नोअररिया में बिहार बंद का रहा मिला जुला असर, भरगामा में असरदार
अररिया में बीपीएससी 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर सांसद पप्पू यादव के आह्वान पर बिहार बंद का मिलाजुला असर रहा। अररिया-रानीगंज एनएच 327ई पर छात्रों ने सड़क जाम किया, लेकिन जाम आधे...
अररिया-रानीगंज एनएच 327ई अररिया कॉलेज के समीप छात्रों ने किया सड़क जाम बिहार बंद को लेकर पुलिस प्रशासन सुबह से ही चौक-चौराहों पर थी सतर्क
अररिया, निज संवाददाता
बीपीएससी 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर सांसद पप्पू यादव के आह्वान पर शुक्रवार को बिहार बंद का अररिया में मिला जुला असर रहा। अररिया शहर में बिहार बंद का कोई खास असर नहीं देखने को मिला। हालांकि भरगामा में तीन तो फारबिसगंज व रानीगंज में एक घंटे तक यातायात अवरूद्ध रहा। नरपतगंज में महज कुछ मिनट ही। बिहार बंद को लेकर शहर में पुलिस प्रशासन सुबह से ही सतर्क थी। वैसे अररिया-रानीगंज एनएच 327 ई अररिया कॉलेज के समीप जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि हलचल अली के नेतृत्व में युवकों ने सड़क जाम कर आवागमन ठप किया। लेकिन करीब आधे घण्टे बाद जाम हटा लिया गया। छात्र संघ के राजीव पोद्दार, रंजन वर्मा, रौशन राजपूत, सुलेमान, विवेक साह, धीरज,नासिर, सुमन, आदित्य सिंह, मिथलेश कुमार, मुन्ना, मनीष, आदित्य मिश्रा, कन्हैया, सूरज, सौरव सुमन, कुमोद, अनुज, आनंद, प्रेम, सुरेन्द्र, अजीत आदि सड़क जाम में शामिल थे। इधर शहर में अहले सुबह से ही पुलिस पदाधिकारी व बल सार्वजनिक स्थानों पर तैनात कर दिए गए थे। रेलवे स्टेशन, डाकधर, पेट्रोल पंप, सरकारी बैंकों व दूसरे कार्यालयों के आसपास भी सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था। रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए आरपीएफ के जवान जगह-जगह गश्त लगाते देखे गए। वही अररिया नगर के सभी प्रमुख मार्गों पर पुलिस का गश्ती दल लगातार भ्रमण करते हुए शरारती तत्वों पर नजर रखे हुए था। यहां बिहार बंद की घोषणा के बावजूद शहर की सभी दूकानें रोज की तरह खुली रही। सरकारी व निजी कार्यालय, अस्पताल, डाकधर व बैंक आदि प्रतिष्ठान भी आम दिनों की तरह खुली रही। वैसे सडकों पर यात्री व माल वाहक वाहनों का परिचालन काफी कम हुआ लेकिन छोटे वाहन, रिक्सा,आटो रिक्सा आदि का परिचालन सामान्य दिनों की तरह होता दिखा। पप्पू यादव के समर्थक जिला पार्षद प्रतिनिधि हलचल अली ने कहा कि बिहार का कोई भी प्रतियोगी परीक्षा पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से नहीं हो पाता है। सभी परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक हो जाना बिहार के छात्रों के भविष्य पर कुठाराघात है। सरकार में बैठे अधिकारियों द्वारा बड़े-बड़े माफियाओं, नेताओ और पैसे वालो से मोटी रकम लेकर मेहनती और मेघावी छात्रों के हक और अधिकार को बेचा जाता है, जो बर्दाश्त योग्य नहीं है।
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