अमर कथाकार रेणु जी समाजवादी विचारधारा के थे पुरोधा
भरगामा। एक संवाददाता भरगामा में रेणु साहित्य परिषद की ओर से प्रख्यात कथा
भरगामा। एक संवाददाता
भरगामा में रेणु साहित्य परिषद की ओर से प्रख्यात कथा शिल्पी फणीश्वर नाथ रेणु की पुण्यतिथि मनाई गई। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता जाने माने साहित्यकार अजय अकेला ने की। सबसे पहले रेणुजी के तैल्य चित्र पर सामूहिक रूप से पुष्पांजलि अर्पित की गई। मौके पर समाजसेवी गयानंद सिंह ने कहा कि रेणु जी ने अपनी कालजयी रचनाओं से न सिर्फ अपने देश में , बल्कि विदेशों में भी भारत का नाम रोशन किया। पूर्व जिला पार्षद सत्य नारायण यादव ने कहा कि रेणु ने प्रेमचंद की परंपरा को आगे बढ़ा कर ग्रामीण जन-जीवन को उजागर किया। जेपी आंदोलन सेनानी चंद्रा नंद झा चाणक्य व अरविंद पासवान ने कहा रेणु जी समाजवादी विचारधारा के पुरोधा थे, और समतामूलक समाज की संरचना करना चाहते थे। रेणु साहित्य परिषद के अध्यक्ष अजय अकेला ने बताया कि रेणु क्रांतिधर्मा लेखक थे । उन्होंने अपने देश को आजाद कराने के पश्चात 1950 में पड़ोसी देश नेपाल में राणा शाही के खिलाफ प्रजातंत्र की स्थापना में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। वरीय अधिवक्ता भूपेंद्र मेहता व समाजसेवी राजेंद्र मंडल ने कहा रेणु ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लंबी लड़ाई में अपना सर्वस्व होम कर दिया था। मौके पर संत भुवनेश्वर दास, पूर्व सरपंच भुवनेश्वर यादव, पृथ्वी मंडल, शशिकांत मिश्र, वासुदेव ठाकुर, शितांशु शेखर पिंटू, योगानंद यादव, महेंद्र मंडल, देव निरंजन चौधरी, सुरंजन , सदानंद मेहता, भवेश ठाकुर ,सुमन ठाकुर , मनीष यादव, सचिन शर्मा, विपिन यादव समेत रेणु कोचिंग सेंटर के प्रधानाचार्य विद्यानंद यादव और सेंटर के छात्र-छात्राओं आदि मौजूद थे।
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