Hindi NewsBihar NewsBagaha NewsChallenges Faced by Lawyers at Betia Court Parking Issues Lack of Facilities for Women

वकीलों को नहीं मिल रही पार्किंग-शौचालय सुविधा

बेतिया न्यायालय में अधिवक्ताओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पार्किंग की कमी, शौचालय और कैंटीन जैसी सुविधाओं का अभाव, और जलजमाव के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है। महिला अधिवक्ताओं और...

Newswrap हिन्दुस्तान, बगहाThu, 27 Feb 2025 09:57 PM
share Share
Follow Us on
वकीलों को नहीं मिल रही पार्किंग-शौचालय सुविधा

 

बेतिया शहर के बीचोंबीच स्थित व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ताओं को प्रतिदिन कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यहां सभी कोर्ट अलग-अलग भवनों में चलते हैं। बीच सड़क पर बाइक खड़ी कर दी जाती है, इससे अधिवक्ताओं को आने-जाने में परेशानी होती है। केस की पैरवी करने वाले अधिवक्ताओं और सुनवाई के लिए पहुंचे मुवक्किलों की भीड़ वाली जगह के लिए आवश्यक सुविधाओं की कमी है। जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष एगेन्द्र कुमार मिश्र ने बताया कि कोर्ट परिसर में प्रतिदिन भारी भीड़ जुटती है। यहां स्थाई पार्किंग नहीं होने से अधिवक्ताओं को एक कोर्ट से दूसरे कोर्ट जाने में काफी समस्या होती है। न्यायालय के सामने के रास्ते के दोनों तरफ बाइक खड़ी रहने से अधिवक्ताओं के साथ कर्मियों व अन्य लोगों को आने-जाने में दिक्कत होती है। संघ का अपना पार्किंग स्थल है, लेकिन वह वाहनों के लिए कम पड़ जाता है।

संघ पार्किंग के लिए जारी करे पास : अधिवक्ताओं और लिपिक को अगर पास जारी कर दिया जाए तो परिसर में सिर्फ वही अपने वाहन को लगा सकेंगे। इससे इधर-उधर बाइक खड़ी करने से जो परेशानी होती है, उससे निजात मिल जाएगी। साथ ही बाइक चोरी होने की संभावना कम हो जाएगी। वहीं अधिवक्ता कांति रंजन संथालिया ने बताया कि अधिवक्ताओं के लिए अलग-अलग चार भवन हंै। इसमें से एक भवन में शौचालय नहीं होने से अधिवक्ताओं को परेशानी उठानी पड़ती है। इतने बड़े कचहरी में अधिवक्ताओं के लिए अलग कैंटीन की व्यवस्था नहीं है। इससे अधिवक्ताओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस सुविधा को बहाल करने के लिए कदम उठाया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि रास्ते के दोनों तरफ बाइक लगने व आमजनों की भीड़ के कारण कभी-कभी केस की पैरवी के लिए जज, सब जज समेत अन्य जजों के इजलाश में जाने में परेशानी होती है।

महिलाओं के लिए बने शौचालय : वंदना झा कहती हैं कि न्यायालय परिसर में महिलाओं के लिए अलग से किसी तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। महिलाओं के लिए अलग से कैंटीन होनी चाहिए। उनके लिए अलग शौचालय होनी चाहिए। ये दो मूलभूत सुविधाएं भी महिलाओं के लिए उपलब्ध नहीं है। इससे महिलाओं को परेशानी होती है। अमृता कुमारी, अमृत वरणवाल, सबरून नेशा आदि ने बताया कि न्यायालय परिसर में महिला अधिवक्ता के लिए ही अलग शौचालय उपलब्ध नहीं है। कोर्ट परिसर में महिला मुवक्किल के लिए भी अलग से शौचालय उपलब्ध नहीं है। उन्हें भी बहुत परेशानी होती है। बारिश के दिनों में कोर्ट परिसर में जलजमाव हो जाता है। गेट के पास भी जलजमाव होने से कोर्ट में आने जाने में बहुत परेशानी होती है।

-प्रस्तुति-एहतेशामुल हक

बेतिया न्यायालय परिसर में सबसे ज्यादा दिक्कत स्थायी पार्किंग की सुविधा नहीं होने से है। लोग रास्ते के दोनों तरफ अधिवक्ता व कर्मी बाइक खड़ी करते हैं। इस समस्या के निदान के लिए सक्षम प्राधिकार के पास पहल की जा रही है। अधिवक्ताओं व न्यायालय कर्मियों के लिए पास निर्गत हो इसके लिए भी बात की जाएगी। न्यायालय परिसर में महिलाओं के लिए शौचालय नहीं है। इससे उन्हें परेशानी होती है। सभी समस्याओं को लेकर संबंधित पदाधिकारियों से पत्राचार किया जाएगा। ताकि इनका समाधान हो सके।

-एगेन्द्र कुमार मिश्र, जिला विधिज्ञ संघ अध्यक्ष

सुझाव

1. कोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं के लिए स्थाई पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए। पास जारी कर देने से भी सहूलियत हो सकती है। अलग से पार्किंग की व्यवस्था होने पर परेशानी खत्म होगी।

2. बेतिया कोर्ट में महिला अधिवक्ताओं व मुवक्किलों के लिए शौचालय बनना चाहिए। ताकि महिलाओं को कोई परेशानी नहीं हो। महिलाओं मुवक्किलों को भी समस्या का सामना करना पड़ता है।

3. योजना बनाकर महिला व पुरुष अधिवक्ताओं के लिए अलग कैंटीन की व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि लंबे समय तक काम करने के बाद लंच के समय सकून से भोजन कर सकें।

4. बारिश के दिनों में न्यायालय परिसर और गेट पर जलजमाव हो जाता है। इससे अधिवक्ताओं समेत मुवक्किलों को परेशानी होती है। पानी निकासी का स्थायी समाधान होना चाहिए।

5. एसडीओ ऑफिस के बगल में कुछ न्यायालय है। पूर्व में एसडीओ कार्यालय के पास गेट था। उसे बंद कर देने से तीन-चार सौ मीटर मुख्य सड़क से होकर आवाजाही करनी पड़ती है। इससे परेशानी होती है।

शिकायत

1.बेतिया कोर्ट परिसर के एक भवन में शौचालय नहीं है। वहीं महिलाओं के लिए अलग से शौचालय नहीं है। इससे महिला अधिवक्ता व मुवक्किलों को परेशानी होती है।

2.स्थाई पार्किंग नहीं होने से अधिवक्ताओं को एक कोर्ट से दूसरे कोर्ट जाने मे परेशानी होती है। इससे समय की बर्बादी होती है। वाहनों को बेतरतीब लगाने से आवाजाही में भी परेशानी होती है।

3.अधिवक्ताओं के लिए अलग कैंटीन की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में कई बार समय पर खाना नहीं मिलने से परेशानी होती है। महिला व पुरुष अधिवक्ता के लिए कैंटीन की व्यवस्था नहीं है।

4.बारिश के मौसम में जलजमाव की समस्या होती है। इससे न्यायालय में आने वाले सभी लोगों को परेशानी होती है। यहां से पानी निकासी का स्थायी समाधान होना चाहिए।

5. कई अधिवक्ता खुद की झोपड़ी या शेड बनाकर बैठते हैं। उनके लिए भी भवन व चेंबर की व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि वे भी अपना काम सुविधा पूर्वक कर सकें। चेंबर नहीं होने से बहुत परेशानी होती है।

 

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें