वीकेएसयू : जैन और महाराजा कॉलेज के महिला छात्रावास छात्राओं को होंगे आवंटित
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-वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने प्रचार्यों को जारी किया पत्र -आवंटन नहीं होने पर किराये पर कमरा लेकर पढ़ाई को मजबूर हैं छात्राएं हि. असर आरा। निज प्रतिनिधि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कॉलेजों में वर्षों पूर्व बने महिला छात्रावासों में कुछ का आवंटन जल्द होगा। आवंटन नहीं होने और किराये पर कमरा लेकर छात्राओं के रहने संबंधित मामले को विश्वविद्यालय प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। आपके अपने प्रिय अखबार हिन्दुस्तान में तीन अक्टूबर को छात्रावास का आवंटन नहीं होने से छात्राओं को हो रही परेशानी शीर्षक से प्रमुखता से सचित्र खबर प्रकाशित होने पर विवि प्रशासन ने संज्ञान लिया है। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी के निर्देश पर कुलसचिव डॉ रणविजय कुमार ने कॉलेजों को छात्रावास के आवंटन को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया है। कुलसचिव ने आरा में विवि के मुख्यालय स्थित महाराजा कॉलेज और एचडी जैन कॉलेज के प्राचार्य को पत्र जारी कर कहा कि इच्छुक छात्राओं को छात्रावास आवंटित करते हुए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। साथ ही इसकी सूचना से वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय को अवगत कराने को कहा गया है। निर्माण के बाद भी नहीं रहा था आवंटन मालूम हो कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कई अंगीभूत और संबद्ध कॉलेजों में बने महिला छात्रावास अब तक छात्राओं को आवंटित नहीं किये जा सके हैं। इससे सैकड़ों छात्राएं परेशान हैं। छात्रावास का आवंटन नहीं होने से छात्राओं को किराया पर कमरा लेकर रहना पड़ रहा है। आरा, सासाराम, डुमरांव, रामगढ़, मोहनियां सहित अन्य जगहों पर कई अंगीभूत कॉलेजों के महिला छात्रावास आवंटन की बाट जोह रहे हैं। इधर, आवंटन नहीं होने से कुछ कॉलेजों का छात्रावास परिसर मवेशियों का चरागाह बन गया है, जबकि कुछ कॉलेज के कब्जे में ही नहीं हैं। वीर कुंवर सिंह विवि में स्नातक और पीजी का सत्र चालू हो गया है। मुख्यालय के वैसे कॉलेज, जहां के महिला छात्रावास वर्षों से बन कर तैयार हैं, वे अब तक छात्राओं को आवंटित नहीं किये जा सके हैं। इन कॉलेजों में दाखिला कराने वाली दूरदराज की छात्राओं को किराया पर कमरा लेकर रहना पड़ रहा है। इससे आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ रहा है, जबकि नियमित कक्षाएं शुरू हुए एक माह से अधिक समय बीत गया है। बावजूद कॉलेज इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। छात्र संगठन कई बार उठा चुके हैं आवाज मुख्यालय स्थित महाराजा कॉलेज और एचडी जैन कॉलेज के छात्रावास वर्षों से बन कर तैयार हैं। छात्रावास के आवंटन के सवाल पर छात्र संगठन आइसा, अभाविप सहित अन्य कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं, बावजूद आवंटन को ले कॉलेज अब तक दिलचस्पी नहीं लेते रहे हैं। मालूम हो कि यूजीसी के फंड से कॉलेजों में छात्रावास का निर्माण हुआ है। छात्राओं के लिए जब छात्रावास बना, तो उस वक्त खुशी का ठिकाना नहीं रहा, लेकिन अब तक छात्राओं को आवंटित नहीं किया जाना कई तरह के सवाल खड़ा करता है। अब तो स्थिति यह है कि छात्राओं के नहीं रहने से छात्रावास की स्थिति खराब हो रही है। बिजली के उपकरण, फर्नीचर आदि खराब हो रहे हैं। मालूम हो कि जैन कॉलेज के छात्रावास में सौ बेड तो अधिकतर में 40 से 60 बेड हैं। जैन कॉलेज का महिला छात्रावास अब तक आवंटित नहीं एचडी जैन कॉलेज का छात्रावास बनने के कई वर्ष बाद भी आवंटित नहीं हुआ। मालूम हो कि उद्घाटन के बाद कल्पना चावला महिला छात्रावास कई वर्ष तक जिला प्रशासन के कब्जे में रहा। इसके बाद कोरोना काल में यह अस्पताल भी बना। इसके बाद जिला प्रशासन ने इसे चुनाव कार्य के लिए अधिग्रहण किया। अब यह छात्रावास पिछले वर्ष के अप्रैल माह से ही प्रशासन के कब्जे में नहीं है। बाबजूद आवंटन नहीं हो रहा था। इधर, वर्ष 2019 में लगभग 90 लाख की लागत से बन कर तैयार महाराजा कॉलेज का महिला छात्रावास चहारदीवारी के कारण आवंटित नहीं हो रहा है, जबकि लाखों रुपये का फर्नीचर भी खरीदा गया है। यूजीसी विमेंस हॉस्टल फंड से इन जगहों पर बना है छात्रावास यूजीसी विमेंस हॉस्टल फंड से विवि अंतर्गत चारों जिलों में 11 कॉलेजों में महिला छात्रावास का निर्माण हुआ है। निर्माण पर कहीं 60 से 80 लाख तो कहीं एक करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। आरा में एचडी जैन कॉलेज, महाराजा कॉलेज आरा, बक्सर में डीके कॉलेज डुमरांव, कैमूर में जीबी कॉलेज रामगढ़, एमपी कॉलेज मोहनियां, रोहतास में एसपी जैन कॉलेज सासाराम, जेएलएन कॉलेज डेहरी ऑन सोन, एसएन कॉलेज शाहमल खैरा देव, एएस कॉलेज विक्रमगंज, आरएस कॉलेज तिलौथु, शेरशाह कॉलेज सासाराम में छात्रावास बन कर तैयार हैं। सिर्फ आवंटन होना बाकी है।
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