Biodiversity Management Strategy Developed in West Champaran for Ecological Balance जमीन, जंगल व जानवरों 15 साल के आंकड़ों का होगा अध्ययन, Bagaha Hindi News - Hindustan
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जमीन, जंगल व जानवरों 15 साल के आंकड़ों का होगा अध्ययन

जैव विविधता के संतुलन के लिए पश्चिमी चंपारण में जैव विविधता प्रबंधन समिति ने एक कार्ययोजना तैयार की है। इसमें जिले की भूमि, जंगल और विलुप्त होती प्रजातियों के संरक्षण पर ध्यान दिया गया है। इसके...

Newswrap हिन्दुस्तान, बगहाTue, 17 June 2025 11:42 PM
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जमीन, जंगल व जानवरों 15 साल के आंकड़ों का होगा अध्ययन

बेतिया हमारे संवाददाता। जैव विविधता के बीच संतुलन बनाने के लिए जैव विविधता प्रबंधन समित ने एक बेहतर रणनीति व कार्ययोजना तैयार की है। इसके अंतर्गत जिले की जमीन,जंगल और विलुप्त हो रहे विरासत को सहेजन पर फोकस किया गया है। इसके तहत नदी और पहाड़ सहित जीव जंतुओं की विविधता के बारे में जिले का एक अपडेट प्रोफाइल भी तैयार किया जा रहा है। प्रबंधन समिति के सदस्यों से 10 से 15 साल के अंदर की सभी वस्तुनिष्ठ जानकारी पंचायत स्तर से लेकर उसका डाटा तैयार किया जा रहा है। सभी आकड़ों का अध्ययन संबंधित विभाग के वैज्ञानिक व शोधार्थी करेंगे।

इस बारे में जानकारी देते हुए जैव विविधता पर्षद के सहायक निदेशक हेमकांत राय ने बताया कि बायो डायोवर्सिटी का संतुलन किसी भी पारिस्थितिकी के लिए अत्यंत जरुरी माना जाता है। इसको संतुलित करने में सभी को सहयोग करना चाहिए। पश्चिमी चंपारण जिले में वाल्मिकी प्रोजेक्ट टाइगर के वनों की उपलब्धता तथा अलग अलग प्रजातियों के पशु पक्षियों के बेहतर हैबिटेट होने के कारण ही यहां पर अन्य जिलों की तुलना में जैव विविधता का संतुलन बेहतर माना जा रह है। उन्होंने यह भी बताया कि जैव विविधता के मामले में बेहतर इनपुट प्राप्त करने के लिए कृषि और बागवानी से जुड़े वरीय अधिकारियों सहित रिसोर्स पर्सन के साथ आईसीएआर अर्थात इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च के वैज्ञानिक व शोधार्थियों से संपर्क किया जा चुका है। पश्चिम चंपारण जिले के एनजीओ से जुड़े लोगों को भी आमंत्रित किया जाएगा।

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