Hindi Newsबिहार न्यूज़आराVictory due to patience on increased stress as soon as a call comes from the hospital

अस्पताल से फोन आते ही बढ़ा तनाव पर धैर्य रखने से विजय

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Newswrap हिन्दुस्तान, आराMon, 19 April 2021 08:20 PM
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हिन्दुस्तान प्रतिनिधि

आरा। आरा शहर के गोला मोहल्ले के निवासी व सिविल कोर्ट के अधिवक्ता कोरोना को हराने में कामयाब रहे हैं। अभी कोरोनो की दूसरी लहर चल रही है। लिहाजा इस बारे में आपके अपने प्रिय अखबार हिन्दुस्तान से उन्होंने अपने अनुभव शेयर किये। वे बताते हैं कि कोरोना की पहली लहर आम लोगों के लिए किसी पहेली से कम नहीं थी। बुखार और खांसी से पीड़ित हुआ तो डॉक्टर की सलाह से पारासिटामोल, एंटीबायोटिक और सिरप का सेवन शुरू किया। इस बीच कोरोना जैसे लक्षण रहने के चलते जांच के लिए आरा सदर अस्पताल भी पहुंचा। वहां जांच कराई। इस बीच दवा के सेवन से मैं ठीक महसूस करने लगा। बुखार उतर गया था। सर्दी-खांसी भी ठीक हो गई थी। लेकिन, चार दिन बाद जब आरा सदर अस्पताल से फोन आया कि आप कोरोना पॉजिटिव हैं तो मानसिक तनाव शुरू हो गया। टीवी चैनल और अखबारों में कोरोना की भयावहता पढ़कर दिल घबराने लगता था। ठीक से नींद नहीं आती थी। मोहल्ले और शहर में सामाजिक दूरी को देखकर डर लगता था। अपने से ज्यादा परिवार और मोहल्ले के लोगों की चिंता सताती थी। मेरे कारण उनको कोई परेशानी नहीं हो, यह चिंता भी खाये जा रही थी। घर में तो ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन माप लेते थे। बॉडी टेंपरेचर भी माप लेते थे। फिर यह खबर आयी कि जिले के कोरोना पीड़ित ठीक हो रहे हैं तो धैर्य व साहस का बोध हुआ। लेकिन, जब आइसोलेशन सेंटर में भर्ती हुआ तो वहां डॉक्टर ने एक भी दिन ऑक्सीजन या टेंपरेचर नहीं मापा। एक भी दिन नहीं देखा और दसवें दिन बिना जांच के ही निगेटिव घोषित कर घर भेज दिया। आइसोलेशन सेंटर में घटिया किस्म के खाना व दूध की आपूर्ति होती थी। लेकिन, प्रशासनिक गाइड लाइन का पालन करना था, सो किया। इस दौरान यही अनुभव हुआ कि सतर्कता के साथ धैर्य व साहस नहीं खोने पर बड़ी से बड़ी बीमारी पर विजय प्राप्त की जा सकती है।

...और अब कोरोना से नहीं लगता है डर

कोरोना का मरीज बन जाने के समय से दो गज दूरी व मास्क पहनना दिनचर्या में शामिल हो गया है। ...और अब सही मायने में कहें तो करोना से डर नहीं लगता है। बस सतर्कता बरतनी चाहिए और सावधान रहना चाहिए। मैंने टीका का पहला डोज भी ले लिया है। समय आने पर दूसरा डोज भी लेने का इंतजार कर रहा हूं।

-अमित कुमार गुप्ता, अधिवक्ता

गोला मोहल्ला, आरा

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