राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए 1978 सुलहनीय वाद चिन्हित
66 वार्डों के निष्पादन के लिए मिली सहमति, पांच हजार नोटिस जारी हनीय वाद चिन्हित किए गए हैं। 66 वादों के निपटारे के लिए सहमति मिल गई है तथा पांच हजार नोटिस जारी किए गए

औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय और दाउदनगर अनुमंडल न्यायालय में आगामी 8 मार्च को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाना है। प्रारंभिक स्तर पर इसके लिए 1978 सुलहनीय वाद चिन्हित किए गए हैं। 66 वादों के निपटारे के लिए सहमति मिल गई है तथा पांच हजार नोटिस जारी किए गए हैं। छह सौ वादों के निपटारे के लक्ष्य से संबंधित कार्रवाई चल रही है। उक्त बातें प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष राजकुमार ने बुधवार को आयोजित प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि प्री लिटिगेशन के तहत 42 सौ से अधिक बैंक ऋण संबंधी मामलों में पक्षकारों को नोटिस जारी किया गया है। इसमें 103 से अधिक ऋण वादों के निपटारे के लिए सहमति मिल गई है। 12 सौ से अधिक मामलों को लोक अदालत में निपटाने का लक्ष्य तय किया गया है। नोटिस भेजने की कार्रवाई चल रही है। ज्यादा से ज्यादा मामलों को निपटाने का प्रयास किया जा रहा है। जिला जज ने कहा कि 8 मार्च को इस साल का प्रथम और उनके कार्यकाल का तीसरा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होना है। उन्होंने बताया कि सभी तरह के सुलहनीय लंबित वादों से संबंधित नोटिस को पुलिस के माध्यम से पक्षकार को हस्तगत कराया गया है। तामिला प्रतिवेदन पर प्राप्त मोबाइल नंबर के आधार पर कार्यालय द्वारा उन्हें राष्ट्रीय लोक अदालत में उपस्थित रहने की जानकारी दी जा रही है। जिला जज ने कहा कि संबंधित विभागों, न्यायालय तथा संबंधित पदाधिकारी के साथ बैठक हो गई है। पारिवारिक मामलों के निस्तारण में औरंगाबाद की प्रगति अच्छी रही है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सुकूल राम ने कहा कि इस लोक अदालत में 12 सौ से अधिक मामलों का निपटारा करने का लक्ष्य तय किया गया है। नोटिस भेजने की कार्रवाई चल रही है और यह संख्या अभी बढ़ेगी। बताया गया कि औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय और अनुमंडल न्यायालय, दाउदनगर में सर्वाधिक 14 बेंचों का गठन किया गया है। इससे वादों के निपटारे में सहूलियत होगी। बीमा कंपनी के पदाधिकारी और अधिवक्ताओं के साथ भी एक बैठक की गई। बीमा कंपनी से संबंधित मामलों को गया जिले में बने विशेष ट्रिब्यूनल के माध्यम से निपटाया जाना है। जो मामले चिन्हित हैं, उनके निपटारे की कार्रवाई की जाएगी। बीमा कंपनी के दावों से बीमा से जुड़े पुराने लंबित मामले का निपटारा प्राथमिकता से कराने की बात कही गई।
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