अररिया में भी महसूस किये गये भूकंप के झटके, सहमे लोग
नेपाल में 2015 में आए भूकंप की यादें अब भी ताजा हैं। अररिया जिले में 7 जनवरी, 2025 को भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोग दहशत में आ गए। हालांकि, अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रित बताया और लोगों को...
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वर्ष 2015 में नेपाल में आए भूकंप को सोच अब भी सहम जाते हैं लोग सात जनवरी 2025, 12 अप्रैल 2023 और 22 जून 2022 को भी महसूस किये गये थे भूकंप
अररिया का शुमार सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में, कभी भी टूट सकती है अनदेखी आफत
घबराएं नहीं एवं धैर्य के साथ बताये गये गाइड लाइन का पालन करें: अधिकारी
अररिया, वरीय संवाददाता
गुरूवार की देर रात करीब 2.37 बजे भूकंप के झटके ने जिलेवासियों को दहशत में ला दिया। हालांकि देर रात होने व कमरे में सोये रहने के कारण अधिकांश लोगों को इसकी जानकारी सुबह हुई। इससे पहले पिछले माह सात जनवरी की सुबह लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किये थे। वर्ष 2023 के अप्रैल माह में भी जिले वासियों ने भूकंप के झटके झेले थे। वर्ष 2023 में आए भूकंप का केंद्र जिले के रानीगंज पूर्णिया के बनमनखी के बीच बताया गया था। ये बात अलग थी कि तीव्रता अधिक नहीं रहने के कारण कोई जान माल का नुकसान नहीं हुआ था। इधर सहायक आपदा प्रबंधन पदाधिकारी मृत्यंुजय पांडेय ने बताया कि कि तीव्रता कम होने कारण जिले में कहीं कोई क्षति नहीं हुई है। जिले के सभी सीओ से जानकारी ली गई। लेकिन कहीं कोई क्षति की सूचना नहीं है। कहा कि घबराएं नहीं एवं धैर्य के साथ गाइड लाइन का पालन करें। शहर के राजेश कुमार, ममता देवी, रंधीर कुमार, शशि कुमार आदि ने बताया कि शुक्रवार की देर रात दो बजकर 37 मिनट पर धरती डोलने का एहसास हुआ। लेकिन केवल एक बार। वह भी 30-35 सेकेंड तक मात्र।
वर्ष 2015 में आई तबाही को नहीं भूल पाए लोग:
वहीं जिलेवासी वर्ष 2015 के अप्रैल माह में पड़ोसी देश नेपाल में आए भूकंप से हुई तबाही और फैले दहशत के माहौल को अबतक भूल नहीं पाए हैं। हालांकि वर्ष 2015 के बाद भी जिले में कई बार भूकंप के हल्के और तेज झटके लोगों ने महसूस किए थे।
अररिया संवेदनशील जोन पांच में शामिल:
इस संबंध में चिंता की बात ये है कि सिस्मिक जोन के वर्गीकरण के पैमाने पर जिला देश के सबसे संवेदनशील जोन पांच में शामिल है। विषय विशेषज्ञ ये आशंका हमेशा से जताते रहे हैं कि जिले में भूकंप से कभी भी जानो माल का बड़ा नुकसान हो सकता है। गौरतलब है कि वर्ष 2015 में नेपाल में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7 से अधिक थी। जिसके नतीजे में नेपाल में लगभग नौ हजार लोगों की मृत्यु हुई थी। हजारों अन्य घायल हुए थे। बड़ी संख्या में कच्चे पक्के मकान भी जमींदोज हो गए थे। ं नेपाल में आए भूकंप के कारण अररिया में भी तीन दिनों में लगभग एक दर्जन बार धरती जरूर डोली थी। हफ्तों तक जिलेवासी दहशत में घिरे रहे थे। गुरूवार की देर रात के भूकंप ने जिले के लोगों को उसी भूकंप की याद दिला दी है। नेपाल की तराई में बसे अररिया जिले के खतरे की बात केवल यह नहीं कि जिला जोन पांच में शामिल है, बल्कि जोन पांच में होने के बावजूद छोटे छोटे भूकंप का न आना एक बड़े खतरे को दावत दे सकता है।
बोले भूवैज्ञानिक:
इस संबंध में प्रतिक्रिया देते हुए देश के जाने माने भू वैज्ञानिक डॉ इस्माइल भट कहते हैं कि ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों में समय समय पर कम तीव्रता के हल्के फुल्के भूकंप के झटके आते रहें तो यकायक बहुत अधिक तीव्रता के झटके आने का खतरा कम रहता है।
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