बड़ा शिवालय पार्वती मंदिर को ले बैठक आयोजित
फारबिसगंज में मंदिर प्रबंधन से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए बैठक हुई। एसडीओ शैलजा पांडे ने पारदर्शिता और नैतिकता की आवश्यकता पर जोर दिया। समाज के सभी वर्गों को शामिल करने और मंदिर के विकास पर चर्चा...
फारबिसगंज । निज संवाददाता मंदिर पवित्र जगह होती है। पारदर्शिता जरूरी है। सेवा भाव रखिए। नफा नुकसान की बात से बचिए। नहीं तो समाज का विश्वास खत्म हो जाता है। इस तरह की स्थिति गुरुद्वारा में ,चर्च में, जैन मंदिर या मस्जिद में देखने को नहीं मिलता। तो फिर हम लोग इस मामले को यहां तक क्यों ले आए । सुंदरी मठ में 8 करोड़ रुपए से इनॉग्रेशन होगा। यहां भी हो सकता है। अगले 5 वर्षों में सीएम यहां आ सकते हैं । पीएम बराबर यहां आते हैं तो वे भी आ सकते हैं। समाज में हर तरह के लोग होते हैं । सभी की जरूरत होती है ।सभी की मदद जरूरी है। डिवाइड एंड रूल के कारण ही अंग्रेज यहां आए थे ।भक्तों के विषय में भी सोचिए। भगवान का अपमान ना करें ।लीगल कार्रवाई बेशक न हो मगर सभी लोग सब कुछ जानते हैं। नैतिकता जरूरी है । समिति का गठन होने की बात है । समिति में हर तरह के लोग होंगे। बैलेंस जरूरी है इसलिए मध्यम मार्ग अपनाना होगा। सूची को पटना भेजा जाएगा और वहीं से निर्देश मिलेगा । अभी अंचल पदाधिकारी इस मंदिर के अध्यक्ष हैं। न्यास परिषद से गाइड लाइन पर आगे बढ़ेगा काम। बिहार न्यास परिषद के नियम को ही फॉलो करना होगा । कमेटी गठन के बाद सभी को सूचना जाएगा। समाज के हर लोग उसे बैठक में रहेंगे । शादियां आदि का गाइडलाइन बनेगा। इसकी पंजी बनेगी । मंदिर का खाता खुलेगा। बड़ा शिवालय के नाम से 10 दिनों के अंदर मंदिर में चढ़े सभी जेवरात जमा करने होंगे। खाता के बाद लाकर खुलेगा। उसी में सारे जेवरात रहेंगे । क्योंकि मंदिर किसी का प्राइवेट प्रॉपर्टी नहीं होता है । उक्त बातें फारबिसगंज एसडीओ शैलजा पांडे ने गुरुवार की संध्या अनुमंडल सभागार में बड़ा शिवालय पार्वती मंदिर में चल रहे आपसी गुटबाजी व विवाद के समाधान को लेकर आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए कही। बैठक में मौजूद लोगों ने अपनी अपनी बातें रखें । खासकर मंदिर में समाज के लोगों को तरहीज नहीं मिलने, लोकल लोगों को सदस्य बनाने, मंदिर का विकास करने, सीसीटीवी कैमरा का अवलोकन करने, मंदिर को राजनीति का अड्डा नहीं बनाने,मंदिर को पारिवारिक संपत्ति से दूर रखने, जेवर का हिसाब देने, युवाओं को मौका देने, सामाजिक सामंजस्य से मंदिर का निर्माण आदि पर लोगों ने खुलकर बातें की। वही मंदिर के पुजारी पंडित गोपी रमन झा ने कहा कि मंदिर कैसे चल रहा है किसी को पता नहीं। मैं विकसित किया हूँ। जीवन को समर्पित कर दिया हूं। महिलाओं को ध्यान में रखकर काम करवाया। सफाई से लेकर पूजा तक खुद करते हैं । शिवालय के नाम पर चंदा क्यों हो रहा है । उन्हें डराया धमकाया जा रहा है ।उन्होंने अन्य कई तरह के आरोप लगाए। वहीं बैठक में मौजूद जहां बड़ी संख्या में युवाओं ने कमेटी में युवाओं को भागीदार बनाने एवं नए सिरे से कमेटी एवं मंदिर का संचालन करने पर जोर दिया। वहीं राकेश रौशन सहित कई लोगों ने पुजारी और उसके पारिवारिक बिस्तार पर आपत्ति जताई। किसके साथ ही विगत 2023 में पारित पत्र व निर्देश पर भी लोगों ने अपने-अपने तरीके से चर्चा की। इस मौके पर एसडीओ के अलावा एसडीपीओ मुकेश कुमार साहा, मुख्य पार्षद बीना देवी, उपमुख्य पार्षद नूतन भारती, सीओ व वर्तमान मंदिर के अध्यक्ष ललन कुमार ठाकुर ,थाना अध्यक्ष राघवेंद्र कुमार सिंह, पुजारी पंडित गोपीनाथ झा, महा पूजा समिति के अध्यक्ष मूलचंद गोलछा ,समाजसेवी रमेश सिंह, पवन मिश्रा, राकेश कुमार ,चंद्र मोहन, सौरभ कुमार जायसवाल, मनोज सोनी, नंदन ठाकुर, संजीत जायसवाल, लालूजी, प्रभात ओझा, कुमार सानू, विमल सिंह ,ननकी यादव सहित बड़ी संख्या में युवा वर्ग शामिल थे। इधर श्री गोलछा ने कहा कि सामाजिक सामंजस्य जरूरी।मंदिर को नए बनाने में करीब 03 करोड़ रुपये खर्च हो सकते है।
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