30 साल पुराने हत्याकांड में तीन को आजीवन कारावास की सजा, पेज
गोली मारकर हत्या करने का था आरोप, ओबरा थाना क्षेत्र में घटी थी घटना सुनाई गई। औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय में एडीजे-4 आनंद भूषण ने ओबरा थाना कांड संख्या-144/94 में सजा के
30 साल पूर्व गोली मार कर हत्या करने के मामले में तीन अभियुक्तों को बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय में एडीजे-4 आनंद भूषण ने ओबरा थाना कांड संख्या-144/94 में सजा के बिंदु पर सुनवाई की। तीन अभियुक्तों ओबरा थाना क्षेत्र के रामपुर गांव निवासी रामाशीष सिंह, रामदेव सिंह और जगदीश सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। एपीपी अनिल कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि सभी अभियुक्तों को भादंवि धारा 302 में आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। जुर्माना की राशि नहीं देने पर छह महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। 27 आर्म्स एक्ट में पांच साल कैद की सजा सुनाई गई और पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि रामपुर गांव निवासी रामचंद्र सिंह ने 25 अक्टूबर 1994 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में कहा था कि उनके भाई जनार्दन यादव की भरूब मोड़ और रामपुर गांव के बीच गोली मारकर अभियुक्तों ने हत्या कर दी। घटना स्थल से पुलिस ने एक जिंदा कारतूस और दो खोखा बरामद किया था। जमीन विवाद को लेकर हत्या करने की बात कही गई थी। इस मामले में अभियुक्तों को हत्या के आरोप में 14 नवंबर 2024 को दोषी ठहराया गया था। इसके बाद उन्हें जेल भेजा गया था। न्यायाधीश ने मुआवजा की राशि पीड़ित परिवार को देने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार में पत्र लिखा है। अधिवक्ता ने बताया कि 30 साल बाद सजा सुनाए जाने के बाद तीनों अभियुक्त रो पड़े। बताया गया कि अभियुक्तों की उम्र भी वर्तमान में काफी अधिक हो चुकी थी।
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