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औरंगाबाद में कोर्ट कर्मियों की अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल शुरू

औरंगाबाद और दाउदनगर में किया गया प्रदर्शन, दिया गया धरना फोटो- 16 जनवरी एयूआर 3 कैप्शन- औरंगाबाद में गुरुवार को व्यवहार न्यायालय के बगल में धरना पर बैठे कर्मी फोटो

Newswrap हिन्दुस्तान, औरंगाबादThu, 16 Jan 2025 11:29 PM
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औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय में कर्मचारी संघ द्वारा अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल गुरुवार से शुरू हो गई। इसका असर न्यायिक सेवाओं पर भी पड़ा। सभी कोर्ट के इजलास के बाहर ताला लटका रहा। न्यायिक कार्य बाधित रहने से अधिवक्ताओं और मुवक्किलों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। न्यायालय परिसर में कोर्ट कार्य नहीं होने से अधिवक्ता न्यायिक कार्य से वंचित रहे जिससे वाद के पक्षकारों, गवाहों, अनुसंधानकर्ता, एपीपी, एपीओ को वापस लौटना पड़ा। व्यवहार न्यायालय, औरंगाबाद के कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्रीकांत कुमार ने बताया कि हमारी चार मांगे राज्यव्यापी हैं जिसे पाने के हम हकदार हैं। सभी 38 जिलों में यह हड़ताल शुरू की गई है। उच्च न्यायालय और राज्य सरकार से जुलाई 2024 तक मांगों को पूरा करने को कहा गया लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब यह लड़ाई आत्मसम्मान की लड़ाई बन गई है। मीडिया प्रभारी मनोज कुमार सिन्हा और ओमप्रकाश गुप्ता ने बताया कि आज जो भी अभियुक्त रिमांड के लिए लाए गए, उन्हें लौटा दिया गया। जिला विधिक संघ के अध्यक्ष विजय कुमार पांडेय और महासचिव जगनरायण सिंह ने कहा कि इस हड़ताल से अधिवक्ताओं का न्यायिक कार्य प्रभावित हुआ है। उम्मीद है कि शीघ्र ही राज्य सरकार और उच्च न्यायालय, पटना के स्तर से समाप्त कराने का प्रयास किया जाएगा। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि यह हड़ताल अनिश्चितकालीन है। दाउदनगर व्यवहार न्यायालय के न्याय कर्मी गए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर दाउदनगर, संवाद सूत्र। बिहार व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ, पटना के आह्वान पर दाउदनगर व्यवहार न्यायालय के न्याय कर्मी चार सूत्री मांगों को लेकर गुरुवार से अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल पर चले गए। वेतन विसंगति, समयानुसार प्रमोशन, शत प्रतिशत अनुकंपा बहाली, विशेष न्यायिक कैडर शामिल हैं। हड़ताल से न्यायिक कार्य प्रभावित हुआ तथा न्यायालय परिसर में सन्नाटा पसरा रहा। मुवक्किल तिथि के अनुसार कोर्ट पहुंचे लेकिन हड़ताल के कारण बैरंग लौट गए। सभी कमरे व सीढ़ी के दरवाजे पर ताला लटके रहे। मांगों के समर्थन में न्यायालय गेट पर सभी कर्मी शांति पूर्ण धरना पर बैठे रहे। वक्ताओं ने एक स्वर से मांग पूर्ण होने तक हड़ताल जारी रखने का आह्वान किया। धरना स्थल पर रिटायर्ड कर्मचारी कृष्णा राम ने पूर्व के हड़ताल पर विशेष रूप से प्रकाश डाला। अली अशरफ के द्वारा अपनी सभी मांगों को शायरी के माध्यम से रखा गया। उर्मिला कुमारी ने कहा कि जब तक मांगों को पूरा नहीं करता है तब तक धरना जारी रहेगा। संगठन मंत्री हेमंत कुमार हिमांशु ने कहा कि राज्य संघ के आह्वान पर अनिश्चितकालिन कलमबंद हड़ताल पर बैठे हैं। 3 अप्रैल 2003 की तिथि से न्यायिक वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप विभिन्न पदों पर वेतनमान सहित प्रोन्नति तत्काल देने, बिना विभेद के अनुकम्पा पर शत प्रतिशत नियुक्ति प्रदान करने, न्यायिक वेतन आयोग की अनुशंसा जो सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्वीकृत है के आलोक में नियुक्ति एवं प्रोन्नति नियमावली में संशोधन अविलंब किया जाए। हेमंत कुमार हिमांशु, संगठन मंत्री, राजीव कुमार सिंह, अभय कुमार, उर्मिला कुमारी, कलावती कुमारी, सुमित कुमार, प्रशांत कुमार, लव कुमार, अली असरफ, जितेन्द्र कुमार, सुशील कुमार, आबिद अंसारी, चित्रमोहन सिंह, पंकज कुमार, ऋषिकांत राज, प्रशांत कुमार बैठे रहे।

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