रासायनिक उर्वरक की किल्लत से जिले के किसान परेशान
अररिया जिले में किसानों को यूरिया और डीएपी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। विक्रेताओं द्वारा अधिक कीमत वसूलने और निर्धारित दर पर उर्वरक की कमी के कारण किसान परेशान हैं। जिला कृषि अधिकारी का कहना है...
किसानों की शिकायत: पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रही यूरिया और डीएपी अररिया जिले को 66.40 प्रतिशत यूरिया तो 87.38 प्रतिशत डीएपी की हो चुकी है आपूर्ति
किसानों का दर्द: विक्रेता ऊपर से कम यूरिया मिलने की बात कहकर मनमाफिक वसूल रहे कीमत
जिले में उर्वरक की कमी नहीं, लगातार की जा रही आपूर्ति, खुद कर रहे निगरानी: डीएओ
अररिया, निज प्रतिनिधि
अररिया जिले में रासायनिक उर्वरक खासकर यूरिया और डीएपी की किल्लत से किसान परेशान हैं। गेंहू और मक्का समेत दूसरे फसलों की सिंचाई के बाद खेतों में खाद डालने के लिये उर्वरक की व्यवस्था करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। किसानों की मानें तो सबसे अधिक यूरिया और डीएपी की कमी महसूस हो रही है। स्थिति यह है कि 266 रूपये में मिलने वाला डीएपी 350 से लेकर 400 रूपये तक में खरीदकर खेतों में डालना पड़ता है। इसके बाद भी किसानों को सिर्फ यूरिया का पैकेट नहीं दिया जाता है बल्कि यूरिया के साथ किसानों को तरह-तरह के पोषक तत्व व कीटनाशक दवाएं लेनी पड़ती है। किसानों का कहना है कि सिर्फ यूरिया की बोरी मांगने पर मुंह मांगा कीमत देना पड़ता है या फिर स्टॉक खत्म रहने की बात कहकर लौटा दिया जाता है। जिले में अगर उर्वरक की आपूर्ति पर गौर करें तो, जिले में रबी सीजन के लिये 13 हजार 500 एमटी डीएपी की आवश्यकता है जिसमें 13 जनवरी तक 87.38 प्रतिशत यानि 11 हजार 796 एमटी मिल चुका है। इसके अलावा 14 हजार एमटी की जगह छह हजार 205 प्रतिशत यानि 44.33 प्रतिशत प्राप्त हुआ है। एमओपी की आवश्यकता 11 हजार 500 है जिसमें 11 हजार 255 एमटी यानि 97.87 प्रतिशत मिल चुका है। इसी प्रकार जिले में 41 हजार एमटी यूरिया की आवश्यकता है जिसमें 66.40 प्रतिशत यानि 27 हजार 223 एमटी प्राप्त हो चुका है। वहीं जिले में 4500 एमटी एसएसपी की आवश्यकता है जिसमें 4290 एमटी 95.33 प्रतिशत प्राप्त हो चुका है। इन सबके बीच दिलचस्प बात यह कि सरकार की ओर से उर्वरक वितरण पर जीरो टॉलरेंस की नीति लागू होने के बावजूद किसानों को निर्धारित दर पर कोई भी उर्वरक नहीं मिल पाता है। किसानों का कहना है कि मौजूदा मौसम में ज्यादातर किसानों को यूरिया की आवश्यकता है। सिंचाई के बाद फसलों के पौधे का ग्रोथ बढ़ाने के लिये किसान सबसे अधिक यूरिया का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे समय में किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया नहीं मिलना सबसे बड़ी परेशानी का सबब बन गया है।
क्या कहते हैं किसान:
किसान अमरदीप कुमार, अरविन्द यादव, प्रदीप कुमार, संतोष कुमार यादव, विजय मेहता आदि ने बताया कि जिले में खासकर यूरिया उर्वरक की सबसे अधिक कमी महसूस हो रही है। यूरिया नहीं मिलने से किसान परेशान हैं। अगर अगर कहीं मिल भी रहा है दुकानदारों द्वारा औने-पौने दामों पर बेचा जा रहा है। उर्वरक विक्रेता भी ऊपर से कम यूरिया मिलने की बात कहकर किसानों से मनमाफिक दाम वसूल रहे हैं। अधिकांश दुकानदारों द्वारा किसानों को रसीद भी नहीं दिया जाता है। किसानों ने बताया कि सरकारी दर पर मांगने पर विक्रेताओं द्वारा उर्वरक उपलब्ध नहीं होने की बात कही जा रही है। खासकर ऐसे किसान जिन्हें जरूरी कागजात नहीं रहते हैं वैसे किसानों को उर्वरक लेने में पसीने में छूट जाते हैं। ऐसे में किसानों को विवश होकर महंगे दामों पर उर्वरक खरीदकर खेतों में डालना पड़ रहा है। इसके अलावे बदाईदार व सूद भरना आदि लेकर खेती करने वाले किसानों के सामने भी कई तरह की परेशानी है।
उर्वरक वितरण में एकरूपता नहीं:
जिले के अलग-अलग प्रखंड क्षेत्रों के उर्वरक विक्रेताओं का कहना है कि उर्वरक के थोक विक्रेताओं की मनमानी के चलते उनलोगों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ रही है। उर्वरक वितरण में एकरूपता नहीं रहने के कारण उर्वरक के खुदरा विक्रेताओं को समान रूप से उर्वरक की आपूर्ति नहीं हो पाती है। अररिया, भरगामा व नरपतगंज के कई विक्रेताओं ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि विभागीय स्तर से उर्वरक के खुदरा विक्रेताओं की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जाता है। थोक विक्रेता मनमाने तरीके से निर्धारित दर से अधिक कीमत देने वाले और यूरिया के साथ दूसरे कीटनाशक समेत अन्य सामग्रियों की खरीद करने वाले दुकानदारों को तरजीह दी जाती है, इस कारण सभी विक्रेताओं को समान रूप से उर्वरक की आपूर्ति नहीं हो पाती है और किसानों को दिक्कतें झेलनी पड़ती है। उर्वरक की मांग करने पर अगले लॉट में देने की बात कहकर टाल मटोल किया जाता है। ऐसे में जरूरत है कि थोक विक्रेताओं की मनमानी पर रोक लगाते हुुए विभागीय स्तर से हर दुकानदारों को जरूरत के हिसाब से उर्वरक वितरण करायी जाय ताकि अधिक से अधिक किसानों तक यूरिया पहुंच सके।
क्या कहते हैं अधिकारी:
इधर जिला कृषि पदाधिकारी गौरव प्रताप सिंह ने बताया कि जिले में उर्वरक की कमी है। पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है। लगातार उर्वरक की आपूर्ति भी हो रही है। उर्वरक वितरण की वे खुद निगरानी कर रहे हैं और गड़बड़ी बरतने वाले उर्वरक विक्रेताओं पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि उर्वरक वितरण में गड़बड़ी बरते जाने पर किसान इसकी शिकायत करें, मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिले के हर विक्रेताओं को उर्वरक मिल जाए इसका भी विशेष ध्यान रखा जाता है।
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