जिले के चार पंचायत टीबी मुक्त, शेष पंचायतों टीबी मुक्त बनाने का प्रयास जारी
जिले में 100 दिनों तक सघन टीबी उन्मूलन अभियान चलेगा। इस अभियान में संभावित मरीजों की खोज, जांच और उपचार पर विशेष जोर दिया जाएगा। जिले के सभी 211 पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में प्रयास किए जा...

जिले में 100 दिनों तक चलेगा सघन टीबी उन्मूलन अभियान। संभावित मरीजों की खोज, जांच व उपचार पर रहेगा विशेष जोर संवेदनशील इलाकों में बसे लोगों के मधुमेह, एचआईवी व कुपोषण की होगी जांच अररिया, वरीय संवाददाता जिले के सभी 211 पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में आवश्यक पहल की जा रही है। अब तक जिले के 04 पंचायत टीबी मुक्त पंचायत घोषित हो चुके हैं। इसमें नरपतगंज प्रखंड के पिठौरा व अचरा, सिकटी प्रखंड के बैंगा व रानीगंज का मोहनी पंचायत का नाम शामिल है। शेष चिह्नित पंचायतों को भी टीबी मुक्त बनाने की कवायद की जा रही है।
यह जानकारी जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मोईज ने दी। बताया कि टीबी मुक्त अभियान को गति प्रदान करने व इसे अधिक प्रभावी बनाना 100 दिवसीय सघन टीबी उन्मूलन अभियान का उद्देश्य है। अभियान के क्रम में अधिक से अधिक लोगों की जांच सुनिश्चित कराना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि टीबी उन्मूलन संबंधी प्रयासों को संभावित रोगियों की पहचान, समुचित उपचार सहित मरीजों को उपलब्ध करायी जाने वाले अन्य सेवाओं को प्रभावी बनाने को लेकर पहल की जायेगी। संवेदनशील इलाकों में बसे लोग मधुमेह, एचआईवी व कुपोषण जैसी सह रूगणता वाले व्यक्तियों को जांच के दायरा में लाया जायेगा। अभियान की सफलता को लेकर जिला यक्ष्मा केंद्र के अधिकारी व कर्मियों जरूरी प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। इसके बाद प्रखंड स्तर पर अधिकारी, चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाना है। ट्रेसिंग, टेस्टिंग व ट्रीटमेंट पर रहेगा जोर: सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने बताया कि राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन अभियान को गति देने के उद्देश्य से राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर जिले में 100 दिवसीय विशेष टीबी उन्मूलन अभियान जल्द शुरू किया जायेगा। विभागीय स्तर से इसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है। इसके पूर्व राज्य के 10 जिलों में 100 दिवसीय सघन टीबी उन्मूलन अभियान संचालित किया गया था। दूसरे चरण में अररिया सहित राज्य के अन्य जिलों में विशेष अभियान संचालित किया जाना है। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट के साथ-साथ अन्तर्विभागीय समन्वय पर विशेष जोर दिया जायेगा। साथ ही जिले के सभी प्रखंड अंतर्गत उच्च जोखिम वाले समुदाय में टीबी स्क्रीनिंग व जांच सुनिश्चित कराने को लेकर जरूरी पहल किये जाने की जानकारी उन्होंने दी। टीबी उन्मूलन अभियान को मिलेगी गति: जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मोईज ने बताया कि टीबी उन्मूलन अभियान के तहत अधिक से अधिक लोगों की जांच सुनिश्चित कराना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि टीबी उन्मूलन संबंधी प्रयासों को संभावित रोगियों की पहचान, समुचित उपचार सहित मरीजों को उपलब्ध करायी जाने वाले अन्य सेवाओं को प्रभावी बनाने को लेकर पहल की जायेगी। संवेदनशील इलाकों में बसे लोग मधुमेह, एचआईवी व कुपोषण जैसे लोगों की जांच की जाएगी। इससे टीबी उन्मूलन अभियान को गति मिलेगी। सीएचओ व आशा की होगी महत्वपूर्ण भूमिका: जिला टीबी समन्वयक दामोदर शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत 100 दिवसीय सघन टीबी उन्मूलन अभियान के क्रम में संभावित मरीजों की जांच, उपचार, निक्षय पोषण योजना व निक्षय मित्र के माध्यम से पोषण किट का लाभ उपलब्ध कराने का प्रयास किया जायेगा। अभियान की सफलता को लेकर प्रखंड स्तर पर सभी सीएचओ व आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका निर्धारित की जायेगी। अभियान से जुड़ी गतिविधियों को निक्षय पोर्टल पर अपलनोड किया जायेगा। विभिन्न स्तरों पर अभियान के अनुश्रवण व मॉनीटरिंग का इंतजाम किये जाने की जानकारी उन्होंने दी।
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