जयंती पर याद किये गए महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
इंद्रधनुष साहित्य परिषद ने किया आयोजन फारबिसगंज, एक संवाददाता। इंद्रधनुष साहित्य परिषद द्वारा 'वर दे
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इंद्रधनुष साहित्य परिषद ने किया आयोजन फारबिसगंज, एक संवाददाता।
इंद्रधनुष साहित्य परिषद द्वारा 'वर दे वीणा वादिनी वर दे' सुप्रसिद्ध प्रार्थना के रचयिता महाकवि पंडित सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की जयंती शुक्रवार को स्थानीय पीडब्लूडी परिसर में समारोह पूर्वक मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ बाल साहित्यकार हेमंत यादव एवं संचालन मनीष राज ने किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त बीईओ प्रमोद कुमार झा थे। कार्यक्रम में उपस्थित साहित्यकारों व गणमान्य लोगों के द्वारा स्व.निराला की तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पण के पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ अरविंद ठाकुर द्वारा प्रस्तुत गीत 'वर दे वीणा वादिनी वर दे' प्रार्थना से किया गया। सभाध्यक्ष हेमंत यादव,हरिनंदन मेहता,हरिशंकर झा,प्रमोद कुमार झा, तथा बिनोद कुमार तिवारी ने बताया कि महाकवि निराला का जन्म बंगाल के महिषाकोल में 21फरवरी 1899 ई. को हुआ था। 'निराला' अपने काव्य की जीवन्त सामर्थ्य के कारण साहित्य में प्रतिष्ठित हैं। वे जन्मजात व छायावादी परंपरा के अग्रगण्य कवि थे। निराला की प्रतिष्ठा एक काव्यकार के रूप में अधिक है। मुक्त छंदों की प्रकृति निराला की अनेक कविताओं में दृष्टिगोचर होती है। निराला का काव्य स्वच्छन्दतावाद का हिमायती है। इसका प्रयोग निराला ने अपनी अनेक रचनाओं में श्रृंगारिक वर्णन के लिए किया। कार्यक्रम में शिवनारायण चौधरी, सुनील दास,राम प्रसाद सिंह, कौशिक कुमार,सच्चिदानंद सिंह, सीताराम बिहारी आदि उपस्थित थे।
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