पीएचसी में ऑक्सीजन न एम्बुलेंस, कैसे लड़ेंगे कोरोना से जंग
- माले ने नेताओं ने कई प्रखंडों के अस्पतालों का किया निरीक्षण जज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज...
आरा। हमारे प्रतिनिधि
जिले के पीएचसी की हालत काफी दयनीय है। न ऑसीजन की पर्याप्त व्यवस्था है और न ही एम्बुलेंस की उचित व्यवस्था है। एक ही एम्बुलेंस से कोरोना व समान्य मरीजों को लाने और ले जाने का काम हो रहा है। ऐसे में कोरोना से जंग कैसे लड़ेंगे, इस पर सवाल उठ रहा है। भाकपा माले की अलग-अलग टीम ने उदवंतनगर, जगदीशपुर, बिहिया व शाहपुर के अस्पतालों का निरीक्षण किया तो कई खामियां सामने आयीं। सबसे बड़ी बात तो यह रही कि कई केन्द्रों से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी तक नदारद मिले। टीम कोरोना की बढ़ती महामारी में प्रखंडों के अस्पतालों में जनता के इलाज का हाल जानने पहुंची थी। टीम ने पाया कि उदवंतनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी गायब थे और उनके अधीनस्थ डॉक्टरों के सहारे चल रहा था। कोरोना मरीजों के लिए बेड और ऑक्सीजन छह सिलेंडर रहते हुए भी फ्लोमीटर और एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं है। इसके साथ ही कई अन्य खामियां सामने आयीं। जगदीशपुर के रेफरल अस्पताल में भर्ती मरीजों से टीम ने मुलाका तकी। साथ ही डॉक्टरों से मिल उनकी स्थिति का जायजा लिया । निरीक्षण के दौरान पाया कि कोविड सेंटर में 10 डॉक्टर के विरुद्ध मात्र दो डॉक्टर कार्यरत हैं । पांच वर्षों से डॉक्टर नहीं हैं । कोरोना मरीजों के लिए एम्बुलेंस नहीं है। डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों का घोर अभाव है। अस्पताल में 51 मानक दवाओं के विरुद्ध मात्र 35 दवाइयां उपलब्ध है। अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था नहीं है। अगिआंव विधायक मनोज मंजिल के नेतृत्व में भाकपा माले की एक टीम थी, जिसमें उदवंतनगर नगर प्रखंड सचिव रामानुज , आइसा राज्य सचिव सबीर कुमार, माले जिला कमेटी सदस्य अजय कुमार गांधी, इनौस नेता राकेश कुमार, आइसा नेता गोलू कुमार शामिल थे। दूसरी टीम भाकपा माले केंद्रीय कमेटी सदस्य राजू यादव व तरारी विधायक सुदामा प्रसाद के नेतृत्व में निकली थी, जिसमे बिहियां - शाहपुर प्रभारी हरेंद्र सिंह और स्थानीय नेता शामिल थे।
बिहिया व शाहपुर में मुश्तैद मिले प्रभारी
बिहिया व शाहपुर के अस्पतालों में डॉक्टरों - नर्सों की कमी दिखी। एक सकारात्मक बात थी कि अन्य जगहों के प्रभारी चिकित्सक गायब मिले लेकिन यहां के प्रभारी अस्पताल में मौजूद रहे। टीम ने पाया कि कोरोना महामारी के इलाज की अलग से कोई व्यवस्था नहीं है। दवा व इलाज के उपकरण की कमी थी। शाहपुर में एक ही एम्बुलेंस से कोरोना या अन्य तरह के मरीज को लाने - ले जाने का काम हो रहा है, जो कोरोना प्रोटोकॉल के खिलाफ है। नेताओं ने कहा कि इस महामारी के दौर में सरकार जनता का जीवन बचाने में नाकाम है । नीतीश - भाजपा की सरकार लापरवाह बनी हुई है। लोग मर रहे हैं और स्वास्थ्य केंद्र के उचित इलाज की व्यवस्था नहीं है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।