तकनीकी खराबी से बाधित हो रहा ऑनलाइन आवेदन, युवा लीड
छात्रों के मोबाइल पर नहीं जा रहा ओटीपी, पूरी नहीं हो पा रही है आवेदन की प्रक्रिया ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा इंटरमीडिएट में नामांकन के लिए ऑनलाइन फॉर्म सबमिशन सिस्टम (ओएफएसएस) के माध्यम से आवेदन की प्रक्रिया शुरू की गई है। 24 अप्रैल से साइट पर आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण यह प्रक्रिया बाधित हो रही है। स्थानीय साइबर कैफे संचालक पुकार प्रसाद ने बताया कि पहले दिन कुछ छात्रों के आवेदन सफलतापूर्वक जमा हो गए थे लेकिन दूसरे दिन से साइट की गति धीमी होने और अन्य तकनीकी समस्याओं के कारण आवेदन प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि साइट बहुत धीमे चल रही है। आवेदन भरने के बाद छात्रों के मोबाइल पर ओटीपी नहीं पहुंच रहा जिसके कारण आवेदन जमा नहीं हो पा रहा। यह समस्या पिछले दो दिनों से बनी हुई है, जिससे छात्रों में निराशा बढ़ रही है। ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 3 मई निर्धारित है। इस बीच, कैफे संचालक छात्रों से दस्तावेज जमा कराकर उन्हें इंतजार करने को कह रहे हैं। उनका कहना है कि साइट के सुचारू होने पर ही आवेदन प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी। छात्रों और कैफे संचालकों ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से इस समस्या पर तत्काल ध्यान देने और साइट में सुधार करने की मांग की है, ताकि निर्धारित समय-सीमा के भीतर आवेदन जमा हो सकें। इंटर नामांकन में ऑनलाइन आवेदन के दौरान बरतें सावधानी इंटरमीडिएट नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके लिए साइबर कैफे में छात्रों की भीड़ देखी जा रही है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने नामांकन से संबंधित कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। छात्रों को आवेदन के दौरान 10 संस्थानों के विकल्प चुनने होंगे। विकल्प चुनते समय सावधानी जरूरी है। बीएसईबी ने सभी इंटर स्तरीय संस्थानों की सूची अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दी है, जिसमें प्रत्येक संस्थान के संकाय और उपलब्ध सीटों की जानकारी दी गई है। साथ ही पिछले वर्ष के कट-ऑफ अंक भी उपलब्ध कराए गए हैं। छात्रों को सलाह दी गई है कि वे मैट्रिक में प्राप्त अंकों के आधार पर ही विकल्प चुनें। मेरिट लिस्ट पहले विकल्प से शुरू होती है। यदि पहले विकल्प में सीट नहीं मिलती, तो अगले विकल्प पर विचार किया जाता है। इससे कई बार छात्रों को मनपसंद संस्थान नहीं मिल पाता और उनका नाम दूर के संस्थान में चला जाता है। नामांकन विशेषज्ञों का कहना है कि विकल्प चुनते समय छात्रों को संस्थान में उपलब्ध सीटों की संख्या, पिछले वर्ष का कट-ऑफ अंक व मैट्रिक में प्राप्त अंक का ध्यान रखना जरूरी है। जिन संस्थानों में सीटें अधिक हैं, वहां नामांकन की संभावना ज्यादा रहती है। अंबा के महिला कॉलेज के प्राचार्य प्रो. दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि उनके कॉलेज में कला और विज्ञान संकाय में 384-384 सीटें हैं।
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