Hindi NewsBihar NewsAraria NewsGrandma Janaki took the oath of change in Araria as a child

अररिया में बचपन में ही दादी जानकी ने ली थी परिवर्तन की शपथ

प्रजापिता ब्रह्माकमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की विश्व निर्देशिका दादी जानकी नहीं रही। 104 वर्ष की आयु में माउंट आबू में उसने अपना नश्वर शरीर त्याग...

Newswrap हिन्दुस्तान, अररियाSun, 29 March 2020 01:58 AM
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प्रजापिता ब्रह्माकमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की विश्व निर्देशिका दादी जानकी नहीं रही। 104 वर्ष की आयु में माउंट आबू में उसने अपना नश्वर शरीर त्याग दी।

इधर शनिवार को अररिया आरएस स्थित ब्रह्माकुमारी आश्रम में बीके उर्मिला बहन की अगुवाई में उन्हें नम श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर बीके उर्मिला बहन व बैंककर्मी संजय गुप्ता ने दादी जानका के आदर्श चरित्र, उच्च व्यक्तित्व व समाज के किये गये योगदान की चर्चा की। बताया गया कि वर्तमान पाकिस्तान के हैदराबाद सिंध में 1916 में जन्मी दादी जानकारी को भक्तिभाव का संस्कार मां-बाप से विरासत में मिली।

लोगों का दुख दर्द, जातिवाद और धर्म के बंधनों में बंधे देख अपने अल्पायु में ही समाज में परिवर्तन का संकल्प लिया। उर्मिला बहन ने बताया कि वह 46 हजार ब्रह्माकुमारी बहनों की अलौकि मां थी। 91 वर्ष की आयु में इस संस्था की बागडोर संभाली। विश्व की सबसे स्थिर मन की महिला का वर्ल्ड रिकार्ड दादी जानकी का ही है। टेक्सास मेडिकल एवं साइंस इंस्टीच्यूट में दादी को मोस्ट स्टेबल माइंड इन द वर्ल्ड वूमन से नवाजा था। श्रद्धांजलि समारोह में लाडली बहन, पूजा बहन, भावना बहन, सागरी बहन, गीता बहन, अम्बिका बहन, शर्मिला गुप्ता, राजमुनी साह आदि शामिल थे।

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