दीवानी न्यायालय के स्थापना समारोह में फौजदारी न्यायालय की उठी मांग
सोमवार को फारबिसगंज सिविल कोर्ट का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर सभी उपस्थित लोगों ने इस न्यायालय के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। वक्ताओं ने न्यायालय की समस्याओं पर चर्चा की और महिला...
फारबिसगंज, निज संवाददता। सोमवार को पूरी भव्यता के साथ फारबिसगंज सिविल कोर्ट का स्थापना दिवस मनाया गया। इस मौके पर कार्यक्रम के अतिथि से लेकर सदस्य एवं दर्शक तक ने अपने हाथ में लाइट जलाकर इस व्यवहार न्यायालय के उज्जवल भविष्य की कामना की। अध्यक्षता बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेश चंद्र वर्मा ने की जबकि संचालन अधिवक्ता सिराजुद्दीन मंसूरी ने की। इस मौके पर वक्ताओं ने अपनी-अपनी बातें रखी एवं जनप्रतिनिधियों से कई मांगे भी रखी। हालांकि फारबिसगंज की मुख्य पार्षद वीणा देवी ने अधिकार क्षेत्र से बाहर रहने के बावजूद महिला अधिवक्ता निशा कर्ण के मांग पर महिला शौचालय आदि बनवाने का आश्वासन दिया। इसके अलावा अन्य समस्याओं की ओर भी लोगों को ध्यान अवगत कराया गया।
अध्यक्ष लीगल एंड डिफेंस व अररिया न्यायालय के अधिवक्ता विनय कुमार ठाकुर ने कहा कि फंड पर्याप्त है। किसी से कुछ मांगने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि विगत 4 नवंबर 2023 को पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के द्वारा इस सिविल कोर्ट का विधिवत उद्घाटन किया गया था। उस मौके पर डीएम और एसपी के अलावा जिला सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह जी मौजूद थे। मगर उस दिन समस्याओं पर बातें नहीं होनी थी। धीरे-धीरे इन समस्याओं का समाधान हो जाएगा। बिल्डिंग भी लगभग तैयार है। स्टाफ एवं अधिकारियों के क्वार्टर भी बना दिए गए हैं। उम्मीद है तीन-चार महीने में संपर्क सड़क की भी समस्या दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि फौजदारी न्यायालय के लिए हाई कोर्ट के इंस्पेक्टिंग जज से मिलना जरूरी है। यह भी कहा कि केंद्र सरकार की एक स्कीम है जिसके तहत प्रत्येक जिला में बार एसोसिएशन के आधारभूत संरचना के लिए 80 लाख रुपए का प्रावधान है। ऐसे में किसी से कुछ मांगने की जरूरत नहीं है। उन्होंने अधिवक्ताओं की सुरक्षा पर भी चर्चा किया और कहा कि बिना बार एसोसिएशन के सैंक्शन के बिना वकीलों के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं होनी चाहिए ।
उच्च न्यायालय पटना के अधिवक्ता सदानंद मिश्रा ने कहा कि क्रिमिनल कोर्ट चालू नहीं होने का दुख है। इसके लिए अधिवक्ताओं को संगठित होने की जरूरत है। उन्होंने बार एसोसिएशन के एक प्रतिवेदन इंस्पेक्टिंग जज को देने की सलाह दी। कहा कि उम्मीद है 2025 के अंदर ही क्रिमिनल कोर्ट आ जाएगा। अगर सभी अधिवक्ता एक जुट रहें।
मुख्य अतिथि एवं बिहार बार काउंसिल पटना के सदस्य वरीय अधिवक्ता राजीव शरण ने कहा कि अभी तक व्यवहार न्यायालय काम चलाऊ रहा है। त्वरित न्याय नहीं मिल रहा है। अभी क्रिमिनल कोर्ट की जरूरत है । कहा पूर्णिया जिला न्याय मंडल में तीन-तीन अनुमंडल कोर्ट खुला एक वर्षों के अंदर क्रिमिनल जस्टिस के लिए सिस्टम तैयार हो गया। अब क्रिमिनल ट्रायल भी हो रहा है। वह यहां भी होना चाहिए, क्योंकि फारबिसगंज पूरी तरह सक्षम है। इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है परंतु कार्यरत नहीं है ।कहा मेरा हर सहयोग रहेगा आप लोग पटना इंस्पेक्टिंग जज से मिलिए । उससे अगर काम नहीं चले तो पीएलआई फाइल करें क्योंकि आपका यह डिमांड जायज है। यहां वकालत खाना के लिए जमीन एलोकेटेड है परंतु उसकी जमाबंदी और होल्डिंग जरूरी है। पटना उच्च न्यायालय के रामानंद शर्मा वर्सेस बिहार सरकार के एक निर्णय का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बार एसोसिएशन के आधारभूत संरचना के लिए एलॉटेड फंड का 30 प्रतिशत हिस्सा आधारभूत संरचना के लिए प्रावधान है । केंद्रीय एवं स्टेट गवर्नमेंट में अमेंडमेंट हुआ है। इस निर्णय का फायदा उठाकर पूर्णिया जिला बार एसोसिएशन ने अपना ऑडिटोरियम बनवा लिया 90 लाख से। उन्होंने कहा कि जिला बार एसोसिएशन को 90 लाख रुपए एवं सब डिवीजन स्तरीय संगठन को 50 लाख रुपए का प्रावधान है । मौके पर अतिथियों के अलावे मुख्य पार्षद बीणा देवी, नरपतगंज की मुख्य पार्षद सन्नो कुमारी, समाज सेवी मूलचंद गोलछा, वाहिद अंसारी, रमेश सिंह, शाहजहां शाद, सुरेंद्र यादव उर्फ ननकी यादव, दिलीप पटेल, अधिवक्ताओं में संगठन के महासचिव गोपाल मंडल, संतोष दास, राकेश देव, अबू तालिब, राहुल रंजन, टुन्ना दास, विजय निराला, शिवानंद मेहता , कौशल वर्मा, उर्मिला जैन सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं ने भी अपने-अपने विचार रखं।
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