साढ़े पांच हजार करोड़ की लागत से बनेगी औरंगाबाद-पटना फोर लेन सड़क
130 किलोमीटर की दूरी में होगा निर्माण, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने की घोषणा जमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने की घोषणा जिले में लोगों ने जताई खुशी, फोर लेन सड़क बनने से लोगों को...
औरंगाबाद से पटना के बीच फोरलेन सड़क का निर्माण होगा। इसकी घोषणा गुरुवार को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गया जिला में आयोजित एक शिलान्यास और उद्घाटन समारोह में की। एनएचएआई की ओर से मगध यूनिवर्सिटी, बोधगया के मुख्य गेट के पास कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें नितिन गडकरी ने मंच से इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि औरंगाबाद के पूर्व सांसद सुशील कुमार सिंह की मांग पर पटना औरंगाबाद फोरलेन सड़क के निर्माण को मंजूरी दी गई है। 130 किलोमीटर की दूरी में इस सड़क का निर्माण होगा, जिसकी कुल लागत साढ़े पांच हजार करोड़ रुपए होगी। यह सड़क पटना, अरवल, दाउदनगर, औरंगाबाद होते हुए हरिहरगंज के पास जुड़ेगी जो वर्तमान में एनएच-139 है। इस सड़क के बनने से पलामू, गढ़वा, औरंगाबाद और अरवल जिला के लोगों को पटना तथा डाल्टेनगंज जाने में सहूलियत होगी। पढ़ाई और व्यापार से लेकर इलाज के लिए पटना जाने में सुविधा होगी। इसकी घोषणा होने के साथ ही जिले में खुशी की लहर दौड़ गई। लोगों ने इस मांग के पूरा होने पर आभार जताया। पूर्व सांसद सुशील कुमार सिंह ने कहा कि इस सड़क के बनने से झारखंड के पलामू और गढ़वा जबकि बिहार के औरंगाबाद और अरवल जिला के लोगों को पटना तथा डाल्टेनगंज जाने में सहूलियत होगी। इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। भाजपा के जिला महामंत्री मुकेश सिंह, भाजपा जिला उपाध्यक्ष दीनानाथ विश्वकर्मा, मुनींद्र राम, विनोद चंद्रवंशी, पूर्व उपप्रमुख मनीष कुमार पाठक, दीपक सिंह, मितेंद्र कुमार सिंह ने हर्ष जताया है। उन्होंने कहा कि पूर्व सांसद के प्रयास से इस सड़क निर्माण को मंजूरी मिली है जिससे लाखों की आबादी लाभान्वित होगी। पटना जाने में पूर्व में काफी समय लगता था। ------------------------------------------------------------------------------------------------ औरंगाबाद से पटना की दूरी लगभग 130 किलोमीटर है। पूर्व में यह सड़क काफी जर्जर हो गई थी। सरकार की पहल पर लगभग साढ़े पांच सौ करोड़ रुपए खर्च कर कुछ साल पहले सात मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण कराया गया था। इसके बावजूद वाहनों की लगातार बढ़ती संख्या के कारण प्रत्येक दिन सड़क हादसे हो रहे थे। तत्कालीन सांसद सुशील कुमार सिंह के प्रयास से इसके सर्वे का काम शुरू हो गया था। इसके एलाइनमेंट, आम जनों से ली जाने वाली आपत्ति सहित अन्य कार्य भी पूर्ण हो गए थे। गुरुवार को केंद्रीय मंत्री के द्वारा घोषणा होने पर लोगों ने खुशी जताई।
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