टीबी उन्मूलन को जिले में शुरू हुआ विशेष अभियान
अररिया जिले में टीबी उन्मूलन के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। 24 मार्च को विश्व यक्ष्मा दिवस पर, चार पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया जाएगा। इनमें रानीगंज के मोहिनी, सिकटी के बेंगा, और नरपतगंज के...
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प्रथम चरण में तीन प्रखंड के चार पंचायत होगा टीबी मुक्त चयनित पंचायतों को 24 मार्च को वर्ल्ड टीबी डे पर मिलेगा प्रमाण पत्र
अररिया, निज प्रतिनिधि
जिले में टीबी उन्मूलन को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिला स्तर से लेकर पंचायत स्तर पर टीबी के संदेहाष्पद रोगियों को खोजकर उनका स्क्रीनिंग किया जा रहा और जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करायी जा रही है। जिला अस्पताल से लेकर हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर तक टीबी के संदेहाष्पद रोगियों की पहचान की जा रही है, ताकि अधिक से अधिक टीबी के संदेहाष्पद रोगियों को खोजकर उनका समुचित ईलाज की जा सके। टीबी एचआईवी कोर्डिनेटर दामोदर शर्मा ने बताया कि विभाग पूरी तरह जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए प्रयासरत है। अब बारी-बारी से पंचायतों को टीबी मुक्त पंचायत बनाया जाएगा। हर प्रखंड के दो-दो पंचायतों को टीबी मुक्त पंचायत बनाने के लिये चिन्हित किया गया है। इसमें रानीगंज के मोहनी और भोरहा, सिकटी के बेंगा और ठेंगापुर पिपरा, भरगामा का कुशमौल और सिरसिया कला, नरपतगंज के अंचरा और पिठौरा, फारबिसगंज के रामपुर दक्षिण और पोठिया, पलासी के पकरी और कनखुदिया, जोकीहाट के काकन और गैरकी मसूरिया, कुर्साकांटा के कुआड़ी और कुर्साकांटा पंचायत को टीबी मुक्त कराने का लक्ष्य है। इसके अलावा अररिया के गैनहरा और बांसबाड़ी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में जिले के चार पंचायत को टीबी मुक्त घोषित किया जाएगा। इसमें रानीगंज प्रखंड के मोहिनी, सिकटी के बेंगा और नरपतगंज के अंचरा और पिठौरा शामिल हैं। इसके लिये विभाग को टीबी मुक्त घोषित करने के लिये रिपोर्ट भेज दी गयी है। इन चारों टीबी मुक्त पंचायत को 24 मार्च को विश्व यक्ष्मा दिवस प्रमाण पत्र आदि दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि टीबी मुक्त जिला बनाने को लेकर हर स्तर पर लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि टीबी मुक्त जिला बनाने के लिये स्क्रीनिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर टीबी के संदेहाष्पद मरीजों की खोज कर उन्हें जांच के लिये मोटिवेट कर रहे हैं ताकि अधिक से अधिक लोगों का स्क्रीनिंग हो सके। स्वास्थ्य कार्यकर्ता आशा घर-घर जाकर ऐसे मरीजों की सूची तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा जिले में टीबी के संदेहाष्पद रोगियों की जांच का दायरा भी बढ़ा दिया गया है।
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