Hindi Newsबिहार न्यूज़ayurvedic and homeopathic medicines will be available in hospitals

बड़ी राहत! अब अस्पतालों में मिलेंगी आयुर्वेदिक, होमियोपैथिक और यूनानी दवाइयां

डॉ. धनंजय शर्मा ने बताया कि दवाइयों की मंजूरी के लिए स्वास्थ्य विभाग को भेजा गया है। अगले एक सप्ताह में विभाग से मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इसके बाद दवाइयों की आपूर्ति के लिए निविदा आमंत्रित की जाएगी।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, पटनाWed, 7 Aug 2024 05:49 AM
share Share

राज्यभर के अस्पतालों में तैनात आयुष चिकित्सक जल्द ही आयुर्वेदिक, होमियोपैथिक और यूनानी दवाइयां भी मरीजों को लिख सकेंगे। अगले डेढ़ से दो महीने में राज्यभर के पीएचसी, यूपीएचसी, आयुष हेल्थस एंड वेलनेस सेंटर समेत सभी अस्पतालों में आयुर्वेदिक, यूनानी, होमियोपैथिक दवाइयों की खेप पहुंच जाएगी।

राज्य आयुष समिति द्वारा कुल 250 प्रकार की दवाइयों की सूची बनाई गई है। इनमें 50 पेटेंटेड दवाइयां भी शामिल हैं। आयुष समिति के नोडल पदाधिकारी डॉ. धनंजय शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय आयुष मिशन के मानक के अनुसार ही इन दवाइयों की सूची तैयार की गई है। ये सभी दवाइयां जरूरी औषधि सूची(एसेंशियल ड्रग लिस्ट) में शामिल हैं। इसमें चूर्ण, वटी, मलहम, आईड्रॉप, तेल, आसव, अवलेह आदि शामिल हैं। आयुर्वेद के अलावा यूनानी की 222 प्रकार और होम्योपैथिक की 200 प्रकार की दवाइयों की भी सूची आयुष समिति द्वारा तैयार की गई है।

डॉ. धनंजय शर्मा ने बताया कि दवाइयों की मंजूरी के लिए स्वास्थ्य विभाग को भेजा गया है। अगले एक सप्ताह में विभाग से मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इसके बाद दवाइयों की आपूर्ति के लिए निविदा आमंत्रित की जाएगी। उसके बाद चयनित एजेंसी द्वारा दवाइयों की आपूर्ति की जाएगी। पूरी प्रक्रिया में लगभग 40 से 45 दिन लग जाएंगे। बताया कि दवाइयों में क्षेत्र विशेष में किसी विशेष बीमारी के लिए भी अलग से दवाइयां भेजी जाएंगी। जिस क्षेत्र में जिस बीमारी की दवा की मांग होगी, उस क्षेत्र में उसकी दवा मांग के अनुसार आपूर्ति की जाएगी।

जिला देसी चिकित्सा पदाधिकारी फिलहाल बाजार से ले सकते हैं दवा

राज्य आयुष समिति द्वारा सभी जिले में तैनात जिला देसी चिकित्सा पदाधिकारी को जरूरत के अनुसार दवाइयां खरीदने के अधिकार दिए गए हैं। इसके लिए उन्हें राशि भी भेजी गई है। डॉ. धनंजय शर्मा ने बताया कि अस्पतालों में जरूरत के अनुसार ये अधिकारी दवा की खरीद स्थानीय जरूरत के अनुसार कर सकते हैं।

हिन्दुस्तान ने प्रमुखता से उठाया था यह मुद्दा

राज्य में आयुष चिकित्सक अंग्रेजी दवा लिखने को मजबूर शीर्षक से आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। आयुर्वेद-यूनानी दवा अस्पतालों में नहीं रहने के कारण राज्यभर में तैनात लगभग 3000 चिकित्सकों द्वारा अंगेजी दवा मरीजों को लिखे जाने के मामले को उजागर किया गया था। रविवार को खबर प्रकाशित होने के बाद स्वास्थ्य विभाग और राज्य आयुष समिति के पदाधिकारी-अधिकारी हरकत में आए। सोमवार को उनके द्वारा दवा की सूची तैयार कर विभगा को भेजा गया है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें