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वीकेएसयू : नहीं खुला संबंधन का पोर्टल, छह कॉलेजों के संबंधन पर संकट

-तीन माह बाद भी नव संबंधन व स्थायी संबंधन के लिए नहीं खुल पाया पोर्टलज ज ज जसज ज ज ज

Newswrap हिन्दुस्तान, आराMon, 2 Dec 2024 07:01 PM
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-तीन माह बाद भी नव संबंधन व स्थायी संबंधन के लिए नहीं खुल पाया पोर्टल -अगले सत्र में आधा दर्जन कॉलेजों में नहीं हो पायेगा नामांकन, बढ़ेगी परेशानी आरा। निज प्रतिनिधि उच्च शिक्षा विभाग के संबंधन का पोर्टल तीन माह बाद भी नहीं खुल पाया है। पोर्टल नहीं खुलने और संबंधन को ले आवेदन नहीं होने से आधा दर्जन कॉलेजों के संबंधन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। पोर्टल पर आवेदन नहीं होने और स्थायी संबंधन और दीर्घीकरण नहीं मिलने पर अगले सत्र में छह कॉलेजों में नामांकन भी नहीं हो पायेगा। शिक्षा विभाग के उदासीन रवैये से कॉलेजों को परेशानी उठानी पड़ सकती है। बता दें कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय और राज्य सरकार से आगामी सत्र में संबंधन लेने के लिए इस बार कोई कॉलेज आवेदन नहीं क़र सके हैं। कॉलेज संबंधन को लेकर पंजीयन करने के लिए पोर्टल खुलने का इंतजार करते रहे, लेकिन नवंबर माह बीत गया और पोर्टल भी नहीं खुला। सितंबर माह में ही पोर्टल खुलना था और दिसंबर माह शुरू हो गया, लेकिन पोर्टल खुलने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। आधा दर्जन कॉलेजों की बढ़ी परेशानी आवेदन नहीं लिये जाने से विवि के आधा दर्जन कॉलेजों की परेशानी बढ़ गई है। इनमें वैसे कॉलेज अधिक परेशान हैं, जिन्हें एक सत्र के लिए ही संबंधन मिला है। इन कॉलेजों के आवेदन नहीं करने के कारण उनके संबंधन पर ब्रेक लगता दिख रहा है। अगले सत्र यानी 2025-26 में उनके यहां दाखिला भी नहीं होगा। मालूम हो कि आधा दर्जन कॉलेज ऐसे हैं, जिन्हे स्थायी संबंधन और दीर्घीकरण को लेकर आवेदन करना है। उनके संबंधन की अवधि चालू सत्र तक ही है। अगले सत्र के लिए दीर्घीकरण की आवश्यकता है। सितंबर माह में ही करने का है प्रावधान राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के पोर्टल पर नव संबंधन, दीर्घीकरण और स्थाई संबंधन की मांग करने वाले कॉलेजों को 15 सितंबर तक आवेदन करना था। इधर, 15 सितंबर तक आवेदन करने का पोर्टल नहीं खुला। कॉलेजों ने तीन माह तक पोर्टल खुलने का इंतजार किया है। पोर्टल नहीं खुलने से डिग्री कॉलेज के प्रबंधन परेशान है। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वे अब करें तो क्या करें, क्योंकि पोर्टल पर आवेदन करना आवश्यक है। पोर्टल नहीं खुलने से वीर कुंवर सिंह विवि के अलावा अन्य विवि के कॉलेज भी आवेदन नहीं कर पाये हैं। वीकेएसयू के संबंधन विभाग के अधिकारियों की मानें तो आवेदन नहीं करने वाले कॉलेज विवि का चक्कर लगा रहे हैं। अब संबंधन की प्रक्रिया में हो चुका है विलंब बता दें कि शिक्षा विभाग का संबंधन पोर्टल नहीं खुलने से संबंधन की प्रक्रिया में अब काफी विलंब हो चुका है। अब पोर्टल खुलता भी है, तो विवि स्तर से होने वाली प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायेगी। ऐसे शिक्षा विभाग के स्तर से पोर्टल खुलने को ले सिर्फ आश्वसन ही मिल रहा है। इस बार नये कॉलेजों ने भी आवेदन नहीं किया है। मालूम हो कि ऑनलाइन आवेदन के बाद कॉलेजों को ऑफलाइन आवेदन की कॉपी विवि के संबंधन विभाग में जमा करना होता है। इसके बाद विवि की ओर से कॉलेजों के भौतिकी सत्यापन को ले कमेटी का गठन किया जाता है। हर वर्ष सितंबर माह में कमेटी बन जाती थी, लेकिन इस बार आवेदन नहीं होने से कमेटी भी नहीं बनी। अक्टूबर माह तक जांच प्रक्रिया पूरी हो जाती थी। वैसे कॉलेज, जिन्होंने गत वर्ष संबंधन को आवेदन किया था और उनका आवेदन अस्वीकृत हो गया था, उन्हें भी पंजीयन करना है। ----------- वार्षिक बजट को ले मांगा गया प्रतिवेदन, ऑनलाइन डाटा भी हो रहा अपलोड आरा। निज प्रतिनिधि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के वित्तीय वर्ष 2025-26 के वार्षिक बजट को लेकर तैयारी शुरू कर दी गयी है। इस माह के अंतिम सप्ताह या जनवरी माह में सीनेट की बैठक आयोजित की जायेगी। बजट तैयार करने को लेकर विवि ने सभी अंगीभूत कॉलेज और पीजी विभागों से प्रस्तावित विभागीय आय व्ययक प्राक्कलन उपलब्ध कराने का पत्र जारी किया है। इसमें स्वीकृत पद पर कार्यरत शिक्षक और कर्मियों की सूची, वर्ष 2025-26 में सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षक और कर्मियों की सूची,वर्ष 2023-24 का वास्तविक, वर्ष 2024-26 में नामांकित अनुसूचित जाति, जनजाति और छात्र-छात्राओं की अनुमानित संख्या, शुल्क की क्षतिपूर्ति का विवरण, विभागीय कार्य योजना और अनुमानित आय - व्यय की रिपोर्ट पांच दिसंबर तक उपलब्ध कराने को कहा गया है। बता दें कि इस बार बजट का प्रतिवेदन तैयार करने के साथ-साथ ऑनलाइन भी सरकार को भेजा जा रहा है। शिक्षा विभाग के पत्र के आलोक में समर्थ पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है। शिक्षा विभाग के अनुसार समर्थ पोर्टल पर के माध्यम से बजट प्रस्तुत करने से बजट डिजिटल और पारदर्शी हो जायेगा। इस तरह विवि का बजट ऑनलाइन भी हो जायेगा। यह व्यवस्था अगले वित्तीय वर्ष से प्रभावी है। बता दें कि विवि की ओर से मांगे गये बजट प्रतिवेदन के बाद कई कॉलेज और विभागों ने हार्ड कॉपी उपलब्ध करा दी है।

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