महिला संवाद: महिला संवाद का 61 दिन पूरा, 59 हजार से अधिक आकांक्षाएं
अररिया में महिला संवाद कार्यक्रम दो महीने में 61 दिन पूरे कर चुका है। अब तक 2155 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जिसमें 4287 महिलाओं ने भाग लिया। महिलाओं ने यातायात, नशे की लत और सुरक्षा जैसे...

अररिया, संवाददाता। जिले में महिला संवाद कार्यक्रम के संचालन होते दो माह से अधिक समय बीत चुका है। मंगलवार को कार्यक्रम ने जिले में अपना 61वां दिन पूरा किया। इस दौरान 18 संवाद रथ के माध्यम से सभी नौ प्रखंडों में कुल मिला कर 2155 स्थानों पर महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जा चुका है। जबकि कुल 2174 जगहों पर महिला संवाद का लक्ष्य है। ये लक्ष्य बुधवार को पूरा हो जाने की उम्मीद है। क्योंकि हर रथ प्रतिदिन दो जगहों पर महिला संवाद आयोजित करता है। यानी प्रत्येक दिन कुल 36 जगहों पर महिला संवाद का आयोजन किया जाता रहा है।
दी गई जानकारी के अनुसार मंगलवार को जिले में 22 स्थानों पर महिला संवाद का आयोजन किया गया। जिसमें 4,287 महिलाओं ने हिस्सा लिया। अब तक 2155 स्थानों पर महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जा चुका है। कहा गया है कि कार्यक्रम में महिलाओं ने हर कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार की आकांक्षाएं रखती रही हैं। वयैक्तिक व पारिवारिक से लेकर सामाजिक हित के मुद्दों को भी महिलाओं द्वारा उठाया जाता रहा है। अब तक जिले में 59 हजार 454 आकांक्षाएं रखी जा चुकी हैं। बताया गया कि मंगलवार को महिला संवाद कार्यक्रम के दौरान पलासी की ममता देवी ने प्रखंड से जिला मुख्यालय तक सार्वजनिक यातायात की असुविधा का जिक्र करते हुए कहा कि इस असुविधा के कारण जिला मुख्यालय तक आना जाना मुश्किल हो जाता है। ऐसी परिस्थिति में छोटी बसों का संचालन बहुत जरूरी है। ऐसा नहीं होने से खास कर शाम के समय में गांव वापसी घर लौटना मुश्किल हो जाता है। प्रशासन और सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। वहीं, सिकटी की प्रभा देवी ने समाज के युवाओं और कम उम्र के बच्चों में नशे के बढ़ते लत को लेकर चिंता जताई। उनका कहना था कम उम्र के बच्चे नशे की लत में पड़ कर अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं। पैसा नहीं होने पर अपराध करते हैं। इसलिए प्रशासन को इस ओर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। अगर उन्हें नहीं रोका गया तो बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। वहीं, कुछ महिलाओं ने महिला सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया। उनका कहना था कि समाज में महिलाओं के प्रति हिंसा बढ़ गई है। महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए। दावा किया गया है कि दो महीनों में महिला संवाद ने समाज के एक बड़े तबके में जागरुकता का संचार किया है। महिला संवाद की वजह से न सिर्फ महिलाएं, बल्कि पुरूष भी जागरूक हुए हैं। उन्हें भी कई प्रकार की नई जानकारियां मिली हैं। इन जानकारियों के बाद वो इसका लाभ भी उठा रहे हैं। आकांक्षा के माध्यम से उठाए गए समस्याओं का समाधान होने से कई चीजें दुरुस्त हुई हैं।
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