तपस्या जीवन का शृंगार है: साध्वीश्री
फारबिसगंज में, 10 वर्षीय प्राची मरोठी ने 8 दिन तक निराहार तप किया, जिसे साध्वी श्री स्वर्णरेखा जी की उपस्थिति में सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में महावीर स्वामी के मोक्ष मार्ग पर चर्चा की गई। प्राची...
फारबिसगंज । एक संवाददाता तेरापंथ भवन में आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी सुशिष्या साध्वी श्री स्वर्णरेखा जी की सानिध्य में रविवार को बाल तपस्वी प्राची मरोठी का तप अभिनंदन कार्यक्रम का भव्य समापन हुआ। खास बात की प्राची मरोठी ने मात्र 10 वर्ष की आयु में अठाई यानि 8 दिन तक निराहार रहना,जैसे तप की साधना की है। प्राची मरोठी तुलसी कुंज में निवासी अशोक एवं रंजू मरोठी की सुपौत्री,अंकुर-नेहा की पुत्री है। वह कक्षा 5 में पढ़ती है। बाल्यावस्था में अठाई तप करना मासखमण तप के बराबर है, इस हेतु प्राची मरोठी को रथ में बैठा कर सकल समाज के साथ जुलूसबद्ध होकर पूरे नगर का भ्रमण करवाया गया। तेरापंथ भवन के जय सभागार में बाल तपस्वी प्राची मरोठी का तपोभिनंदन साध्वी श्री के सान्निध्य में हुआ। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए साध्वी श्री जी ने कहा कि महावीर स्वामी ने मोक्ष मार्ग के चार मार्ग बतलाए हैं। जिसमें सम्यकज्ञान,सम्यकदर्शन,सम्यक चारित्र और सम्यक तप। जीवन में एक बार हमें बड़ी तपस्या अवश्य करनी चाहिए।
इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत महावीर स्तुति एवं पार्श्व स्तुति से की गई। सभा अध्यक्ष महेंद्र बैद ने प्राची की दृढ़ मनोबल शक्ति एवं संकल्प शक्ति की भूरी-भूरी प्रशंसा की। महिला मंडल एवं कन्या मंडल की बहनों के द्वारा गीतिका का संगान किया गया। तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष आशीष गोलछा,विशाल चौरडिया व वयोवृद्ध श्राविका विमला देवी भंसाली ने तप अनुमोदन के क्रम में अपना वक्तव्य सबके सामने रखा। संचालन उपसिका प्रभा सेठिया ने किया। इस मौके पर समाज की सभी संस्थाओ के पदाधिकारी, श्रावक-श्राविका, सुनीता लड्ढा, निर्मल सेठिया, पूनम पांडिया, अजय झाबक, राहुल बोथरा, विनोद सरावगी, पप्पू लड्ढा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूद थे।
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