एससी-एसटी एक्ट में पति-पत्नी को हुई सजा
औरंगाबाद में एक पति-पत्नी को एससी-एसटी एक्ट के तहत सजा सुनाई गई है। जिला जज इसरार अहमद ने सरोज यादव को विभिन्न धाराओं में एक साल की सजा और जुर्माना लगाया। उनकी पत्नी बबीता देवी को भी सजा दी गई है।...

औरंगाबाद, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। एससी-एसटी एक्ट के एक मुकदमे में बुधवार को पति-पत्नी को सजा सुनाई गई। औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय में जिला जज प्रथम सह विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी कोर्ट इसरार अहमद ने परिवाद संख्या-53/22 में सजा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए अभियुक्त सरोज यादव और उनकी पत्नी बबीता देवी को सजा सुनाई। अभियुक्त सरोज यादव को भादंवि धारा-354 में एक साल की सजा और पांच सौ रुपए जुर्माना लगाया है। भादंवि धारा 341 में एक साल की सजा और पांच सौ रुपए जुर्माना लगाया है। भादंवि धारा 504 में पांच सौ रुपए जुर्माना लगाया है। एससी-एसटी एक्ट में छि महीने की सजा सुनाई है।
स्पेशल पीपी शक्ति कुमार सिंह ने बताया कि बबीता देवी को भादंवि धारा 354 में छोड़ कर अन्य धाराओं में सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी। दोनों को 7 मई को दोषी करार देने के बाद बंधपत्र विखंडित कर जेल भेज दिया गया था। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि मुफस्सिल थाना क्षेत्र के के चंदेल बिगहा, सिलाड़ निवासी यशोदा देवी ने 16 जून 2022 को परिवाद दर्ज कराया था। इसमें कहा था कि 11 जून की सुबह जब घर धो रही थीं तो पानी रास्ते में जा रहा था। इसके बाद अभियुक्तों ने जाति सूचक शब्द का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज व मारपीट की थी। इसमें उनकी पतोहू घायल हो गई थी। मुफस्सिल थाना में आवेदन देने पर सुनवाई नहीं हुई तब न्यायालय में परिवाद दर्ज कराया था।
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