई का 30 फीसदी हिस्सा टैक्स व अवैध वसूली के रूप में वसूल लिया जा रहा है। नगर निगम से लेकर रेलवे स्टेशन पर उनका शोषण हो रहा है। रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर छोड़ने जाने पर भी 20 रुपये सुविधा शुल्क चालकों को देना पड़ता है। एक बार सुबह में और दूसरी बार शाम में सुविधा शुल्क की जबरन वसूली की जाती है। जबकि रेलवे का ठेका केवल पार्किंग का है। स्टेशन परिसर में घुसने से पहले ही उनसे राशि वसूल ली जाती है। आनाकानी करने पर इनके साथ मारपीट भी की जाती है। नगर निगम का टैक्स भी 160 रुपए तीन जगहों पर ई रिक्शा व ऑटो चालकों को देना पड़ता है। ई रिक्शा-ऑटो चालक संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र पासवान, मोहम्मद यूसुफ, आजाद खान, बिट्टू कुमार ने बताया कि नगर निगम, रेलवे और बेतिया राज प्रबंधन के संवेदकों के शोषण के शिकार हो रहे हैं। नगर निगम ई-रिक्शा ऑटो चालकों से 35 रुपये हर रोज टैक्स की वसूली करता है। सामान के लिए अलग से 35 रुपये टैक्स देना पड़ता है। राज देवड़ी में 15 रुपए, जबकि लगेज का भी 35 रुपए अलग से देना पड़ता है। एक ई-रिक्शा ऑटो चालक को 160 रुपये टैक्स रोजाना देना पड़ता है। तीन-तीन जगहों पर वसूली से ई रिक्शा चालक टैक्स के बोझ के नीचे दब गए हैं।
नगर में कहीं भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। पूरे शहर में ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर नहीं है। इसका खामियाजा ई-रिक्शा-ऑटो चालक भुगत रहे हैं। सफीउल्लाह, अमित गुप्ता ने कहा कि नगर निगम ई-रिक्शा ऑटो के टैक्स को सार्वजनिक कर चौक चौराहों पर रेट तालिका का बोर्ड लगाए। इससे निर्धारित टैक्स के अलावा अवैध वसूली पर रोक लगेगी। हमलोगों से तय से अधिक राशि की वसूली की जाती है। टैक्स कलेक्शन करने वालों के पास आईडी कार्ड नहीं होता है। इससे कई बार गलत लोग हमसे टैक्स की वसूली कर लेते हैं। टैक्स नहीं देने पर वे लोग मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। शहर में रेलवे स्टेशन और राज देवड़ी में लगने वाले टैक्स पर अविलंब रोक लगनी चाहिए। ई-रिक्शा ऑटो का शहर में कहीं भी पार्किंग नहीं है। फिर भी पार्किंग के नाम पर टैक्स की वसूली की जाती है। शहर की सड़कें टूटी-फूटी है। इससे ई-रिक्शा ऑटो चालकों को काफी परेशानी होती है। सड़क मोटरेबल नहीं होने से कई बार ई- रिक्शा पलट जाता है। इससे चालक समेत सवारी को भी चोटें आती है। परिवहन विभाग को ई- रिक्शा ऑटो चालकों के लिए अलग से ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए विशेष कैंप लगाना चाहिए। ताकि हमें बिचौलियों के शोषण से मुक्ति मिल सके। चौक चौराहों पर चालकों के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किया जाता है। आय कम और वसूली अधिक होने से हमलोग बैंकों का किस्त समय से जमा नहीं कर पाते हैं। किस्त जमा करने के लिए साहूकारों से कर्ज लेना पड़ता है। ई-रिक्शा की कमाई से हमलोगों का घर चलता है।
कमाई कम होने से बैंक के किस्त की बात कौन कहे 2 जून की रोटी भी नसीब नहीं हो रही है। रोज शहर में जाम लगने के कारण तीन किलोमीटर की यात्रा तय करने में ई रिक्शा चालकों को घंटों लग जाता है। इससे कमाई कम हो जाती है। हमलोग अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं। जबकि एक ई रिक्शा टेंपो के खरीदने में तीन से पांच लाख रुपए खर्च आता है। इतनी राशि खर्च करने के बाद भी हमलोग प्रतिदिन तीन से सात सौ तक ही कमा पाते हैं। जबकि ई-रिक्शा टेंपो भाड़ा पर चलाने पर प्रतिदिन तीन सौ रुपए देना पड़ता है। हमलोगों की समस्या कोई नहीं सुनता है। प्रत्येक तीन वर्षों में बैटरी खरीदने में लगभग 50 हजार खर्च आता है। उसे लगाने के लिए भी कर्ज लेना पड़ता है। भाड़ा पर टेंपो चलाने पर मालिक को प्रतिदिन रुपया देना पड़ता है। रात्रि में गाड़ी चलाने पर अलग से भाड़ा देना पड़ता है। सरकार से हमलोगों को कोई भी सुविधा नहीं मिल रही है। 80 फीसदी चालक पढ़े लिखे बेरोजगार हैं। टेंपो से हमलोगों के परिवार का भरण पोषण होता है। टैक्स का बोझ, बैंक का किस्त देने में हमलोगों को परेशानी हो रही है। कई बार भाड़े के लिए सवारी से बकझक हो जाती है। पुलिस भी हमलोगों को ही फटकार लगाती है। ई रिक्शा चालकों के साथ हमेशा दुर्व्यव्यवहार की घटना घटते रहती है। हमारी सुरक्षा के लिए किसी तरह का उपाय नहीं है। स्टेशन परिसर में सिर्फ जाने पर वसूली बंद होनी चाहिए। हम वहां पार्किंग में नहीं जाते फिर भी टैक्स की वसूली की जाती है। प्रशासन भी हमारी सहायता नहीं करता। कई बार इसको लेकर प्रशासन से शिकायत की गयी। पर हमारी समस्या सुनने के लिए कोई तैयार नहीं है। निगम को शहर में नियम बनाना चाहिए।
प्रस्तुति-श्रीकांत तिवारी/ शत्रुघ्न शर्मा
सुझाव
1. नगर निगम ई रिक्शा टेंपो के टैक्स को सार्वजनिक करते हुए चौक चौराहों पर रेट तालिका का बोर्ड लगाये ताकि रेट से अधिक की वसूली नहीं हो।
2. टैक्स कलेक्शन करने वाले संवेदक के कर्मियों का आईडी कार्ड नगर निगम जारी करे। टैक्स वसूली करने वाला व्यक्ति कौन है, इसका पता चले।
3. ई-रिक्शा ऑटो के लिए शहर में पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए। सड़क के किनारे टेंपो खड़ा करने पर पुलिस और दुकानदार दुर्व्यवहार करते हैं।
4. ई रिक्शा ऑटो चालकों के लिए अलग से ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए विशेष कैंप लगे। ताकि हमें बिचौलियों के शोषण का शिकार नहीं होना पड़े।
5. नगर में एक ही जगह पर ई रिक्शा टेंपो का टैक्स लगना चाहिए। रेलवे स्टेशन और राज देवड़ी के टैक्स पर रोक लगनी चाहिए। केवल नगर निगम के द्वारा ही टैक्स की वसूली की जानी चाहिए।
शिकायतें
1. निर्धारित दर से ज्यादा टैक्स की वसूली की जा रही है। टैक्स वसूली में बिचौलियों द्वारा हमें परेशान किया जाता है। दोबारा जबरन वसूली होती है।
2. पार्किंग की कमी, जाम की समस्या, तीन-तीन जगहों पर टैक्स की वसूली होने से हमारा कारोबार प्रभावित हो रहा है। बैंकों की किस्त भी नहीं भर पा रहे हैं।
3. नगर निगम क्षेत्र में ई रिक्शा चार्जिंग प्वाइंट भी नहीं है। बैटरी डिस्चार्ज होने पर हमें गाड़ी को खींच कर ले जाना पड़ता है। पार्किंग स्थल पर चार्जिंग प्वाइंट हो।
4. शहर की अधिकांश सड़कें टूटी हैं, जिससे गाड़ी जल्दी खराब हो रही है। जाम प्रतिदिन लग रहा है। बड़े वाहन नो एंट्री का पालन नहीं कर रहे हैं।
5. चालकों के साथ पुलिस हमेशा दुर्व्यवहार करती है। पार्किंग नहीं होने के कारण सड़क के किनारे गाड़ी लगानी पड़ती है। पुलिस मारपीट करती है।
रेल परिसर या मुख्य सड़क के किनारे ऑटो की पार्किंग करना अवैध है। रेल पेरिसर में यात्रियों को ड्रॉप कर निकल जाना है। अगर स्टैंड संचालक सड़क के किनारे या रेल परिसर में पार्किंग शुल्क वसूलते हैं तो यह अवैध है। इसकी जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
-अनन्या स्मृति, सीनियर डीसीएम समस्तीपुर
ई रिक्शा और टेंपो चालकों से यदि अवैध वसूली की जाती है और इसकी शिकायत मिलती है तो इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। जहां तक रेट चार्ट के लिस्ट लगाने का मामला है इसे लेकर पहले भी निर्देश जारी कर दिया गया था। उचित दर से यदि कोई ज्यादा लेता है तो उसे पर कार्रवाई होगी। ऑटो चालकों से अवैध वसूली की जांच करायी जाएगी।
-विनोद कुमार, नगर आयुक्त
अगर संवेदक के द्वारा अधिक पैसे की वसूली की जाती है तो इसकी शिकायत ई रिक्शा चालक रेवेन्यू ऑफिसर से लिखित रूप से करें। उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी। राज कैंपस से बाहर अगर कोई टैक्स की वसूली करता है। तो उसकी भी शिकायत करें। निर्धारित दर से ज्यादा टैक्स नहीं दें।
-अनिल कुमार सिन्हा, बेतिया
राज प्रबंधक
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