श्री मर्यादा पुरुषोत्तम राम की दृष्टि में कोई बड़ा-छोटा नही: बाल संत
फारबिसगंज में नौ दिवसीय श्रीराम कथा महोत्सव के सातवें दिन बाल संत श्री हरि दास जी के नेतृत्व में भव्य प्रभातफेरी निकाली गई। भक्तों ने रंगोली बनाकर और दीप जलाकर बाल संत का स्वागत किया। कथा में श्रीराम...
श्रीराम कथा से पूर्व शहर में निकली प्रभातफेरी बाल कलाकारों द्वारा प्रस्तुत सजीव झांकी भक्तों को बीच बनी आकर्षक का केंद्र
शहर के छुआपट्टी में हो रहा नौ दिवसीय श्रीराम कथा महोत्सव
फारबिसगंज, एक संवाददाता।
श्री सनातन सत्संग समिति द्वारा शहर के छुआपट्टी स्थित स्व.तपेश्वर प्रसाद गुप्ता के गोला में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा महोत्सव के सातवें दिन गुरुवार को बालसंत श्री हरि दास जी महाराज के नेतृत्व में शहर में भव्य प्रभातफेरी निकाली गई। जो कथास्थल से प्रारंभ होकर गोढियारे रोड,साह टोला, दीनदयाल चौक, छुआपट्टी दुर्गा स्थान होते हुए पुन: कथास्थल पर आकर समाप्त हुई। प्रभातफेरी मार्ग के दौरान भक्तों द्वारा अपने-अपने दरवाजे पर रंगोली बनाकर दीप जला कर बाल संत का स्वागत किया। खासकर साह टोला के निवासियों द्वारा प्रभातफेरी में शामिल भक्तों के ऊपर पुष्पवर्षा की गई। प्रभातफेरी में हेमू बोथरा, पूनम पांडिया, आजादशत्रु अग्रवाल,राजू साह उर्फ राधे-राधे, विजय लखोटिया, मांगी लाल गोल्यान, मोतीलाल,पप्पू फिटकरीवाला,संजय अग्रवाल, काव्या,रक्षा, हंसी, केशव,आकाश के अलावा सैकड़ों श्रद्धालु गण शामिल थे। इधर श्री राम कथा के सातवें दिन गुरुवार को बालसंत श्री हरि दास जी ने कथा श्री राम जी के वनवास प्रंसग का वर्णन विस्तार से किया। उन्होंने कहा कि रामायण के अनुसार जब श्री राम जी का वन गमन हुआ तो मार्ग में श्रृंगवेरपुर पहुंचे, जहां निषाद राज का राज्य था। यही पर गंगा तट पर उन्होंने केवट से गंगा पार कराने को कहा। इस मौके पर कलाकारों द्वारा श्रीराम जी और केवट के वार्तालाप को सजीव झांकी द्वारा प्रस्तुति कर माहौल को पूरी तरह से भक्तिमय बना दिया। उन्होंने कहा कि श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम थे, उनकी दृष्टि में छोटे-बड़े का कोई भेद नहीं था। सभी को उचित सम्मान देना उनकी प्राथमिकता में शामिल था।श्रीराम-सीता व लक्ष्मण,निषाद राज और केवट के पुरे परिवार की सजीव झांकी अन्य झांकियों में आकर्षण का केंद्र बनी रही। झांकी देख उपस्थित भक्त मंत्रमुग्ध हो गये। वहीं नौ दिवसीय श्री राम कथा के अंतिम चरण में पहुंचने पर कथास्थल पर भक्तों की भारी लगी रहती है। वहीं आयोजन समिति के सदस्य हेमू बोथरा, पप्पू फिटकरीवाला ने श्रध्दालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसका भरपूर ख्याल रख रहे हैं, तथा कथा समाप्त होने पर एक-एक श्रोता को प्रसाद मिल जाए इसकी पुरी व्यवस्था की गई है। वहीं व्यवस्था बनाए रखने में पूनम पांडिया,विजय लखोटिया, संजय अग्रवाल,मदन मोहन कनौजिया, विभाष गुप्ता, काव्या,रक्षा,आकाश संदीप डाबरीवाला आदि प्रमुख भुमिका निभा रहे हैं।
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