देवउठनी एकादशी व तुलसी विवाह पर भक्तो ने की पूजा-अर्चना
फारबिसगंज में देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर महिलाओं ने उपवास रखा और तुलसी वृक्ष की पूजा की। पंडितों के अनुसार, एकादशी का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन भगवान...
फारबिसगंज, एक संवाददाता। फारबिसगंज सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में मंगलवार को देवउठनी एकादशी एवं तुलसी विवाह पूजन धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मौके पर महिलाओं ने उपवास कर संध्या बेला तुलसी वृक्ष की पूजा-अर्चना कर प्रसाद व भोजन ग्रहण किया। इस संबंध में मारवाड़ी ठाकुरबाड़ी के पंडित अंगद दुबे और अभिषेक दुबे ने बताया की हिन्दु धर्म में एकादशी का बड़ा ही महत्व है। देवउठनी एकादशी को हरी प्रबोधिनी एकादशी या देवोत्थान एकादशी तुलसी विवाह के रूप में भी जाना जाता है। पुराणों के मुताबिक कार्तिक मास में देवोत्थान एकादशी के दिन तुलसी-शालिग्राम विवाह संपन्न किया जाता है। इस विवाह के बाद ही सभी शुभ कार्य जैसे विवाह,उपनयन आदि प्रारंभ हो जाते है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु भी इसी दिन चार माह के शयन के बाद उठते है। इसलिये इसे देवउठनी के नाम से भी जाना जाता है। इस मौके पर शहर के देवउठनी एकादशी व तुलसी विवाह के मौके पर भक्तों ने अपने-अपने घरों स्थित तुलसी मंदिर व तुलसी स्थान को भव्य तरीके से सजाया। देर संध्या विधि-विधान से तुलसी विवाह कराया। साथ ही आतिशबाजी भी की गई। जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। वहीँ शहर के विभिन्न मंदिरों में महिलाओं ने दीये जलाकर सुख सम्रद्धि की कामना की। इस मौके पर कई मंदिरों में विशेष रूप से धार्मिक अनुष्ठान भी किया गया। जिससे माहौल पूरी तरह से भक्तिमय देखा गया।
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