वीकेएसयू : व्यावसायिक कौशल विकास की ट्रेनिंग योजना का विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ
-पढ़ाई के साथ कमाई योजना का आदेश किया गया है जारी पाठ्यक्रमों में व्यावसायिक कौशल ट्रेनिंग करनी है शामिल वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय
-पढ़ाई के साथ कमाई योजना का आदेश किया गया है जारी -पाठ्यक्रमों में व्यावसायिक कौशल ट्रेनिंग करनी है शामिल आरा। निज प्रतिनिधि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के हजारों विद्यार्थियों को व्यावसायिक कौशल विकास की ट्रेनिंग योजना का लाभ मिलेगा। यूजीसी के निर्देश का पालन अगर विवि प्रशासन करता है, तो हजारों विद्यार्थी इससे लाभान्वित होंगे। हालांकि यूजीसी के व्यावसायिक कौशल विकास ट्रेनिंग देने के निर्देश का पालन अब तक वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय और इसके कॉलेजों में अब तक नहीं हो पाया है। दरअसल यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) ने विद्यार्थियों की पढ़ाई के साथ-साथ कमाई करने से संबंधित एक निर्देश फरवरी माह में जारी किया था। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय और कॉलेजों में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को इस पहल के धरातल पर आने का इंतजार है। इसमें गरीब व पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों को शामिल किया गया है। इन विद्यार्थियों को पढ़ाई के दौरान ही रोजगार या फिर अपना काम शुरू करने के लिए सशक्त बनाया जाना है। मालूम हो कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की विशेषज्ञ समिति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के तहत सामाजिक-आर्थिक वंचित वर्ग के युवाओं को समान मौके देने के लिए दिशा-निर्देश तय किया है। इसमें विद्यार्थियों को अर्न व्हाइल लर्न यानी पढ़ाई के साथ कमाई योजना के तहत सशक्त बनाया जाना है। इसके लिए पढ़ाई के दौरान ही विद्यार्थियों को व्यावसायिक कौशल ट्रेनिंग कराई जायेगी। शाहाबाद क्षेत्र के चारों जिला अंतर्गत एक सरकारी विश्वविद्यालय और 19 अंगीभूत महाविद्यालय हैं। इनमें हजारों विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिनको इस नई पहल का लाभ मिल सकेगा। इन वर्गों के विद्यार्थी होंगे शामिल जानकारों की मानें तो इस पहल से महिला, ट्रांसजेंडर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ईडब्ल्यूएस, ओबीसी, अल्पसंख्यक, क्षेत्रीय भाषा माध्यम स्कूल, पहली पीढ़ी के शिक्षित वर्गों को सशक्त बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा दिव्यांगों की श्रेणी में 40 फीसदी से अधिक वाले दिव्यांग और शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक दिव्यांगजन के अलावा बीपीएल, प्रवासी समुदाय, बाल भिखारी, असुरक्षित स्थितियों में रहने वाले विद्यार्थी समेत कोरोना में माता-पिता खोने वाले विद्यार्थियों को आगे लाने पर काम होगा। विश्वविद्यालय और महाविद्यालय अपने स्तर पर इनका चयन करेंगे। इसके बाद इन विद्यार्थियों को कौशल विकास की ट्रेनिंग दी जानी है। इसके बाद ये विद्यार्थी आत्मनिर्भर बन सकेंगे। यूजीसी के आदेशानुसार विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों को इसके तहत 15 वर्षीय कार्यक्रम तैयार करने होंगे। यूजीसी ने उच्च शिक्षा संस्थानों को संस्थागत विकास योजना के तहत कोर्स में व्यावसायिक कौशल ट्रेनिंग को शामिल करने को कहा है। क्या कहते हैं अधिकारी यूजीसी के इस निर्देश का अध्ययन किया जायेगा। विद्यार्थियों के हित में यह अच्छी पहल है। इसके लिए सक्षम स्तर पर निर्णय लेकर आगामी कार्रवाई की जाएगी ताकि विद्यार्थियों को लाभ मिल सके। डॉ रणविजय कुमार, कुलसचिव, वीकेएसयू
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