बटन मशरूम की खेती अब दाउदनगर में भी
युवा को मिल रहा रोजगार 6 जनवरी एयूआर 7 कैप्शन-बैग में अंकुरित होता मशरूम दाउदनगर,संवाद सूत्र। दाउदनगर-गया रोड एनएच 120
दाउदनगर-गया रोड एनएच 120 लाला अमौना में बटन मशरूम की खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है। बटन मशरूम तैयार करने के लिए कंपोस्ट गेहूं एवं धान की भूसी तथा आधा नारियल के केसिंग उसमे मशरूम के बीज प्लास्टिक की बाग में भरकर मशरूम की खेती करने के लिए कमरे में बांस की पट्टी बनानी गई है। उसी पर मशरूम का बैग रखा कर बटन मशरूम की तैयारी की जाती है। एक बैग से 2 किलो मशरूम तैयार किया जाता है। यहां एक साथ 50 हजार एक चैम्बर में निकलता है। गर्मी के दिनों में बटन मशरूम के लिए बड़े बड़े एसी लगई गई है। बताया गया कि सबसे ज़्यादा श्वेत बटन मशरूम की खेती होती है। बटन मशरूम की खेती भारत के कई राज्यों में होती है। वहां से मशरूम बिहार में आती है लेकिन अब शादी और पार्टी के लिए दाउदनगर में ताज़ा मशरूम प्रतिदिन मिलने से पैसे के साथ समय की बचत हो रही है। श्वेत बटन मशरूम की खेती से लोगों को फायदा हो रहा है। बाजार में अच्छी क्वालिटी का मशरूम 250 से तीन सौ रुपये किलो तक मिलता है। मशरूम उत्पादन से जुड़े लक्ष्मण सिंह ने बताया कि बटन मशरूम की खेती के साथ प्रशिक्षण भी दिया जाता है। यहां लगभग दो सौ लोगों को रोजगार मिला है। एक साल से यहां मशरूम की खेती हो रही है। मशरूम में विटामिन बी, डी और सेलेनियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। ये मशरूम प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने और कैंसर से लड़ने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि मशरूम से अच्छा मुनाफा मिल रहा है।
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