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बोले औरंगाबाद : प्रमुख बाजारों में राजमिस्त्री के लिए शेड की व्यवस्था हो

जिले में तेजी से विकास हो रहा है, लेकिन राजमिस्त्री की आर्थिक स्थिति दयनीय है। वे रोजाना 15-20 किलोमीटर दूर से काम की तलाश में आते हैं, लेकिन 60% को रोज काम नहीं मिलता। सरकारी योजनाओं का लाभ भी उन्हें...

Newswrap हिन्दुस्तान, औरंगाबादSun, 16 March 2025 11:11 PM
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बोले औरंगाबाद : प्रमुख बाजारों में राजमिस्त्री के लिए शेड की व्यवस्था हो

जिले का तेजी से विकास हो रहा है। जिले की सभी सड़कों के किनारे बड़े मॉल व भवन बन रहे हैं। इनके निर्माण में राजमिस्त्री का योगदान महत्वपूर्ण होता है। इसके बावजूद उनकी आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है। हर रोज काम की तलाश में राज मिस्त्री 15 से 20 किलोमीटर दूर से काम की खोज में शहर से लेकर अन्य जगहों पर आते हैं। सुबह के 8 बजते ही जिला मुख्यालय के जामा मस्जिद सहित प्रखंड मुख्यालय के अन्य जगहों पर राजमिस्त्री का जुटने का सिलसिला शुरू हो जाता है। मजदूरी करने पर परिवार का भरण पोषण होता है और काम नहीं मिलने पर दिक्कत है। औसतन 60 प्रतिशत राज मिस्त्री व उनके सहयोगियों को रोजाना काम नहीं मिलता। इससे मायूस राज मिस्त्री बिना कमाए घर लौट जाते हैं। उनकी पीड़ा है कि अधिकतर लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता। इस कारण हमेशा उन्हें परिवार के भरण पोषण की चिंता सताती रहती है। हिन्दुस्तान के संवाद कार्यक्रम में शामिल राज मिस्त्री ने बताया कि बिहार सरकार द्वारा श्रमिकों के लिए बिहार शताब्दी असंगठित कामगार मिस्त्री समाज सुरक्षा योजना, राज्य प्रवासी श्रमिक दुर्घटना योजना, बंधुआ मजदूर पुनर्वास योजना, बाल सुधार योजना आदि चलाई जा रही है। इन योजनाओं का लाभ अधिकतर राज मिस्त्री को नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि हम लोग बरसों से लोगों का घर ऑफिस वा शॉपिंग मॉल बनाते हैं लेकिन श्रम विभाग द्वारा सभी राज मिस्त्री का निबंधन तक नहीं किया गया है। यहां तक कि अधिकांश लोगों को लेबर कार्ड नहीं बनाया गया है। लेबर कार्ड बनने से मातृत्व लाभ, शिक्षा विभाग सहायता, साइकिल क्रय योजना, कौशल विकास प्रशिक्षण, आवास सहायता और मासिक पेंशन आदि की सुविधा मिल जाती। इससे गर्भवती महिलाओं को वित्तीय सहायता, बच्चों को शिक्षा के लिए आर्थिक मदद, बेटियों की शादी के लिए सहायता, साइकिल खरीदने के लिए राशि मिलती तो परिवार को काफी आर्थिक लाभ पहुंचता। राज मिस्त्री रामध्यान महतो, दिलीप पासवान, दिलीप मिस्त्री, रवींद्र मेहता, रमेश कुमार मेहता, दिनेश पासवान, त्रिवेणी मेहता, विनोद प्रसाद, दीपक कुमार, महेंद्र मेहता, राकेश कुमार और पवन कुमार सहित अन्य लोगों ने बताया कि निबंधित कामगारों को औजार खरीदने के लिए 15 हजार की राशि उपलब्ध कराई जाती है। यही नहीं दुर्घटना में मृत्यु होने पर चार लाख रुपए, सामान्य मृत्यु होने पर दो लाख, दाह संस्कार के लिए पांच हजार रुपए की सहायता दी जाती है। साथ ही वार्षिक चिकित्सा के लिए प्रतिवर्ष तीन हजार रुपए भी मिलते हैं लेकिन जागरूकता के अभाव में बगैर निबंधित राज मिस्त्री इस सुविधा का लाभ नहीं ले पाते हैं। राज मि्ति्ररयों ने कहा कि श्रम विभाग एवं बिहार भवन व अन्य निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। पंजीकृत राज्य में मिस्त्री व हेल्पर को दो लाख दुर्घटना बीमा लाभ, बिटिया की शादी पर 50 हजार नगद भुगतान, अटल पेंशन और मनरेगा के माध्यम से राजमिस्त्री का निबंध किया जा रहा है। श्रम कार्ड के तहत असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले को 60 वर्ष की आयु के बाद तीन हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन का प्रावधान है। किसी श्रमिक की आंशिक विकलांगता की स्थिति में दो लाख का मृत्यु बीमा व एक लाख का वित्तीय सहायता का प्रावधान है। राजमिस्त्री ने बताया कि इसके बाद भी कई बार हम लोगों को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है ।

सड़क पर धूप व बरसात में खड़े रहने की मजबूरी

जिले के सभी प्रखंड मुख्यालयों, शहर व प्रमुख बाजारों में चिन्हित स्थलों पर सुबह-सुबह सभी काम खोजने के लिए जुटते हैं लेकिन हमारे बैठने या इंतजार करने के लिए किसी चिन्हित जगह की व्यवस्था प्रशासनिक स्तर से नहीं की गई है। राज मिस्त्री अर्जुन कुमार, रंजन प्रसाद, विकास कुमार, अमरनाथ कुमार, ललन कुमार, रामराज मिस्त्री आदि ने बताया कि कहीं भी हमारे लिए शेड नहीं बनाया गया है। ऐसे में जब भी विपरीत मौसम यानी कड़ाके की ठंड, शीत लहर, बारिश, लू, आंधी व तूफान आदि के दौरान हमें काफी परेशानी होती है। विपरीत मौसम में सड़क के किनारे खड़े होने पर बीमार भी पड़ जाते हैं। कई बार मौसम खराब रहने पर घर पर ही रुक जाते हैं और काम नहीं खोज पाते हैं। इसके अलावा जहां हम प्रतिदिन जमा होते हैं वहां आस-पास शौचालय और मूत्रालय की व्यवस्था भी नहीं होती। उनका कहना है कि किसी किसी दिन काम नहीं मिलता है उस दिन की न्यूनतम मजदूरी देने के लिए प्रशासन को व्यवस्था करनी चाहिए। ऐसे में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर हमारी समस्याओं को सुनने और जानने के लिए भी प्रशासनिक अफसर या जनप्रतिनिधि नहीं आते हैं।

पांच सुझाव

1. श्रम संसाधन विभाग द्वारा सभी राज्य मिस्त्री का निबंधन कराया जाए

2. सरकार राज मिस्त्री का उचित मानदेय निर्धारित करें

3.सरकारी कार्यों में भी निर्धारित मानदेय का भुगतान सुनिश्चित कराया जाए

4. मुफ्त स्वास्थ्य कार्ड व आयुष्मान कार्ड बनाया जाए

5.प्रखंड मुख्यालयों, शहरों और प्रमुख बाजारों में चिन्हित स्थलों पर शेड का निर्माण हो और राजमिस्त्री व सहयोगियों को सरकार की सभी कल्याणकारी व लाभकारी योजनाओं का लाभ दिया जाए

पांच शिकायतें

1. सभी राजमिस्त्री को श्रम विभाग द्वारा संचालित सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता है

2. सरकारी स्तर पर उचित मानदेय निर्धारित नहीं किया गया है

3. विभाग की ओर से सभी राजमिस्त्री का निबंधन भी नहीं कराया जाता है

4. अधिकांश राजमिस्त्री गरीब परिवार से आते हैं लेकिन इन्हें मुफ्त आवास, राशन व पेंशन आदि का लाभ नहीं मिलता।

प्रखंड मुख्यालय सहित प्रमुख बाजारों में चिन्हित स्थलों पर शेड नहीं बनाया गया है

हमारी भी सुनिए

हमारी समस्याओं का निदान कैसे होगा, कहना मुश्किल है। यहां तक कि विभाग द्वारा सभी राजमिस्त्री को औजार किट भी उपलब्ध नहीं कराया गया है। हमें खुद से ही औजार खरीदना पड़ता है। इससे आर्थिक रूप से नुकसान होता है

राम ध्यान महतो

सरकार राज मिस्त्री का उचित मानदेय निर्धारित करे। सरकारी कार्यों में भी निर्धारित मानदेय का भुगतान सुनिश्चित कराया जाए। देश के कई राज्यों में बिहार से अधिक मानदेय मिलता है। ठेकेदार द्वारा कम पैसा दिया जाता है।

दिलीप पासवान

हम लोग अपने बलबूते पर काम खोज कर मजदूरी कमाते हैं लेकिन अधिकांश को श्रम विभाग के तहत संचालित सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता। इनको सभी योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराने की उचित पहल की जाए।

दिलीप मिस्त्री

बच्चों की शिक्षा के लिए आर्थिक मदद, बेटियों की शादी के लिए सहायता, साइकिल खरीदने के लिए राशि मिलती तो परिवार को आर्थिक लाभ पहुंचता। इस तरह की सुविधा हमें नहीं मिलती है।

रवींद्र मेहता

श्रम संसाधन विभाग द्वारा सभी राजमिस्त्री का निबंधन नहीं कराए जाने से योजनाओं का लाभ पाने से वंचित रह जाते हैं। शिविर लगा कर लाभ दिया जाना चाहिए।

रंजय कुमार

श्रम कार्ड धारकों को सरकार 10 हजार रुपए से लेकर 50 हजार रुपए तक का लोन देती है लेकिन ई-श्रम कार्ड नहीं बनाया गया है। इसके कारण लोन नहीं मिल रहा है जिससे कि वह लोन लेकर जरूरी औजार खरीद कर अपना काम कर सकें।

प्रमोद मेहता

प्रखंड मुख्यालय से लेकर प्रमुख बाजारों में राजमिस्त्री और सहयोगियों के लिए शेड नहीं बनाया गया है जिससे विपरीत मौसम में सड़क किनारे खड़ा होकर काम खोजने के दौरान परेशानी होती है। हम लोगों के लिए शेड की व्यवस्था होनी चाहिए।

विनोद प्रसाद

अगर विभाग ध्यान दे तो मजदूर कार्ड बनाने से मातृत्व लाभ, शिक्षा व विवाह सहायता, साइकिल क्रय योजना, कौशल विकास प्रशिक्षण, आवास सहायता और मासिक पेंशन आदि की सुविधा मिल जाती।

महेंद्र मेहता

हमारे बैठने या इंतजार करने के लिए किसी चिन्हित जगह की व्यवस्था प्रशासनिक स्तर से नहीं की गई है। कहीं भी हमारे लिए शेड नहीं बनाया गया है। शीतलहर, बारिश, लू, आंधी, तूफान आदि के दौरान काफी परेशानी होती है।

दीपक कुमार

विभाग और प्रशासन को निशुल्क स्वास्थ शिविर का आयोजन समय-समय पर करना चाहिए। उनके बारे में प्रशासनिक स्तर से कोई पहल नहीं होती है। विभागीय अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते हैं।

राकेश कुमार

राजमिस्त्री को स्वास्थ्य संबंधित दवा, किट भी नहीं मिलता है। विपरीत मौसम में काम करने के दौरान बीमार पड़ने पर इलाज में काफी राशि खर्च करनी पड़ती है।

पवन कुमार

जहां प्रतिदिन काम खोजने के लिए जाते हैं वहां आस-पास शौचालय और मूत्रालय की व्यवस्था नहीं होने के कारण परेशानी होती है।7 सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।

जनार्दन महतो

श्रम संसाधन विभाग द्वारा सभी राज मिस्त्री का निबंधन कराया जाए ताकि सभी लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। जो शिविर लगता है उसमें दूसरे पेशा से आने वाले निबंधन करा लेते हैं।

सुरेंद्र कुमार

सरकार राज मिस्त्री का उचित मानदेय निर्धारित करे। सरकारी कार्यों में भी निर्धारित मानदेय का भुगतान सुनिश्चित कराया जाए। परिवार के भरण पोषण में परेशानी होती है।

अर्जुन कुमार

राजमिस्त्री व सहयोगियों को सरकार की सभी कल्याणकारी व लाभकारी योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराने की उचित पहल की जाए। इसके लिए प्रत्येक पंचायत में शिविर लगाया जाए।

रंजन प्रसाद

अधिकांश राजमिस्त्री गरीब परिवार से आते हैं लेकिन इन्हें मुफ्त आवास, राशन व पेंशन आदि का लाभ नहीं मिलता है।

विकास कुमार

राज मिस्त्री के मुफ्त इलाज की व्यवस्था नहीं की गई है। आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए शिविर का आयोजन हो ताकि उन्हें लाभ लेने के लिए भटकना नहीं पड़े।

अमरनाथ कुमार

सभी राजमिस्त्री को औजार खरीदने के लिए 15 हजार रुपए नहीं मिल पाते हैं। इस पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है।

ललन कुमार

राज मिस्त्री को मिलने वाली योजनाओं का प्रचार-प्रसार नहीं कराया जाता है। कई बार योजनाओं की जानकारी समय से नहीं मिलती है। कैंप लगाकर राज मिस्त्री का निबंधन कराया जाए।

रामराज मिस्त्री

राज मिस्त्री को रोजाना काम नहीं मिलता है और ना ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है। सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

रवींद्र कुमार

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