भगवान की प्राप्ति के लिए भक्ति योग साधन सबसे श्रेष्ठ : जीयर स्वामी
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- सदर प्रखंड के सलेमपुर गांव स्थित काली मंदिर प्रांगण में चल रहा श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ - जीवन को शांतिमय जीते हुए अपने दिल व दिमाग को परमात्मा में लगाए रखना श्रेष्ठ है बड़हरा, संवाद सूत्र। आरा सदर प्रखंड के सलेमपुर गांव स्थित काली मंदिर के प्रांगण में आयोजित श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ सह तुलसी विवाह महोत्सव में यज्ञ मंडप की परिक्रमा व पूजा अर्चना करने के साथ श्री जीयर स्वामी जी प्रवचन के सुनने और दर्शन करने के लिए महिला-पुरुष श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। प्रवचन सुनने के लिए भव्य पंडाल बनाया गया है। यज्ञ में शनिवार के तीसरे दिन प्रवचन करते हुए श्री जीयर स्वामी जी महराज ने कहा कि श्री शुकदेवजी महाराज ने परिक्षित को बताया कि संसार में भगवान की प्राप्ति के लिए, व्यक्ति के कल्याण के लिए, उद्धार के लिए अलग- अलग साधन बताया गया है। इसमें सबसे उत्तम भक्ति योग साधन बताया गया है। भक्ति योग साधन सबसे श्रेष्ठ है। यह साधन सबके लिए सहज, सरल, सुलभ भी है। इससे बढ़ कर कोई श्रेष्ठ साधन नही है। भगवान के प्रति प्रेम रखना, होना ही भक्ति योग है। जीवन को शांतिमय जीते हुए हर परिस्थिति में अपने दिल व दिमाग को परमात्मा में लगाए रखना यही श्रेष्ठ है। परमात्मा का ध्यान करना ही भक्ति योग है। यही सबसे श्रेष्ठ है।
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