पच्चीस लोगों की मौत के बाद भी सबक नहीं
कुल्हड़िया पंचायत ज ज जसज ज ज जसजज ज सजजज जसजज ज जसजज ज जसजज ज जसजज जसजज ज ज ज ज
कोईलवर। एक संवाददाता
कोईलवर थाना क्षेत्र की कुल्हड़िया पंचायत के कुल्हड़िया गांव में लगातार हो रहीं मौतों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा। कोरोना की दूसरी लहर के दरम्यान पिछले कुछ समय में एक-एक कर 25 लोगों की हुई मौतों ने सोन नदी घाट पर अंतिम संस्कार करने वालों की कतार लगा दी है। मरने वालों में जवान से लेकर बुजर्गों तक के नाम हैं, जिनमें से तो कइयों ने कोरोना खत्म होने तक अपने घर में ब्रह्मभोज तक टाल दिया है। लोगों की मानें तो इनमें से बुजुर्गों व नौजवानों की हुई मौतों में ज्यादातर में कोरोना संक्रमण जैसे लक्षण पाए गए थे। गांव में कोरोना संक्रमण का लोग अंदेशा जता रहे हैं। दबे मुंह से एकाध को छोड़ सभी के कोरोना संक्रमण से हुई मौत की बात भी बता रहे हैं। अलबत्ता जान गंवाने वाले लोग कोरोना संक्रमित थे या नहीं, जांच नहीं होने से इसकी आधिकारिक पुष्टि संभव नहीं है। इसके बाद भी न तो महामारी की रोकथाम के लिए पंचायत स्तर पर एहतियात बरतने की कोशिश की जा रही है और न कोई ठोस कदम उठाया जा रहा है। गांव वालों की मानें तो गांव समेत पूरी पंचायत में बड़ी संख्या में लोग सर्दी-खांसी व बुखार से पीड़ित हैं। फिर भी ग्रामीणों के जांच नहीं कराये जाने को ले कोरोना संक्रमण की पुष्टि नहीं हो पाई है। ऐसे वक्त में पूरे गांव के लोग सहम से गए हैं। बताते हैं कि यहां जांच कराने की भी कोई सुविधा नहीं है। गांव में तैनात एएनएम ने भी स्थानीय कोईलवर के सरकारी अस्पताल में कोई रिपोर्ट नहीं दी है और न किसी प्रतिनिधि की पहल ही कारगर दिखी है। कुछ लोग खुद को सर्दी-खांसी तो कुछ वायरल बुखार तो कुछ टाइफाइड के मरीज बताते हैं। जांच कराने में कोताही के कारण इनकी वास्तविक संख्या जानना मुश्किल हो गया है। गांव के गरीब परिवारों की दशा और खराब हो गई है। उनका तो उनका समुचित इलाज भी नहीं हो पा रहा है । स्थानीय अस्पताल में संसाधनों की कमी व प्रशासनिक लापरवाही भी इसका बड़ा कारण बताया जाता है। अब तक गांव में सेनिटाइजेशन की व्यवस्था नहीं कराई जा सकी है और न वार्डों में मास्क का ही वितरण हो सका है।
स्थानीय लोगों का एक दूसरे से दूरी बनाकर न रहना और हाल के दिनों में शादी-विवाह जैसे कार्यक्रम में हिस्सा लेने के क्रम में संक्रमित होना भी बड़ा खतरा बताया जाता है। स्थानीय गांव में ही लगने वाले बाजार में भीड़ को भी संक्रमण का प्रमुख कारण बताया जाता है। बाजार को कहीं अन्यत्र शिफ्ट करने की दिशा में भी कोई कदम नहीं उठाया गया है। घर के लोगों को छोड़ अब मोहल्ले के लोग भी दाह-संस्कार में जाने से परहेज करने लगे हैं तो वहीं श्राद्ध कार्यक्रम में जाने से ग्रामीण कतराने लगे हैं। ग्रामीणों की मानें तो इन सीरियल मौतों ने पूरे गांव के लोगों को चिंता में डाल दी है। वहीं प्रखंड मुख्यालय की सबसे नजदीक कुल्हड़िया पंचायत में कोरोना जांच व टीके की व्यवस्था कराया जाना प्रशासन की प्राथमिकता में नहीं दिखता।
कोट
राज्य सरकार ने पूरक योजना के तहत जीविका की ओर से मास्क खरीदने का आदेश दिया है। जल्द ही लोगों के बीच मास्क बांटे जायेंगे। पंचायत की ओर से सेनेटाइजेशन भी किया जाना है।
वीर बहादुर पाठक, बीडीओ, कोईलवर
कुल्हड़िया में शांति के लिए हवन व यज्ञ
कोईलवर। कोईलवर प्रखंड के कुल्हड़िया गांव में बीते माह 17 मौतें और विगत दो दिनों में हुई नौ मौतों ने गांव वालों को झकझोर दिया है। दहशत के इस माहौल में नकारत्मकता से बचने और मानसिक स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए पुरोहितों के एक वर्ग ने कोरोना से बचाव के लिए यज्ञ व हवन का आयोजन किया। मौके पर पुरोहित ने शांति के लिए पूरे विधि विधान के साथ हवन कराया। कोरोना संक्रमण से मरे व्यक्तियों की आत्मा की शांति की कामना की गई। पुजारियों ने कहा कि यह समय सभी के लिए मुश्किल भरा है, लेकिन हम सभी प्रार्थना के माध्यम से भी इस महामारी पर काबू पा सकते हैं तो वहीं हवन यज्ञ से हमारा पर्यावरण भी शुद्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि इस यज्ञ के आयोजन का मकसद कोरोना को भगाना नहीं है सिर्फ मानसिक स्थिति ठीक करना है जबकि आज भी वैक्सीन ही एक मात्र समाधान है। इसके लिए जिला प्रशासन को गांव में जांच व टीकाकरण को बढ़ावा देना चाहिए।
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