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वीकेएसयू : शिक्षकेतर कर्मियों की प्रोन्नति में विलंब, कर्मियों में नाराजगी

एचडी जैन कॉलेज और वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में शिक्षकेतर कर्मियों को 17 वर्षों से प्रोन्नति नहीं मिली है। कॉलेजों द्वारा कर्मियों की सूची समय पर न उपलब्ध कराने के कारण प्रोन्नति की प्रक्रिया धीमी...

Newswrap हिन्दुस्तान, आराSat, 18 Jan 2025 07:13 PM
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-एचडी जैन कॉलेज ने अब तक कर्मियों की सूची नहीं करायी है उपलब्ध -कंप्यूटर और टाइपिंग जानने वाले कर्मियों को ही मिलेगी प्रोन्नति -विवि और कॉलेजों में कार्यरत कर्मियों को 17 वर्षों से नहीं मिली है प्रोन्नति आरा। निज प्रतिनिधि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के प्रशासनिक कार्यालय, पीजी विभाग और अंगीभूत कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकेतर कर्मियों को प्रोन्नति देने की रफ्तार धीमी है। इससे कर्मचारियों में आक्रोश है। कुलपति के आदेश के बाद पिछले वर्ष कवायद तो तेज हुई, लेकिन प्रोन्नति की रफ्तार तेज नहीं हो सकी। नतीजा यह रहा है कि अब तक प्रोन्नति शुरू नहीं हो पायी है। हालांकि प्रोन्नति में विलंब के लिए कॉलेज भी दोषी हैं, क्योंकि कई कॉलेज निर्धारित तिथि तक प्रोन्नति के हकदार कर्मियों का डाटा विवि को तय समय पर उपलब्ध नहीं करा सके हैं। शहर के एचडी जैन कॉलेज की ओर से भी अब तक लिस्ट उपलब्ध नहीं करायी गयी है, जबकि विवि की ओर से कई बार मांग की गयी है। विवि की स्थापना शाखा की मानें तो जैन कॉलेज को पुनः स्मार पत्र भेजा गया है, क्योंकि अधिकतर कॉलेजों से लिस्ट प्राप्त हो चुकी है। विवि की कोशिश है कि जनवरी के अंतिम या फरवरी माह से प्रोन्नति की कवायद तेज हो जाये। बताया जाता है कि 20 जनवरी को प्रोन्नति से संबंधित संचिका कुलपति के पास भेजी जायेगी। जानकारों की मानें तो वीर कुंवर सिंह विवि में वर्ष 2007 के बाद कर्मियों को प्रोन्नति नहीं मिली है। प्रोन्नति नहीं मिलने से वे नियुक्ति के दौरान नियुक्त पद पर कार्य कर रहे हैं, जबकि तृतीय और चतुर्थ वर्ग में नियुक्त कर्मियों को आठ साल पर प्रोन्नति दिए जाने का नियम है। एलडीसी से यूडीसी, यूडीसी से एएस और एएस से एसओ में प्रोन्नति दी जाती है। आज स्थिति है कि सैकड़ों कर्मी एलडीसी के पद पर कार्य कर रहे हैं। विवि में सबसे अधिक वर्तमान में अनुकंपा पर नियुक्त कर्मी हैं, जिन्हें प्रोन्नति मिलनी है। विवि में प्रशाखा पदाधिकारी नहीं विवि में कर्मियों को प्रोन्नति नहीं मिलने के कारण प्रशाखा पदाधिकारी तक कार्यालयों में नहीं हैं। मौजूदा समय में एक भी प्रशाखा पदाधिकारी विवि में नहीं हैं। वहीं, सहायक पद पर भी मात्र एक कर्मी है। कॉलेजों में भी प्रधान सहायक नहीं हैं। अगर प्रोन्नति मिलती है तो प्रशाखा पदाधिकारी और सहायकों की संख्या बढ़ जायेगी। कंप्यूटर में दक्ष होना आवश्यक विवि और कॉलेजों के वैसे कर्मियों को ही प्रोन्नति मिलेगी, जो कंप्यूटर में दक्ष होंगे। इसे लेकर विवि प्रशासन ने सभी पीजी विभागाध्यक्ष, विवि मुख्यालय के कार्यालयों के प्रभारी और अंगीभूत कॉलेजों के प्राचार्यों को पत्र जारी किया था। कुलसचिव डॉ रणविजय कुमार ने विवि अंतर्गत कार्यरत तृतीय वर्ग के सभी शिक्षकेतर कर्मचारियों के कंप्यूटर और टाइपिंग अहर्ता की जानकारी मांगी गयी थी। इसके बाद अधिकतर कॉलेजों ने सूची उपलब्ध करा दी है। कुलसचिव ने बताया कि बिहार राज्य विवि अधिनियम के 1976 की अद्यतन संशोधित धारा 36 (7) के नियम परिनियम के आलोक में शिक्षकेतर कर्मचारियों को प्रोन्नति के लिए कंप्यूटर और टाइपिंग की जानकारी आवश्यक है। प्रोन्नति के समय कंप्यूटर ज्ञान की जांच करायी जायेगी। 125 कर्मियों को मिलेगी प्रोन्नति विवि में करीब 125 कर्मियों को प्रोन्नति मिलनी है। विवि सूत्रों की मानें प्रोन्नति के लिए सरकार ने नियम-परिनियम बदल दिया है। प्रोन्नति की मांग करने वाले कर्मियों को कंप्यूटर में दक्ष होना आवश्यक है। कई विवि में कर्मियों को लिखित परीक्षा और कंप्यूटर ज्ञान के आधार पर प्रोन्नति मिली है। वीर कुंवर सिंह विवि भी प्रोन्नति के मानकों को पूरा करते हुए शिक्षकेतर कर्मियों को प्रोन्नति देगा। बताया जाता है कि मार्च तक प्रोन्नति की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी। प्रोन्नति को ले कमेटी का हुआ है गठन शिक्षकेतर कर्मियों के प्रोन्नति को ले विवि प्रशासन ने कमेटी का गठन कर दिया है। बिहार राज्य विवि अधिनियम के तहत पांच सदस्यीय प्रोन्नति कमेटी का गठन हुआ है। कमेटी के अध्यक्ष कुलपति प्रो शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी हैं। कॉलेजों से मांगी जा चुकी है वरीयता सूची बता दें कि कर्मियों की प्रोन्नति को ले विवि प्रशासन की ओर से सभी अंगीभूत कॉलेजों और पीजी विभागों से कर्मियों की वरीयता सूची पूर्व में ही मांगी जा चुकी है। जिन कॉलेजों ने वरीयता सूची उपलब्ध करा दी है, उसका प्रकाशन भी विवि ने कर दिया है। अरसे से नहीं मिली है प्रोन्नति मालूम हो कि विवि में शिक्षकों को बीच-बीच में प्रोन्नति तो मिलती रही है, लेकिन कर्मियों को अरसे से प्रोन्नति नहीं मिल पायी है। बता दें कि करीब 18 वर्षों से कर्मियों को प्रोन्नति नहीं मिली है। कर्मियों को प्रोन्नति का लंबे समय से इंतजार है। कर्मचारी संघ और कई कर्मचारी नेता विवि प्रशासन से प्रोन्नति देने की मांग कर चुके हैं। कुलपति प्रो चतुर्वेदी ने प्रोन्नति पर संज्ञान लिया है। मालूम हो कि प्रोन्नति नहीं मिलने से कर्मी एक ही पद पर सेवा देने को मजबूर हैं।

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