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जिले को टीबी मुक्त बनाने में जुटा स्वास्थ्य विभाग, कई निर्देश

अररिया के स्वास्थ्य विभाग ने जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। आशा कार्यकर्ताओं को रोग के लक्षणों की पहचान और संभावित मरीजों को चिह्नित करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, अररियाTue, 12 Nov 2024 10:40 PM
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अररिया, वरीय संवाददाता स्वास्थ्य विभाग जिले को टीबी मुक्त बनाने के प्रयासों में जुटा है। इसे लेकर टीबी संबंधी मामलों की समय पर पहचान करते हुए रोगियों का समुचित इलाज सुनिश्चित कराने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। टीबी उन्मूलन अभियान की सफलता में आशा कार्यकताओं की भूमिका को महत्वपूर्ण मानते हुए उन्हें रोग के लक्षणों के प्रति जागरूक करते हुए संभावित मरीजों को चिह्नित करने की कवायद की जा रही है। इसी कड़ी में सिमराहा एपीएचसी में आशा कर्मियों का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार को आयोजित किया गया। इसमें भाग लेते हुए जिला टीबी व एड्स समन्वयक दामोदर शर्मा ने टीबी रोग से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी आशा कर्मियों के साथ साझा किया।

संदेहास्पद मरीजों को जांच के लिए करें प्रेरित:

जिला टीबी समन्वयक दामोदर शर्मा ने बताया कि टीबी रोगियों की खोज के लिये जल्द ही जिले में सघन रोगी खोज अभियान संचालित किया जाना है। इसे लेकर स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। ताकि अभियान के क्रम में अधिक से अधिक संभावित टीबी रोगियों को चिह्नितक कर उनका समुचित इलाज सुनिश्चित कराया जा सके। उन्होंने बताया कि अभियान के क्रम में आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर टीबी संबंधी लक्षणों के आधार पर संदेहास्पद मरीजों को चिह्नित कर उन्हें जरूरी जांच के लिये प्रेरित करेंगी।

सामान्य लक्षणों के आधार संभव है रोग की पहचान:

जिला यक्ष्मा रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ वाईपी सिंह ने बताया कि टीबी रोगियों की समय पर पहचान सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से आशा कर्मियों को विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्हें रोग के लक्षणों की पहचान, मरीजों से संवाद, प्रारंभिक जांच सुनिश्चित कराने में सक्षम बनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लंबे समय से खांसी, रात में पसीना आना, वजन कम होना, भूख की कर्मी रोग के सामान्य लक्षणों में शुमार हैं। संदेहास्पद मरीजों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र लाकर उनका प्रारंभिक जांच सुनिश्चित कराने व रोगियों के साथ प्रति संवेदनशील व सहानुभूति रवैया अपनाने के लिये उन्हें प्रेरित किया जा रहा है।

नि:शुल्क इलाज के साथ रोगियों को मिलती है कई सुविधाएं:

सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग टीबी उन्मूलन अभियान के सफल क्रियान्वयन पर विशेष जोर दे रहा है। इसे लेकर जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। जिले में टीबी मरीजों के समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध है। जो पूरी तरह नि:शुल्क है। इसके अलावा मरीजों को कई अन्य सरकारी सुविधाएं भी दी जाती है। टीबी के समुचित उपचार के लिये निरंतर सेवन की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन अभियान में आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका निर्णायक है।

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