अररिया के फारबिसगंज में लॉकडाउन के बाद बॉर्डर पर कर्फ्यू सा नजारा
इंडो-नेपाल के जोगबनी बॉर्डर पर लॉकडाउन के बाद कर्फ्यू सा नजारा है वही नो मैंस लैंड के दोनों और सुरक्षाकर्मी मुस्तैद होकर अपनी ड्यूटी निभा रहे...
इंडो-नेपाल के जोगबनी बॉर्डर पर लॉकडाउन के बाद कर्फ्यू सा नजारा है वही नो मैंस लैंड के दोनों और सुरक्षाकर्मी मुस्तैद होकर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं।
इन सबके बीच जोगबनी बॉर्डर पर मेडिकल सेवा के लिए मरीज को दर-दर भटक रहे हैं। इस मामले में सोमवार को जब हिन्दुस्तान ने बॉर्डर का का जायजा लिया तो सीमा के दोनों ओर कोरोना के संक्रमण का खौफ का साफ-साफ दिखा।
बॉर्डर पर जहां विरानगी छाई थी वहीं सीमा पर भारतीय सुरक्षाकर्मी के रूप में एसएसबी की महिला जवान व नेपाल में नेपाली आर्म्ड फोर्स के अपनी डयूटी निभा रहे थे । बॉर्डर पर जैसे ही फ्लैश चमका दोनों ओर के सुरक्षाकर्मी पॉजिशन में आ गए। मगर इसी बीच भारतीय साइड से एक महिला अपनी मरीज पति को लेकर भटक रहे थे। मरीज ने अपना नाम रमेश मुखिया बताया जो सुपौल जिले के पिपरा थाना अंतर्गत दीना पट्टी का निवासी था। मरीज का कहना था कि नेपाल के विराटनगर स्थित न्यूरो हॉस्पिटल में उसके सिर का सर्जरी हुआ था। सिर में कई कांटे लगे थे। आज चिकित्सक से दिखाना भी था तथा दवा भी नेपाल में ही उपलब्ध है । मगर लाख प्रयास के बावजूद मरीज को नेपाल की ओर नहीं जाने दिया गया। एसएसबी की महिला पदाधिकारी ने बताया कि अगर वे लोग जाने भी देंगे तो नेपाल के सुरक्षाकर्मी उन्हें नेपाल में नहीं घुसने देंगे। सीमा के दोनों ओर मेडिकल फैसिलिटी है मगर पहरेदारी इतना सख्त और माहौल इतना डरावना कि मरीज भी बॉर्डर पर परेशान दिख रहे थे।
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