Hindi NewsBihar NewsAraria NewsHistoric Friendship Fair in Raniganj Sees Decline in Crowds Amid Modern Trends

रानीगंज की ऐतिहासिक दोस्ती मेले में अब नहीं रही वो रौनकता

रानीगंज में पौष पूर्णिमा के मौके पर लगने वाले ऐतिहासिक दोस्ती मेले में इस साल भीड़ कम रही। लोगों ने लकड़ी के सामानों की खरीददारी की, लेकिन पहले की तरह रौनक नहीं थी। व्हाट्सएप और फेसबुक के जमाने में मेले...

Newswrap हिन्दुस्तान, अररियाWed, 15 Jan 2025 01:11 AM
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रानीगंज। एक संवाददाता रानीगंज मुख्यालय स्थित फ़रियानी नदी के किनारे सदियों से पौष पूर्णिमा के मौके पर लगने वाला ऐतिहासिक दोस्ती मेले में अब वो रौनक नहीं रही। मेले में कमोवेश यही नजारा देखने को मिला। हालांकि मेले में सैकड़ो की संख्या में दुकानदारों के द्वारा लकड़ी के सामानों का दुकान लगाया गया था, लेकिन मेले के अनुरुप इस साल ख़रीददारी करने लोगों की भीड़ अन्य साल की तुलना में कम थी। वर्तमान समय में व्हाट्सएप और फेसबुक आदि के जमाने में नदी में स्नान कर दोस्ती की कसमें खाने की परंपरा लगभग समाप्त हो गयी है।

करोड़ो के लकड़ी के सामानों की होती है बिक्री:

मुख्य रूप से इस मेले में लकड़ी के सामानों की बिक्री हुई। रानीगंज के आलावे दूर दराज से आये लोगों ने लकड़ी से बने सामानों की जमकर खरीदारी की। लकड़ी के बने सामानों में पलंग, चौकी, कुर्सी, अलना, टेबल, बेंच, पीढिया की बिक्री खूब हुई। रानीगंज के फ़रियानी नदी किनारे लगने वाले इस मेले का इंतजार लोग साल भर से करते हैं। इस मेले में लकड़ी के समान काफी सस्ते दामों में लोगों को मिल जाते है। इस मेले में लकड़ी के सामानों का दुकान लगाने भी दूसरे जिलों के काफी बढई आते है। ऐतिहासिक मेले में दान दहेज व उपहार में लकड़ी के सामानों को देने की प्रथा शुरु से ही रही है। उच्च वर्ग के लोग बड़े बड़े दुकानों में फर्नीचर आदि खरीद लेते हैं लेकिन मध्यम और गरीब लोगों के यह मेला किसी उत्सव से कम नहीं होता है। इस मेले में मध्यम और गरीब परिवार के लोग अपनी बहू बेटियों को शादी के बाद गौना में उपहार के लिए इसी मेले से पलंग, अलमीरा, कुर्सी, टेबल सहित अन्य सामान के साथ साथ सिल्ला, लोढ़ी, उखड़ी, समाठ, की खरीद करते हैं। शादी ब्याह के मौके पर दिए जाने वाले उपहार की पूरी सेट इस मेले में पन्द्रह से बीस हजार रुपये तक में मिल जाती है। इस मेले में सेकड़ो लोग शादी की पूरी सेट की खरीददारी करते हुए नजर आये। लोग टेक्टर, ऑटो, ठेला, के आलावे जिसको जो समान मिला उसमें लड़की के समान लेकर घरों की और जा रहे थे। इस मेले में लकड़ी के लकड़ी के सामानों के आलावे घरेलू सामानों में झाड़ू, तेजपत्ता, मगही पत्ता, के अलावे कई तरह की जड़ी बूटियां की भी खूब बिक्री हुई।

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