साक्षात विद्या की देवी थी पद्मश्री कलावती देवी
रानीगंज में पद्मश्री कलावती देवी की 36वीं पुण्यतिथि धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत छात्र-छात्राओं ने प्रभात फेरी से की। कलावती देवी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। पीयू के कुलपति और...
ंरानीगंज । एक संवाददाता शनिवार को पद्मश्री कलावती देवी की 36 वीं पुण्यतिथि कलावती स्नातक महाविद्यालय कलावती नगर में धूमधाम सेे मनाया गया। कार्यक्रम की शुरूआत प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न सरकारी व निजी विद्यालयों के सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने गाजे बाजे के साथ जब तक चांद सूरज रहेगा, कलावती तेरा नाम रहेगा आदि नारों के साथ प्रभात फेरी से की गयी। इसके बाद कलावती महाविद्यालय परिसर में कलावती देवी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी। मौके पर आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत में पीयू के कुलपति प्रो. डा. पवन कुमार झा, कोशी निर्वाचन क्षेत्र के विधान परिषद सदस्य संजीव कुमार सिंह, रानीगंज विधायक अचमित ऋषिदेव, एसडीओ अनिकेत कुमार, कलावती महाविद्यालय के प्राचार्य डा. दयानंद राउत, जीएलएम कॉलेज बनमनखी के प्राचार्य डॉ उदय नारायण सिंह, साशी निकाय के सचिव जगदीश प्रसाद जायसवाल, रानीगंज नगर पंचायत के मुख्य पार्षद रूपा देवी, एसएनवी महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य प्रो. अरुण कुमार मंडल आदि ने दीप जलाकर किया। इससे पूर्व कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों व विशिष्ट अतिथियों को पुष्प गुच्छ और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीयू के कुलपति प्रो पवन कुमार झा ने कहा कि कलावती देवी की लगन, दृढ़ संकल्प, असंभव को संभव करने साहस को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। वे साक्षात विद्या की देवी थी, जिनकी लड़कियों की शिक्षा के प्रति इतनी दूरदर्शी सोच कई दशकों पहले से थी। वहीं एसडीओ अनिकेत कुमार ने कहा की शिक्षा के महत्व को जानना जरूरी है। बिना शिक्षा के हम सभी कमजोर हो जाएंगे। कलावती देवी को शिक्षा के प्रति अद्भुत विश्वास था कि आज यहां कलावती महाविद्यालय, कलावती उच्च व मध्य विद्यालय है। स्थानीय विधायक अचमित ऋषिदेव ने कहा कि पद्म श्री कलावती देवी की कृत्य को राज्य व देश के पलट पर लाने का काम किया जाएगा। वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कलावती महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ दयानंद राउत ने कहा कि फणीश्वरनाथ रेणु की इस मिट्टी में जन्मी व पली पद्मश्री कलावती देवी ने अल्पसाक्षरता के दंश को झेलती हुई उस दीपक की तरह थी जो स्वयं अंधेरे में रहकर समाज को ज्ञान के प्रकाश से अलंकृत करती रही। कलावती देवी के अथक प्रयास का परिणाम है कि आज ग्रामीण क्षेत्र की बच्चियां भी समाज के सभी क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रही है। कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों व शिक्षाविदों व बुद्धिजीवियों के आलावे विभिन्न महाविद्यालयों, निजी व सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने भी अपने अपने विचार प्रकट किया। कार्यक्रम में रानीगंज के आलावे पूरे जिले से हजारों की संख्या में लोग जुटे थे।
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