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अररिया : सीमा क्षेत्र में अतिरिक्त चौकसी बढ़ाने का निर्देश

कश्मीर में आतंकी घटना के बाद गृह मंत्रालय ने भारत-नेपाल सीमा पर चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। एसएसबी और पुलिस ने विशेष चौकसी शुरू कर दी है, और संदिग्ध चेहरों पर नजर रखी जा रही है। पोरस बॉर्डर पर...

Newswrap हिन्दुस्तान, अररियाFri, 25 April 2025 01:58 AM
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अररिया : सीमा क्षेत्र में अतिरिक्त चौकसी बढ़ाने का निर्देश

फारबिसगंज, निज संवाददाता। कश्मीर में आतंकी घटना के बाद गृह मंत्रालय ने सीमावर्ती क्षेत्र में विशेष चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। निर्देश के बाद भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र में एसएसबी एवं पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी है। मुख्यालय के निर्देश पर एसएससी के 56 वीं बटालियन के जवान चौकस हो गए हैं । हर संदिग्ध चेहरे पर नज़रें रख रहे हैं । एसएसबी ने अपने सभी बीओपी को अलर्ट कर दिया है । खुली सीमा सहित रोड व रेल मार्ग में भी सतर्कता बरती जा रही है । एसएसबी 56 वीं बटालियन के सेना नायक सुरेंद्र विक्रम ने गृह मंत्रालय द्वारा अलर्ट की पुष्टि करते हुए सीमा क्षेत्र में विशेष चौकसी बरतने की बात कही। वहीं एसपी अंजनी कुमार सिंह ने भी सीमा के सभी थाने को अलर्ट करते हुए आपसी समन्वय स्थापित कर चौकसी बरतने को कहा है । खासकर थाना अध्यक्षों को सूचना संग्रह कर आपसी समन्वय बढ़ाने एवं एजेंसियों से भी संपर्क में रहने को कहा गया है । खास बात यह कि अररिया जिले से लगे भारत नेपाल का एक बड़ा भाग पोरस बॉर्डर है जहां सीमा के दोनों ओर स्थानीय लोगों का आना-जाना लगा रहता है। मगर इस अलर्ट के बाद एसएसबी ने साफ शब्दों में कहा है कि पोरस बॉर्डर में पहचान स्थापित किए वैगेर किसी की एंट्री नहीं है । जबकि जोगबनी बॉर्डर पर में मेन टू मेन चेकिंग किया जा रहा है। बताया जाता है कि भारत नेपाल का जोगबनी खुली सीमा क्षेत्र शुरू से संवेदनशील रहा है । पाकिस्तानी आतंकी के इसी सीमा होकर भारत में घुसने और आईसी 814 विमान का अपहरण कर विमान को कंधार ले जाकर खूंखार आतंकवादी अजहर मसूद को छुड़ाने की खूब चर्चा हुई थी। इसी जोगबनी खुली सीमा पर अफगानी एवं पाकिस्तानी नागरिक पकड़े गये थे। पूर्व प्रधानमंत्री स्व इंदिरा गांधी की हत्या के षड्यंत्रकारी आरोपी आईजी सिमरनजीत सिंह मान भी इसी सीमा पर गिरफ्तार किए गए थे। 2003 के 26 दिसंबर को जोगबनी में आयोजित पूर्व कोयला मंत्री स्व. रामविलास पासवान का कार्यक्रम महज इसलिए रद्द कर दिया गया था क्योंकि खुफिया विभाग ने आईएसआई समर्थित आतंकी संगठन लश्कर ए तोएबा द्वारा सभा में बम विस्फोट की धमकी दी थी। 26 जनवरी 1994 को जोगबनी चेक पोस्ट पर बिना किसी पासपोर्ट के घुसपैठ करते पांच अफगानी नागरिक को पकड़ा गया था । ठीक 11 महीने के बाद जोगबनी में चौकसी बढ़ाने को लेकर 10 अफगानी नागरिक घुसपैठ करते समय वीरपुर के भीमपुर बॉर्डर पर गिरफ्तार किए गए थे । इनके खिलाफ 14 विदेशी अधिनियम के तहत बीरपुर थाना कांड संख्या 13 /1995 दर्ज किया गया था। सक्रिय हुई सिस्टर एजेंसियां: खुफिया सूत्रों की मांने तो गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद भारत नेपाल जोगबनी सीमा पर सभी सिस्टर एजेंसियां भी सक्रिय हो गई है। भारत सरकार की रिसर्च एनालिसिस विंग यानी राव, आईबी, मिलिट्री इंटेलिजेंस, एसएसबी इंटेलिजेंस ग्रुप, राज्य सरकार की विशेष शाखा, डायरोक्ट्रिएट रेवेन्यू इंटेलिजेंस और बिहार पुलिस आदि की सक्रियता सीमा पर बनी हुई है।

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