महिलाओं के लिए काल बन रहा लोन, कई कर चुकी हैं आत्महत्या
रानीगंज में महिलाएं कर्ज की वजह से आत्महत्या कर रही हैं। हाल ही में, एक महिला ने लोन चुकाने के लिए अपने डेढ़ साल के बच्चे को महज नौ हजार रुपये में बेच दिया। कई अन्य महिलाएं भी कर्ज के बोझ से तनाव में...
रानीगंज, एक संवाददाता। अपनी जरूरत पूरी करने के लिए पहले महिलाएं कर्ज लेती हैं फिर चुकाने में असमर्थ होने पर खौफनाक कदम उठाने को मजबूर हो जाती हंै। बीते चार दिन पहले पचीरा पंचायत की एक महिला ने लोन की रकम चुकाने के लिए महज नौ हजार रुपये में ही अपने डेढ़ साल के मासूम बच्चे को बेच दिया था। इतना ही नहीं कई महिलाएं पैसे वसूली करने आये एजेंट के प्रताड़ित किये जाने पर आत्महत्या तक कर चुकी हंै। प्रखंड क्षेत्र के अलग अलग पंचायतों में बीते एक साल में कई महिलाओं द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। इनमें कुछ महिलाओं द्वारा छोटे मोटे फाइनेंस कर्मियों द्वारा कर्ज लेकर कर्ज की राशि नहीं चुका पाने की स्थिति में आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। फाइनेंस कंपनी के कर्मी बड़ी आसानी से गांव की महिलाओं को अपना शिकार बना रहे हैं। कई गांवों की महिलाएं लोन की रकम उठाकर दूसरे महिलाओं को दे देती है फिर एक लोन की रकम ज्यादा होने पर कर्जदार महिला तनाव में आ जाती हैं।
जानकर बताते हैं कि फाइनेंस कर्मी सुदूर ग्रामीण इलाके के किसी महिला को पहले 40 हजार का लोन पास करते है फिर ये 40 हजार रुपये हफ्ता दर हफ्ता क़िस्त में अदा करनी पड़ती है क़िस्त की रकम में ब्याज भी जुड़ा रहता है। ऐसे में जब 40 हजार रुपये का लॉन समाप्त हो जाता है तब जाकर अगला लॉन 80 हजार रुपये का दिया जाता है। ऐसे में वैसी महिला जिनको ज्यादा लॉन लेना होता है वे पहले 40 हजार लॉन लेकर दूसरे महिला को दे देते है फिर वही महिला 80 हजार के लॉन लेने के लालच में फंस जाती है और कोई एक महिला सैकड़ो महिलाओं से लोन की पहली रकम लेकर या तो फरार हो जाती है या तनाव में आत्महत्या कर लेती है।
बोले थानेदार:
इधर मामले को लेकर रानीगंज थानाध्यक्ष निर्मल कुमार यादवेन्दु ने बताया कि महिलायों के साथ साथ स्थानीय बुद्धिजीवियों और जनप्रतिनिधियों को भी जागरूक होना होगा। यदि कोई खास जरूरत न हो तो बेवजह लोन के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए।
बोले बीडीओ:
बीडीओ रितम कुमार ने बताया कि महिलाओं को बेवजह लॉन लेने से बचना चाहिए, लॉन लेने की स्थिति में अपने पति को भी जानकारी देनी चाहिए, लॉन लेने से पहले पूरी पड़ताल जरूरी है।
केस स्टडी: 01
इसी साल सात जून को खरहट पंचायत के नारायणपुर गांव के विजय मंडल की पत्नी लाली देवी की संदेहास्पद परिस्थिति में मौत हो गयी थी, लाली देवी की मौत के बाद उनके घर पर पास पड़ोस की सैकड़ों महिलायों ने जमकर हंगामा किया था। कई महिलाओं का कहना था कि मृतका ने हमलोगों को विश्वास में लेकर एक फाइनेंस कर्मी से हमलोगों के ही नाम पर लाखों रुपये का लोन रखा था।
केस स्टडी 02
बीते साल 21 मई को गुणवंती पंचायत के शंभू राय की पत्नी मोनी देवी की संदेहास्पद परिस्थिति में मौत हो गयी। फांसी लगाकर मौत का मामला सामने आया था। इसमें बताया गया था की घटना के दिन ही क़िस्त की रकम लेने फाइनेंस कर्मी आया था क़िस्त की रकम नहीं दे पाने की स्थिति में महिला ने आत्महत्या की थी।
केस स्टडी 03
इधर 20 सितंबर को रानीगंज थाना क्षेत्र के ठेकपुरा गांव की महिला जानकी देवी की संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत हो गयी थी, महिला की मौत के बाद गांव के दर्जनों महिलाओं ने मृतका का शव बेबी देवी के घर पर पहुंचा दिया गया, गांव की गुड़िया देवी, ननकी देवी सहित सैकड़ों महिलाओं का आरोप था कि बेबी देवी में जानकी देवी समेत हमलोगों से भी लाखों रुपये लोन करवा कर फरार हो गयी है।
केस स्टडी 04
इधर बीते चार दिन पहले पचीरा पंचायत की एक महिला ने लौन की रकम को चुकाने के लिए महज नौ हजार रुपये में अपने डेढ़ साल के मासूम बच्चे को बेच दिया था। गनीमत रही कि ससमय पुलिस हरकत में आई और बच्चे को बरामद कर लिया गया। क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में अभी भी फाइनेंस कर्मी को क़िस्त नहीं दे पाने की स्तिथि में कई गांव की कई महिलाएं तनाव में है।
रानीगंज फ़ोटो। 01 : रानीगंज थाना में बरामद किया गया बच्चा व उनके परिजन।
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